खेती—किसानी(संवाददाता)। राज्यों से खरीफ़ बुवाई के बारे में आरंभिक जानकारी मिल गई है। खरीफ़ बुवाई क्षेत्र 95 लाख हेक्टेयर को पार कर गया है। 20.06.2014 को प्राप्त सूचना के अनुसार, 7.59 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में चावल, 2.60 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में दालें, 12.29 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मोटे अनाज और 1.23 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में तिलहन की बुवाई की गई है।
Read Full Text......खत पढ़ों और घर बैठै 9 हजार रूपए महीना कमाओ Read Email & Get Money
My Great Web page
Saturday, June 21, 2014
खरीफ़ बुवाई बढ़ी : अब तक 95 लाख हेक्टेयर से ऊपर
Labels: Agriculture, cn, June-2014, New Delhi, wheat
Friday, October 19, 2012
प्रदेश में रबी सीजन में 104 लाख हेक्टेयर में बोवाई का कार्यक्रम
गत वर्ष की तुलना में चार लाख हेक्टेयर रकबा बढ़ेगा
प्रदेश
में इस साल 104 लाख हेक्टेयर में रबी फसलों की बोवनी की जायेगी। पिछले साल
रबी मौसम में 99 लाख 52 हजार हेक्टेयर रकबे में फसलें बोई गई थीं। पिछले
साल की तुलना में इस साल रबी क्षेत्रफल में 4 लाख 28 हजार हेक्टेयर की
वृद्धि भरपूर वर्षा के कारण होगी। किसानों को तिलहनी और दलहनी फसलों की
बोवाई संचित नमी के कारण करने की सलाह दी जा रही है।
Read Full Text......
Wednesday, May 23, 2012
केन्द्र ने दस लाख के विरुद्ध 2.65 लाख मी. टन गेहूँ ही उठाया
पारस जैन ने अधिकारियों के साथ की गेहूँ उपार्जन की समीक्षा
Bhopal:Tuesday, May 22, 2012
खाद्य, नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पारस जैन ने आज मंत्रालय में एक बैठक में किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन एवं बारदानों की उपलब्धता की समीक्षा की। बैठक में अपर मुख्य सचिव खाद्य श्री एंटोनी डीसा, प्रबंध संचालक राज्य सहकारी विपणन संघ श्री अजय तिर्की और नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक श्री चंद्रहास दुबे उपस्थित थे।
Read Full Text......
खाद्य, नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पारस जैन ने आज मंत्रालय में एक बैठक में किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन एवं बारदानों की उपलब्धता की समीक्षा की। बैठक में अपर मुख्य सचिव खाद्य श्री एंटोनी डीसा, प्रबंध संचालक राज्य सहकारी विपणन संघ श्री अजय तिर्की और नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक श्री चंद्रहास दुबे उपस्थित थे।
Saturday, May 19, 2012
बासठ लाख मीट्रिक टन से ऊपर पहुँची गेहूँ की खरीदी
व्यवस्थाओं पर राज्य सरकार रख रही है सतत निगाह
Bhopal:Saturday, May 19, 2012
मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदा जाने वाला गेहूँ प्रतिदिन नया रिकार्ड कायम कर रहा है। अब तक किसानों से 62 लाख 10 हजार मीट्रिक टन गेहूँ खरीदा जा चुका है। इतना ही नहीं उपार्जित गेहूँ में से 54 लाख 70 हजार मीट्रिक टन का सुरक्षित भण्डारण भी किया जा चुका है।
Read Full Text......
Saturday, May 12, 2012
प्रदेश के 2313 उपार्जन केन्द्रों में किसानों को मिलेंगी सुविधाएँ
मुख्य सचिव ने गेहूँ उपार्जन एवं भंडारण कार्य की समीक्षा की
Bhopal:Saturday, May 12, 2012
मुख्य सचिव श्री आर. परशुराम ने प्रदेश में हो रहे गेहूँ उपार्जन अभियान की आज मंत्रालय में समीक्षा की। मुख्य सचिव ने विशेष रूप से छह जिलों, धार, होशंगाबाद, हरदा, विदिशा, सीहोर और रायसेन में उपार्जित गेहूँ के खुले भंडारण के लिए की जा रही व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त की। इन जिलों के लिए अधिकृत प्रमुख सचिवों ने बगैर बारदानों के गेहूँ के सुरक्षित भंडारण के लिए प्रारंभ किए गए प्रयासों की जानकारी दी।
Read Full Text......
