गेहूँ के रिकार्ड उपार्जन में मप्र पंजाब, हरियाणा के बाद तीसरे स्थान पर
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री श्री पारसचंद्र जैन ने कहा है कि मध्यप्रदेश में इस वर्ष रबी सीजन में 35.39 लाख मेट्रिक टन गेहूँ का रिकार्ड उपार्जन विभिन्न विभागों के अधिकारियों के बीच बेहतर समन्वय का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण कार्य में प्रत्येक अधिकारी एवं कर्मचारी का उल्लेखनीय योगदान रहा है। श्री पारसचंद्र जैन आज भोपाल के प्रशासन अकादमी में आयोजित अधिकारियों की एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर मुख्य सचिव श्री अवनि वैश्य भी मौजूद थे।
प्रदेश में रबी सीजन के दौरान 35 लाख मेट्रिक टन से अधिक का रिकार्ड उपार्जन
किसानों को गेहूँ खरीद पर राज्य शासन की ओर से प्रति क्विंटल 100 रूपये बोनस दिया गया
रायसेन एवं हरदा जिले में 8 लाख मेट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन
प्रदेश में रबी सीजन के दौरान 35 लाख मेट्रिक टन से अधिक का रिकार्ड उपार्जन
किसानों को गेहूँ खरीद पर राज्य शासन की ओर से प्रति क्विंटल 100 रूपये बोनस दिया गया
रायसेन एवं हरदा जिले में 8 लाख मेट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री श्री पारसचंद्र जैन ने अपने संबोधन में कहा कि गेहूँ के रिकार्ड उपार्जन में मध्यप्रदेश पंजाब, हरियाणा के बाद तीसरे स्थान पर है। श्री जैन ने कहा कि खाद्यान्न का उपार्जन राज्य शासन की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने की रही है। गेहूँ के उपार्जन के दौरान किसानों को उनकी उपज का सही समय पर भुगतान किया गया।
इसके अलावा विभाग ने भण्डारण, ट्रांसपोटेशन एवं बारदाने की व्यवस्था में भी उल्लेखनीय कार्य किया है। किसानों को इस वर्ष 100 रूपये बोनस प्रति क्विंटल गेहूँ पर दिया गया है। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि खरीफ सीजन के दौरान भी धान की खरीदी में बेहतर समन्वय का प्रदर्शन किया जाये।
कार्यशाला को संबोधित करते हुये मुख्य सचिव श्री अवनि वैश्य ने कहा कि रबी सीजन में उपार्जन प्रक्रिया के दौरान प्रदेश भर में कहीं से भी कोई शिकायत नहीं आयी, कार्यक्रम की यह सबसे बड़ी सफलता है। उन्होंने कहा कि कलेक्टरों को अपने जिलों की मण्डियों की व्यवस्था पर लगातार नजर रखने की आवश्यकता है। मुख्य सचिव ने कहा कि उपार्जित किया गया गेहूँ उचित तरीके से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए जरूरतमंद तक पहुँचे विभाग के अधिकारियों को इस ओर भी ध्यान देने की आवश्यकता होगी।
प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति श्री अशोक दास ने कहा कि प्रदेश में जब 35 लाख मेट्रिक टन गेहूँ उपार्जन का लक्ष्य रखा गया था तो यह बहुत बड़ी चुनौती थी। विभाग ने इसके लिये जनवरी से रणनीति तैयार की थी। उन्होंने कहा कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की पहचान पूर्व के वर्षों में केवल पी.डी.एस. (पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम) संचालित करने तक होती थी।
कार्यशाला को संबोधित करते हुये मुख्य सचिव श्री अवनि वैश्य ने कहा कि रबी सीजन में उपार्जन प्रक्रिया के दौरान प्रदेश भर में कहीं से भी कोई शिकायत नहीं आयी, कार्यक्रम की यह सबसे बड़ी सफलता है। उन्होंने कहा कि कलेक्टरों को अपने जिलों की मण्डियों की व्यवस्था पर लगातार नजर रखने की आवश्यकता है। मुख्य सचिव ने कहा कि उपार्जित किया गया गेहूँ उचित तरीके से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए जरूरतमंद तक पहुँचे विभाग के अधिकारियों को इस ओर भी ध्यान देने की आवश्यकता होगी।
प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति श्री अशोक दास ने कहा कि प्रदेश में जब 35 लाख मेट्रिक टन गेहूँ उपार्जन का लक्ष्य रखा गया था तो यह बहुत बड़ी चुनौती थी। विभाग ने इसके लिये जनवरी से रणनीति तैयार की थी। उन्होंने कहा कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की पहचान पूर्व के वर्षों में केवल पी.डी.एस. (पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम) संचालित करने तक होती थी।
विभाग ने गेहूँ का रिकार्ड उपार्जन कर नये मापदंड स्थापित किये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रायसेन और हरदा जिले ऐसे हैं जहां आठ लाख मेट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन किया गया है। उन्होंने कहा कि आज इस कार्यशाला में भविष्य के लिये बेहतर भण्डारण एवं ट्रांसपोटेशन आदि बिन्दुओं पर चर्चा की जायेगी।
वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन के एम.डी. श्री अनिल श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में गेहूँ के वितरण की 22 लाख मेट्रिक टन की आवश्यकता होगी जो इसी से पूरी की जायेगी। आयुक्त खाद्य एवं नागरिक श्री अजीत केसरी ने कहा कि पूर्व के वर्षों में मध्यप्रदेश में 19 से 20 लाख मेट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन किया जाता था।
इस वर्ष लगभग 35 लाख मेट्रिक टन गेहूँ की खरीदी और किसानों को समय पर भुगतान कर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की गयी है। विभाग खरीफ के दौरान धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी करेगा। इस दौरान भी किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिये टोल फ्री नम्बर दिया जायेगा।
कार्यशाला में मध्यप्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा विगत दो वर्षों से रबी एवं खरीफ सीजन के पूर्व संबंधित विभागों के मैदानी अधिकारियों को प्रावधानों से अवगत कराया गया। कार्यशाला में उपार्जन एवं भण्डारण से संबंधित वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन, मध्यप्रदेश सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड, मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित, मण्डीबोर्ड, भारतीय खाद्य निगम, अपेक्स बैंक एवं समिति प्रबंधक के मैदानी अधिकारियों ने अपने अनुभव एवं सुझाव दिये। कार्यशाला में कई जिलों के कलेक्टरों ने अपने प्रजेन्टेशन दिये।
कार्यशाला में मध्यप्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा विगत दो वर्षों से रबी एवं खरीफ सीजन के पूर्व संबंधित विभागों के मैदानी अधिकारियों को प्रावधानों से अवगत कराया गया। कार्यशाला में उपार्जन एवं भण्डारण से संबंधित वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन, मध्यप्रदेश सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड, मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित, मण्डीबोर्ड, भारतीय खाद्य निगम, अपेक्स बैंक एवं समिति प्रबंधक के मैदानी अधिकारियों ने अपने अनुभव एवं सुझाव दिये। कार्यशाला में कई जिलों के कलेक्टरों ने अपने प्रजेन्टेशन दिये।
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