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Wednesday, January 13, 2010

मप्र में मावठे से गेहूँ का रिकार्ड उत्पादन का अनुमान

कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती रंजना चौधरी द्वारा रबी फसलों की  समीक्षा
मध्यप्रदेश में रबी सीजन में पिछले वर्ष अक्टूबर, नवम्बर एवं दिसम्बर माहों में हुई बारिश से रबी की बोनी का रकबा लगभग 11 लाख हेक्टेयर तक बढ़ गया है। प्रदेश में इस वर्ष 95.36 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में किसानों द्वारा रबी की बोनी की गई है। रबी सीजन में गेहूँ की बोनी 42.3 लाख हेक्टेयर तथा चने की बोनी 32.3 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में की गई है। प्रदेश में समय पर मावठा गिरने से गेहूँ का उत्पादन पिछले वर्ष के मुकाबले 15 प्रतिशत अधिक आने का अनुमान लगाया गया है। कृषि विभाग को अनुमान है कि इस वर्ष प्रदेश में 85 लाख मैट्रिक टन गेहूँ का उत्पादन होगा। यह जानकारी पिछले दिनों मंत्रालय में कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती रंजना चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में दी गई।
सामयिक मावठे से गेहूँ का रिकार्ड 85 लाख मैट्रिक टन उत्पादन का अनुमान
रबी सीजन में लक्ष्य से अधिक 95.36 लाख हेक्टेयर में बोनी
रबी सीजन में 15.70 लाख मैट्रिक टन रसायन उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित की गई

बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती रंजना चौधरी ने बताया कि इस वर्ष रबी की बोनी पिछले वर्ष के मुकाबले 113 प्रतिशत है। प्रदेश में किसानों को उनकी मांग के अनुसार रसायन उर्वरक मिल सके इसके लिये भी केन्द्रीय रसायन मंत्रालय एवं रेल मंत्रालय से निरंतर सम्पर्क कर इसकी आपूर्ति सुनिश्चित की गई। प्रदेश में इस रबी सीजन में अब तक 15.70 लाख मैट्रिक टन उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित की गई, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 25 प्रतिशत अधिक है। किसानों को अब तक 13.81 लाख मैट्रिक टन उर्वरक का वितरण किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक है। प्रदेश में पिछले वर्ष के मुकाबले डीएपी की उपलब्धता 17.5 प्रतिशत एवं यूरिया की उपलब्धता 26 प्रतिशत अधिक रही है। कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती रंजना चौधरी के निर्देश पर आगामी वर्ष 2010-11 के लिये डीएपी उर्वरक की उपलब्धता के लिये अग्रिम भण्डारण की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है।

प्रदेश में इस वित्तीय वर्ष में किसानों को कृषि कार्य के लिये सहकारी बैंकों के माध्यम से 3 हजार 407 करोड़ रुपये का ऋण वितरण किया गया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक है।

प्रदेश में गेहूँ के अच्छे उत्पादन को देखते हुए शासकीय रूप से गेहूँ उपार्जन की व्यवस्था के लिये खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को अग्रिम व्यवस्था किये जाने के लिये कहा गया है।

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