मुख्य सचिव श्री आर. परशुराम ने प्रदेश में हो रहे गेहूँ उपार्जन अभियान की आज मंत्रालय में समीक्षा की। मुख्य सचिव ने विशेष रूप से छह जिलों, धार, होशंगाबाद, हरदा, विदिशा, सीहोर और रायसेन में उपार्जित गेहूँ के खुले भंडारण के लिए की जा रही व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त की। इन जिलों के लिए अधिकृत प्रमुख सचिवों ने बगैर बारदानों के गेहूँ के सुरक्षित भंडारण के लिए प्रारंभ किए गए प्रयासों की जानकारी दी।
Wednesday, April 25, 2012
किसानों को गेहूँ बेचने में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो-सहकारिता मंत्री
सतना में आयोजित बैठक में समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी की समीक्षा
Bhopal:Tuesday, April 24, 2012
सहकारिता मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा है कि समर्थन मूल्य पर गेहूँ बेचने वाले किसानों को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होना चाहिये। उन्होंने गेहूँ खरीदी केन्द्र पर पेयजल के पर्याप्त इंतजाम किये जाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये। श्री बिसेन सोमवार को सतना में आयोजित बैठक में समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में सांसद श्री गणेश सिंह भी मौजूद थे।
Tuesday, April 24, 2012
गेहूँ बेचने किसानों को मोबाइल पर मिल रहा है न्यौता
बेझिझक गेहूँ बेच रहे हैं किसान कैप भंडारण भी हुआ तेज
Bhopal:Tuesday, April 24, 2012
समर्थन मूल्य पर गेहूँ बेचने के लिये पंजीकृत हो चुके किसान बेझिझक खरीदी केन्द्रों पर पहुँचकर गेहूँ दे रहे हैं। अपने मोबाइल फोन पर उन्हें बाकायदा इसका न्यौता मिल रहा है। इसके चलते भीड़-भाड़ का उन्हें सामना भी नहीं करना पड़ रहा है। उधर किसानों से खरीदे जा रहे गेहूँ का कैपों में भण्डारण भी शुरू हो गया है।
Thursday, April 19, 2012
अब प्रतिदिन औसतन सवा लाख मी. टन गेहूँ खरीद
3,880 करोड़ रुपये हो चुके हैं किसानों के नाम, 28.50 लाख मी. टन गेहूँ उपार्जित
Bhopal:Wednesday, April 18, 2012
प्रदेश में पिछले एक हफ्ते से समर्थन मूल्य पर हर रोज औसतन सवा लाख मीट्रिक टन गेहूँ खरीदा जा रहा है। इस रफ्तार के कायम रहने की सूरत में शेष 32 दिन में लगभग 70 लाख मीट्रिक टन तक गेहूँ खरीदी की संभावना है। इज़ाफा होने पर यह मात्रा 74 लाख मीट्रिक टन के आसपास पहुँचेगी। आज तक 28 लाख 50 हजार मीट्रिक टन गेहूँ खरीदा जाकर किसानों के बैंक खाते में 3,880 करोड़ रुपये भी जमा करवा दिये गये हैं।
Tuesday, December 6, 2011
गेहूँ खरीदी की कम्प्यूटरों में दर्ज होगी जानकारी
2163 समितियों को 5.73 करोड़ की राशि जारी,
Bhopal:Monday, December 5, 2011
प्रदेश में अगले रबी सीजन के दौरान समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी को लेकर सरकार पहले से सभी इंतजाम सुनिश्चित कर रही है। इसी कड़ी में गेहूँ खरीदी का समूचा रिकार्ड पुख्ता करने का फैसला भी इस साल अंजाम दिया जा रहा है। इस संबंध में सभी जरूरी सूचनाएँ कम्प्यूटर में हर रोज दर्ज होंगी। यह कार्रवाई प्रत्येक सरकारी समिति के जरिये पूरी की जायेगी।
Read Full Text......
