कृषि साख समितियां सब एजेंट बनेंगी
समर्थन मूल्य पर गेहूँ की खरीद का काम प्रदेश में एक सुविचारित और व्यवस्थित रणनीति के बतौर हाथ में लिया गया है। लक्ष्य को प्राप्त करने के साथ ही इस प्रक्रिया को साफ-सुथरा रखने की ठानी गई है।
इस सिलसिले में तय किया गया है कि पिछले साल गड़बड़ियां करने वाली दागी समितियों को इस बार उपार्जन प्रक्रिया से बाहर रखा जाएगा। प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को खरीदी करने वाली एजेंसियों का सब एजेंट बनाया जा रहा है। इसी तरह जिला स्तर पर उपार्जन के काम की निगरानी के लिए प्रशासकीय समितियां गठित की जा रही हैं।
गेहूँ उपार्जन से जुड़े हर काम की नियमित समीक्षा अभी से शुरू हो गई है। जो व्यावहारिक अड़चनें मैदानी अमला और एजेंसियां ध्यान में ला रहे हैं उनका तत्काल निदान किया जा रहा है ताकि ऐन मौके पर काम प्रभावित न हो और न ही किसी को बहाने का मौका मिले। यह जिम्मा विभाग के प्रमुख सचिव श्री अशोक दास खुद संभाल रहे हैं। कार्यक्षेत्रवार सब अफसरों में काम बांटा जा चुका है।
गेहूँ उपार्जन में खरीदी एजेंसियों के सब एजेंट नियुक्त किए जा रहे हैं। इसके लिए प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों का चयन किया गया है। कहीं पर ऐसी समितियों के नहीं होने की सूरत में राज्य सहकारी विपणन संघ से जुड़ी विपणन सहकारी संस्थाओं को सब एजेंट बनाया जाएगा। इन समितियों के स्वच्छ और सुगठित ढांचे के मद्देनज़र केवल उन समितियों को सब एजेंट के रूप में अधिकृत किया जा रहा है जो मध्यप्रदेश सहकारी समिति अधिनियम 1960 के तहत पंजीकृत हैं। इसके अलावा पिछले साल विभिन्न अनियमितताएं करने वाली और समय पर सूचनाएं नहीं भेजने वाली ऐसी समितियों को इस बार उपार्जन प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया है।
जिला सतर्कता प्रशासकीय समितियां
समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन की विभिन्न स्तरों पर मानीटरिंग की व्यवस्था की गई है। जिला स्तर पर इस उद्देश्य से प्रशासकीय समिति गठित होगी। इसका खाका भोपाल से तैयार कर जिलों को भेज दिया गया है।
इसके मुताबिक जिला कलेक्टर या उनके प्रतिनिधि की अध्यक्षता में यह प्रशासकीय समिति गठित होगी। इसमें सदस्यों के बतौर उप अथवा सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाएं, जिला आपूर्ति नियंत्रक या आपूर्ति अधिकारी, जिला अथवा शाखा प्रबंधक भारतीय खाद्य निगम, प्रबंधक जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक, उप संचालक कृषि, जिला प्रबंधक राज्य नागरिक आपूर्ति निगम, जिला प्रबंधक राज्य सहकारी विपणन संघ, जिला प्रबंधक या शाखा प्रभारी राज्य भण्डार गृह निगम और सचिव कृषि उपज मण्डी शामिल रहेंगे। जिला आपूर्ति नियंत्रक या आपूर्ति अधिकारी इस समिति के संयोजक भी होंगे।
गेहूँ उपार्जन से जुड़े हर काम की नियमित समीक्षा अभी से शुरू हो गई है। जो व्यावहारिक अड़चनें मैदानी अमला और एजेंसियां ध्यान में ला रहे हैं उनका तत्काल निदान किया जा रहा है ताकि ऐन मौके पर काम प्रभावित न हो और न ही किसी को बहाने का मौका मिले। यह जिम्मा विभाग के प्रमुख सचिव श्री अशोक दास खुद संभाल रहे हैं। कार्यक्षेत्रवार सब अफसरों में काम बांटा जा चुका है।
गेहूँ उपार्जन में खरीदी एजेंसियों के सब एजेंट नियुक्त किए जा रहे हैं। इसके लिए प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों का चयन किया गया है। कहीं पर ऐसी समितियों के नहीं होने की सूरत में राज्य सहकारी विपणन संघ से जुड़ी विपणन सहकारी संस्थाओं को सब एजेंट बनाया जाएगा। इन समितियों के स्वच्छ और सुगठित ढांचे के मद्देनज़र केवल उन समितियों को सब एजेंट के रूप में अधिकृत किया जा रहा है जो मध्यप्रदेश सहकारी समिति अधिनियम 1960 के तहत पंजीकृत हैं। इसके अलावा पिछले साल विभिन्न अनियमितताएं करने वाली और समय पर सूचनाएं नहीं भेजने वाली ऐसी समितियों को इस बार उपार्जन प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया है।
जिला सतर्कता प्रशासकीय समितियां
समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन की विभिन्न स्तरों पर मानीटरिंग की व्यवस्था की गई है। जिला स्तर पर इस उद्देश्य से प्रशासकीय समिति गठित होगी। इसका खाका भोपाल से तैयार कर जिलों को भेज दिया गया है।
इसके मुताबिक जिला कलेक्टर या उनके प्रतिनिधि की अध्यक्षता में यह प्रशासकीय समिति गठित होगी। इसमें सदस्यों के बतौर उप अथवा सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाएं, जिला आपूर्ति नियंत्रक या आपूर्ति अधिकारी, जिला अथवा शाखा प्रबंधक भारतीय खाद्य निगम, प्रबंधक जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक, उप संचालक कृषि, जिला प्रबंधक राज्य नागरिक आपूर्ति निगम, जिला प्रबंधक राज्य सहकारी विपणन संघ, जिला प्रबंधक या शाखा प्रभारी राज्य भण्डार गृह निगम और सचिव कृषि उपज मण्डी शामिल रहेंगे। जिला आपूर्ति नियंत्रक या आपूर्ति अधिकारी इस समिति के संयोजक भी होंगे।
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