प्रदेश में अगले रबी सीजन के दौरान समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी को लेकर सरकार पहले से सभी इंतजाम सुनिश्चित कर रही है। इसी कड़ी में गेहूँ खरीदी का समूचा रिकार्ड पुख्ता करने का फैसला भी इस साल अंजाम दिया जा रहा है। इस संबंध में सभी जरूरी सूचनाएँ कम्प्यूटर में हर रोज दर्ज होंगी। यह कार्रवाई प्रत्येक सरकारी समिति के जरिये पूरी की जायेगी।
Labels: 2011, Agriculture, cn, dec, mp, PolicyMatter, wheat
Tuesday, July 19, 2011
पूरी पारदर्शिता से हुई प्रदेश के किसानों से 49 लाख टन गेहूँ की खरीद
रिकार्ड गेहूँ उपार्जन खेती को लाभ का धंधा बनाने के प्रयासों का उदाहरण
Bhopal:Monday, July 18, 2011:
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पारस चंद्र जैन ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह द्वारा प्रदेश में समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूँ के संबंध में लगाये गये आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
Read Full Text......
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पारस चंद्र जैन ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह द्वारा प्रदेश में समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूँ के संबंध में लगाये गये आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
Labels: Agriculture, minister, mp, wheat
Tuesday, June 29, 2010
प्रदेश में 35 लाख मेट्रिक टन से अधिक गेहूँ का रिकार्ड उपार्जन
गेहूँ के रिकार्ड उपार्जन में मप्र पंजाब, हरियाणा के बाद तीसरे स्थान पर
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री श्री पारसचंद्र जैन ने कहा है कि मध्यप्रदेश में इस वर्ष रबी सीजन में 35.39 लाख मेट्रिक टन गेहूँ का रिकार्ड उपार्जन विभिन्न विभागों के अधिकारियों के बीच बेहतर समन्वय का परिणाम है।
Read Full Text......
Labels: Agriculture, mp, wheat
Wednesday, May 5, 2010
गेहूँ खरीदी में घपला उजागर
खाद्य आपूर्ति राज्यमंत्री श्री जैन ने मारा छापा
समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी में व्यापारियों से माल खरीदने की हिमाकत आज भोपाल जिले के बैरसिया में कृषक सेवा सहकारी समिति को महंगी पड़ गई। जिले के ग्रामीण अंचल की कई उचित मूल्य दुकानों और गेहूँ उपार्जन केन्द्रों का आज अचानक मुआयना करने पहुंचे खाद्य आपूर्ति राज्यमंत्री श्री पारसचंद्र जैन
Read Full Text......
Labels: Agriculture, minister, mp, parasjain, wheat
Sunday, May 2, 2010
उपार्जित गेहूँ को नहीं देंगे सड़न
8 लाख मैट्रिक टन के लिये खाली पड़े हैं गोदाम
अधिकाधिक किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूँ की खरीदी के साथ ही राज्य सरकार इसके उचित भण्डारण के लिए भी मुस्तैद है। इसके लिए हर ज़रूरी इंतज़ाम किया जाएगा। पिछले दो दिनों में प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की बूंदाबांदी के चलते कहीं से भी फिलहाल खुले में रखे गए गेहूँ के खराब होने की सूचना राज्य नियंत्रण कक्ष को नहीं मिली है।
Read Full Text......
Labels: Agriculture, mp, wheat
Friday, April 30, 2010
प्रदेश में अब तक 26 लाख मेट्रिक टन गेहूं खरीदी
खरीदी कार्य 15 जून तक चलेगा
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रदेश में चल रहे गेहूं उपार्जन कार्य की आज मंत्रालय में समीक्षा की। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में 28 अप्रैल तक 26 लाख 2 हजार 724 मेट्रिक टन गेहूं का उपार्जन करने के साथ ही किसानों को अब तक 2190 करोड़ रूपये की राशि का भुगतान किया जा चुका है।
Read Full Text......
Labels: Agriculture, mp, wheat
Thursday, April 29, 2010
गेहूँ उपार्जन अवधि घटाने की मांग
25 लाख मे. टन से ज्यादा गेहूँ समर्थन मूल्य पर खरीदा
प्रदेश में समर्थन मूल्य पर चल रही गेहूँ खरीदी पर सभी जन-प्रतिनिधि भी संतोष जता रहे हैं। आज मुरैना में सार्वजनिक वितरण प्रणाली और गेहूँ उपार्जन की संभागस्तरीय समीक्षा में यह तथ्य तब सामने आया जबकि दो कांग्रेसी विधायकों ने प्रदेश में इस योजना के संचालन को उपयुक्त बताया।
Read Full Text......
Labels: Agriculture, mp, wheat
Friday, April 9, 2010
किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करें - मुख्यमंत्री
प्रदेश में 7 अप्रैल तक 10 लाख 38 हजार मेट्रिक टन गेहूं का उपार्जन
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रदेश में चल रहे गेहूं उपार्जन कार्य की आज मंत्रालय में समीक्षा की। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अवनि वैश्य भी उपस्थित थे। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में 7 अप्रैल तक 10 लाख 38 हजार मेट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया जा चुका है।
Read Full Text......
Labels: 2010, Agriculture, ChiefSecretary, mp, wheat
Monday, February 22, 2010
प्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूँ की खरीद का काम व्यवस्थित रणनीति के मुताबिक
कृषि साख समितियां सब एजेंट बनेंगी
समर्थन मूल्य पर गेहूँ की खरीद का काम प्रदेश में एक सुविचारित और व्यवस्थित रणनीति के बतौर हाथ में लिया गया है। लक्ष्य को प्राप्त करने के साथ ही इस प्रक्रिया को साफ-सुथरा रखने की ठानी गई है।
इस सिलसिले में तय किया गया है कि पिछले साल गड़बड़ियां करने वाली दागी समितियों को इस बार उपार्जन प्रक्रिया से बाहर रखा जाएगा। प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को खरीदी करने वाली एजेंसियों का सब एजेंट बनाया जा रहा है। इसी तरह जिला स्तर पर उपार्जन के काम की निगरानी के लिए प्रशासकीय समितियां गठित की जा रही हैं।
गेहूँ उपार्जन से जुड़े हर काम की नियमित समीक्षा अभी से शुरू हो गई है। जो व्यावहारिक अड़चनें मैदानी अमला और एजेंसियां ध्यान में ला रहे हैं उनका तत्काल निदान किया जा रहा है ताकि ऐन मौके पर काम प्रभावित न हो और न ही किसी को बहाने का मौका मिले। यह जिम्मा विभाग के प्रमुख सचिव श्री अशोक दास खुद संभाल रहे हैं। कार्यक्षेत्रवार सब अफसरों में काम बांटा जा चुका है।
गेहूँ उपार्जन में खरीदी एजेंसियों के सब एजेंट नियुक्त किए जा रहे हैं। इसके लिए प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों का चयन किया गया है। कहीं पर ऐसी समितियों के नहीं होने की सूरत में राज्य सहकारी विपणन संघ से जुड़ी विपणन सहकारी संस्थाओं को सब एजेंट बनाया जाएगा। इन समितियों के स्वच्छ और सुगठित ढांचे के मद्देनज़र केवल उन समितियों को सब एजेंट के रूप में अधिकृत किया जा रहा है जो मध्यप्रदेश सहकारी समिति अधिनियम 1960 के तहत पंजीकृत हैं। इसके अलावा पिछले साल विभिन्न अनियमितताएं करने वाली और समय पर सूचनाएं नहीं भेजने वाली ऐसी समितियों को इस बार उपार्जन प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया है।
जिला सतर्कता प्रशासकीय समितियां
समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन की विभिन्न स्तरों पर मानीटरिंग की व्यवस्था की गई है। जिला स्तर पर इस उद्देश्य से प्रशासकीय समिति गठित होगी। इसका खाका भोपाल से तैयार कर जिलों को भेज दिया गया है।
इसके मुताबिक जिला कलेक्टर या उनके प्रतिनिधि की अध्यक्षता में यह प्रशासकीय समिति गठित होगी। इसमें सदस्यों के बतौर उप अथवा सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाएं, जिला आपूर्ति नियंत्रक या आपूर्ति अधिकारी, जिला अथवा शाखा प्रबंधक भारतीय खाद्य निगम, प्रबंधक जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक, उप संचालक कृषि, जिला प्रबंधक राज्य नागरिक आपूर्ति निगम, जिला प्रबंधक राज्य सहकारी विपणन संघ, जिला प्रबंधक या शाखा प्रभारी राज्य भण्डार गृह निगम और सचिव कृषि उपज मण्डी शामिल रहेंगे। जिला आपूर्ति नियंत्रक या आपूर्ति अधिकारी इस समिति के संयोजक भी होंगे।
Read Full Text......
गेहूँ उपार्जन से जुड़े हर काम की नियमित समीक्षा अभी से शुरू हो गई है। जो व्यावहारिक अड़चनें मैदानी अमला और एजेंसियां ध्यान में ला रहे हैं उनका तत्काल निदान किया जा रहा है ताकि ऐन मौके पर काम प्रभावित न हो और न ही किसी को बहाने का मौका मिले। यह जिम्मा विभाग के प्रमुख सचिव श्री अशोक दास खुद संभाल रहे हैं। कार्यक्षेत्रवार सब अफसरों में काम बांटा जा चुका है।
गेहूँ उपार्जन में खरीदी एजेंसियों के सब एजेंट नियुक्त किए जा रहे हैं। इसके लिए प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों का चयन किया गया है। कहीं पर ऐसी समितियों के नहीं होने की सूरत में राज्य सहकारी विपणन संघ से जुड़ी विपणन सहकारी संस्थाओं को सब एजेंट बनाया जाएगा। इन समितियों के स्वच्छ और सुगठित ढांचे के मद्देनज़र केवल उन समितियों को सब एजेंट के रूप में अधिकृत किया जा रहा है जो मध्यप्रदेश सहकारी समिति अधिनियम 1960 के तहत पंजीकृत हैं। इसके अलावा पिछले साल विभिन्न अनियमितताएं करने वाली और समय पर सूचनाएं नहीं भेजने वाली ऐसी समितियों को इस बार उपार्जन प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया है।
जिला सतर्कता प्रशासकीय समितियां
समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन की विभिन्न स्तरों पर मानीटरिंग की व्यवस्था की गई है। जिला स्तर पर इस उद्देश्य से प्रशासकीय समिति गठित होगी। इसका खाका भोपाल से तैयार कर जिलों को भेज दिया गया है।
इसके मुताबिक जिला कलेक्टर या उनके प्रतिनिधि की अध्यक्षता में यह प्रशासकीय समिति गठित होगी। इसमें सदस्यों के बतौर उप अथवा सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाएं, जिला आपूर्ति नियंत्रक या आपूर्ति अधिकारी, जिला अथवा शाखा प्रबंधक भारतीय खाद्य निगम, प्रबंधक जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक, उप संचालक कृषि, जिला प्रबंधक राज्य नागरिक आपूर्ति निगम, जिला प्रबंधक राज्य सहकारी विपणन संघ, जिला प्रबंधक या शाखा प्रभारी राज्य भण्डार गृह निगम और सचिव कृषि उपज मण्डी शामिल रहेंगे। जिला आपूर्ति नियंत्रक या आपूर्ति अधिकारी इस समिति के संयोजक भी होंगे।
Labels: Agriculture, mp, NEWS-Alerts, paddy, wheat
Saturday, February 20, 2010
समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी
पांच भाप्रसे अफसर करेंगे निगरानी, राज्य स्तर पर होगा कंट्रोल रूम
प्रदेश में 15 मार्च से शुरू होने जा रही समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी की तैयारियां तेज हो गई हैं। जिला स्तरीय निगरानी के साथ ही राज्य स्तर पर इस पूरे काम की देखरेख भारतीय प्रशासनिक सेवा के पांच आला अफसरों के जिम्मे की गई है।
किसानों की इस खरीदी से जुड़ी किसी दिक्कत को दूर करने राज्य स्तर पर जहां टेलीफोन हेल्पलाईन शुरू की जा रही है वहीं मैदानी क्षेत्रों से रोजमर्रा की रिपोर्ट भेजने और मार्गदर्शन लेने के लिये एक कंट्रोल रूम खोला जा रहा है। ये एक मार्च से काम करना शुरू कर देंगे।इस बार 35 लाख मे. टन गेहूँ समर्थन मूल्य पर खरीदा जायेगा। इसके मुताबिक व्यापक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। पूरी प्रक्रिया साफ-सुथरे ढंग से चलाने और इसके किसी स्तर पर कोई खामी या रोड़े पैदा न हों, शासन ने इसके पूरे बंदोबस्त किये हैं। इस सिलसिले में राज्य स्तर पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के पांच आला अफसरों को देखरेख का जिम्मा सौंपा गया है। प्रमुख सचिव खाद्य आपूर्ति श्री अशोक दास के नेतृत्व वाली इस टीम में आयुक्त खाद्य आपूर्ति, प्रबंध संचालक राज्य नागरिक आपूर्ति निगम, प्रबंध संचालक भंडार गृह निगम और प्रबंध संचालक राज्य विपणन संघ को शामिल किया गया है। जिला कलेक्टर अपने स्तर पर अलग से इस काम की समीक्षा के लिये जिम्मेदार होंगे। समीक्षा और निगरानी के क्षेत्र तय कर दिये गये हैं।
हर रोज़ देनी होगी जानकारी
समर्थन मूल्य पर खरीदी की पूरी विस्तृत रिपोर्ट जिसमें मात्रा, भुगतान, ढुलाई, भंडारण आदि के ब्यौरे होंगे, हर रोज़ राज्य स्तरीय समीक्षा के लिये भोपाल भेजी जाएगी। इसी तरह मंडियों में होने वाली इस खरीदी की जानकारी प्रतिदिन संचालक मंडी बोर्ड भेजेंगे। जानकारियों के संप्रेषण के लिये भोपाल में खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय में कंट्रोल रूम कायम किया गया है।
इसका टेलीफोन सम्पर्क नम्बर 1800-2336411 रहेगा। यह कंट्रोल रूम एक मार्च 2010 से 20 जून तक नियमित तौर पर सुबह 9 से रात्रि 9 बजे तक काम करेगा। इसी तरह किसानों की सहूलियत के लिये हेल्पलाईन का सम्पर्क नम्बर 155343 होगा।
Read Full Text......
Labels: Agriculture, mp, NEWS-Alerts, wheat
Thursday, February 18, 2010
प्रदेश में 1250 केन्द्रों पर खरीदेंगे गेहूँ
जरूरत के मुताबिक होगा विस्तार, खरीदी केन्द्रों के बुलाए नक्शे
समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदने के लिए प्रदेश में फिलहाल 1250 केन्द्र तय किए गए हैं। चूंकि 35 लाख मे. टन गेहूँ खरीदे जाने का लक्ष्य तय किया गया है इसलिए इस तादाद में आवश्यकता के अनुसार इजाफा किया जा सकेगा। पूरी प्रक्रिया की इस बार राज्य स्तरीय निगरानी और समीक्षा का बंदोबस्त किया गया है, लिहाजा खरीदी केन्द्रों के नक्शे और तयशुदा प्रारूप में वांछित जानकारी एक मार्च तक कलेक्टरों से भोपाल बुलवाई गई है।किसानों की सुविधा के लिए मण्डियों में पेयजल, जनरेटर आदि के पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं। जानकारियों के संकलन के लिए कम्प्यूटरों का इस्तेमाल किया जा रहा है और इसका इंतजाम 10 मार्च तक करने को कहा गया है। मण्डियों में उपार्जन के दौरान बिजली, इलेक्ट्रॉनिक तौल-कांटों और पर्याप्त तुलावटियों की व्यवस्था की जा रही है। सारी मण्डियों में नमी मापक यंत्र उपलब्ध कराए जा रहे हैं ताकि औसत अच्छी किस्म के गेहूँ की खरीद के लिए तयशुदा नमी के प्रतिशत की जांच स्थल पर ही की जा सके।
खरीदी केन्द्र जुड़ेंगे गोदाम से
उपार्जन व्यवस्था को पुख्ता और साफ-सुथरी बनाने के लिए गेहूँ खरीदी केन्द्रों को जोड़ा जा रहा है। इसके चलते भण्डारण में अफरातफरी की स्थिति भी नहीं उपजेगी। चूंकि हर खरीदी केन्द्र अपने तयशुदा भण्डार गृह से जुड़ा रहेगा इसलिए माल के परिवहन का रास्ता और स्थान भी पहले से निश्चित होगा। इसी मकसद से गोदामों और खरीदी केन्द्रों की सूचनाओं को पहले से इकट्ठा किया जा रहा है।
गफलत में नहीं रहेंगे किसान
कोई बिचौलिया या अन्य अवांछित तत्व किसानों से बारदाने, सुतली, स्टीचिंग मशीन, कांटा-बांट आदि का इंतजाम खुद करने को कहता है तो सीधे पकड़ में आ जाएगा। किसानों से कहा गया है कि ये सारे इंतजाम सरकार खुद कर रही है इसलिए उन्हें बिचौलियों या व्यापारियों के किसी भड़कावे में नहीं आना है।
Read Full Text......
खरीदी केन्द्र जुड़ेंगे गोदाम से
उपार्जन व्यवस्था को पुख्ता और साफ-सुथरी बनाने के लिए गेहूँ खरीदी केन्द्रों को जोड़ा जा रहा है। इसके चलते भण्डारण में अफरातफरी की स्थिति भी नहीं उपजेगी। चूंकि हर खरीदी केन्द्र अपने तयशुदा भण्डार गृह से जुड़ा रहेगा इसलिए माल के परिवहन का रास्ता और स्थान भी पहले से निश्चित होगा। इसी मकसद से गोदामों और खरीदी केन्द्रों की सूचनाओं को पहले से इकट्ठा किया जा रहा है।
गफलत में नहीं रहेंगे किसान
कोई बिचौलिया या अन्य अवांछित तत्व किसानों से बारदाने, सुतली, स्टीचिंग मशीन, कांटा-बांट आदि का इंतजाम खुद करने को कहता है तो सीधे पकड़ में आ जाएगा। किसानों से कहा गया है कि ये सारे इंतजाम सरकार खुद कर रही है इसलिए उन्हें बिचौलियों या व्यापारियों के किसी भड़कावे में नहीं आना है।
Labels: Agriculture, mp, NEWS-Alerts, wheat
Wednesday, January 13, 2010
मप्र में मावठे से गेहूँ का रिकार्ड उत्पादन का अनुमान
कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती रंजना चौधरी द्वारा रबी फसलों की समीक्षा
मध्यप्रदेश में रबी सीजन में पिछले वर्ष अक्टूबर, नवम्बर एवं दिसम्बर माहों में हुई बारिश से रबी की बोनी का रकबा लगभग 11 लाख हेक्टेयर तक बढ़ गया है। प्रदेश में इस वर्ष 95.36 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में किसानों द्वारा रबी की बोनी की गई है। रबी सीजन में गेहूँ की बोनी 42.3 लाख हेक्टेयर तथा चने की बोनी 32.3 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में की गई है। प्रदेश में समय पर मावठा गिरने से गेहूँ का उत्पादन पिछले वर्ष के मुकाबले 15 प्रतिशत अधिक आने का अनुमान लगाया गया है। कृषि विभाग को अनुमान है कि इस वर्ष प्रदेश में 85 लाख मैट्रिक टन गेहूँ का उत्पादन होगा। यह जानकारी पिछले दिनों मंत्रालय में कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती रंजना चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में दी गई।
सामयिक मावठे से गेहूँ का रिकार्ड 85 लाख मैट्रिक टन उत्पादन का अनुमान
रबी सीजन में लक्ष्य से अधिक 95.36 लाख हेक्टेयर में बोनी
रबी सीजन में 15.70 लाख मैट्रिक टन रसायन उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित की गई
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती रंजना चौधरी ने बताया कि इस वर्ष रबी की बोनी पिछले वर्ष के मुकाबले 113 प्रतिशत है। प्रदेश में किसानों को उनकी मांग के अनुसार रसायन उर्वरक मिल सके इसके लिये भी केन्द्रीय रसायन मंत्रालय एवं रेल मंत्रालय से निरंतर सम्पर्क कर इसकी आपूर्ति सुनिश्चित की गई। प्रदेश में इस रबी सीजन में अब तक 15.70 लाख मैट्रिक टन उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित की गई, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 25 प्रतिशत अधिक है। किसानों को अब तक 13.81 लाख मैट्रिक टन उर्वरक का वितरण किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक है। प्रदेश में पिछले वर्ष के मुकाबले डीएपी की उपलब्धता 17.5 प्रतिशत एवं यूरिया की उपलब्धता 26 प्रतिशत अधिक रही है। कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती रंजना चौधरी के निर्देश पर आगामी वर्ष 2010-11 के लिये डीएपी उर्वरक की उपलब्धता के लिये अग्रिम भण्डारण की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है।
प्रदेश में इस वित्तीय वर्ष में किसानों को कृषि कार्य के लिये सहकारी बैंकों के माध्यम से 3 हजार 407 करोड़ रुपये का ऋण वितरण किया गया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक है।
प्रदेश में गेहूँ के अच्छे उत्पादन को देखते हुए शासकीय रूप से गेहूँ उपार्जन की व्यवस्था के लिये खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को अग्रिम व्यवस्था किये जाने के लिये कहा गया है।
Read Full Text......
सामयिक मावठे से गेहूँ का रिकार्ड 85 लाख मैट्रिक टन उत्पादन का अनुमान
रबी सीजन में लक्ष्य से अधिक 95.36 लाख हेक्टेयर में बोनी
रबी सीजन में 15.70 लाख मैट्रिक टन रसायन उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित की गई
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती रंजना चौधरी ने बताया कि इस वर्ष रबी की बोनी पिछले वर्ष के मुकाबले 113 प्रतिशत है। प्रदेश में किसानों को उनकी मांग के अनुसार रसायन उर्वरक मिल सके इसके लिये भी केन्द्रीय रसायन मंत्रालय एवं रेल मंत्रालय से निरंतर सम्पर्क कर इसकी आपूर्ति सुनिश्चित की गई। प्रदेश में इस रबी सीजन में अब तक 15.70 लाख मैट्रिक टन उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित की गई, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 25 प्रतिशत अधिक है। किसानों को अब तक 13.81 लाख मैट्रिक टन उर्वरक का वितरण किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक है। प्रदेश में पिछले वर्ष के मुकाबले डीएपी की उपलब्धता 17.5 प्रतिशत एवं यूरिया की उपलब्धता 26 प्रतिशत अधिक रही है। कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती रंजना चौधरी के निर्देश पर आगामी वर्ष 2010-11 के लिये डीएपी उर्वरक की उपलब्धता के लिये अग्रिम भण्डारण की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है।
प्रदेश में इस वित्तीय वर्ष में किसानों को कृषि कार्य के लिये सहकारी बैंकों के माध्यम से 3 हजार 407 करोड़ रुपये का ऋण वितरण किया गया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक है।
प्रदेश में गेहूँ के अच्छे उत्पादन को देखते हुए शासकीय रूप से गेहूँ उपार्जन की व्यवस्था के लिये खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को अग्रिम व्यवस्था किये जाने के लिये कहा गया है।
Labels: 2010, Agriculture, Medicinal, seasonal, wheat
Subscribe to:
Posts (Atom)