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दीक्षांत समारोह

दीक्षांत समारोह
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

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Tuesday, May 8, 2012

मण्डी अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष रीति से होगा

 (मंत्रि-परिषद के निर्णय)
200 न्यायाधीशों सहित 1500 पद निर्मित
Bhopal:Tuesday, May 8, 2012
  मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज सम्पन्न मंत्रि-परिषद की बैठक में जनहित में मण्डी अध्यक्ष के चुनाव अप्रत्यक्ष रीति से करवाने का निर्णय लिया गया।प्रदेश की कृषि उपज मण्डी समितियों के सामान्य निर्वाचन की प्रक्रिया राज्य शासन ने शुरू कर दी है। ये निर्वाचन मध्यप्रदेश कृषि उपज मण्डी अधिनियम 1972 के प्रावधान के अनुसार सम्पन्न करवाये जायेंगे। वर्तमान नियमों में कृषि उपज मण्डी अध्यक्ष के प्रत्यक्ष निर्वाचन का प्रावधान है।

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Wednesday, January 25, 2012

चावल पर लेव्ही की नीति संशोधित

गुणवत्ता नियंत्रण निगम की तय प्रक्रिया  के मुताबिक
Bhopal:Tuesday, January 24, 2012
  राज्य शासन ने मौजूदा खरीफ विपणन साल में चावल पर लेव्ही लगाई जाने संबंधी अपनी नीति में कुछ नये संशोधन किए हैं। इसके तहत राईस मिलर्स अब यह लेव्ही सीधे भारतीय खाद्य निगम को देंगे और उसकी राशि भी उन्हें निगम से ही प्राप्त होगी।

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Tuesday, December 6, 2011

गेहूँ खरीदी की कम्प्यूटरों में दर्ज होगी जानकारी

 2163 समितियों को 5.73 करोड़ की राशि जारी,
Bhopal:Monday, December 5, 2011
  प्रदेश में अगले रबी सीजन के दौरान समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी को लेकर सरकार पहले से सभी इंतजाम सुनिश्चित कर रही है। इसी कड़ी में गेहूँ खरीदी का समूचा रिकार्ड पुख्ता करने का फैसला भी इस साल अंजाम दिया जा रहा है। इस संबंध में सभी जरूरी सूचनाएँ कम्प्यूटर में हर रोज दर्ज होंगी। यह कार्रवाई प्रत्येक सरकारी समिति के जरिये पूरी की जायेगी।

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Wednesday, November 9, 2011

चावल पर लेव्ही की नीति घोषित

 लेव्ही देने की अवधि 30 जून 2012 तक
Bhopal:Wednesday, November 9, 2011
  राज्य सरकार ने साल 2011-12 में उपार्जित होने वाले धान की कस्टम मिलिंग और चावल पर लेव्ही लगाये जाने की नीति घोषित कर दी है। नीति के प्रावधान के मुताबिक लेव्ही सिर्फ चावल उत्पादकों से वसूली जायेगी और व्यवसायी इससे मुक्त रहेंगे।

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Tuesday, December 7, 2010

अनुदान पर कृषि यंत्र क्रय करने के लिये किसान स्वतंत्र

किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग की योजनाओं के अंतर्गत खेती के काम आने वाले विभिन्न कृषि यंत्र तथा सिंचाई उपकरण अनुदान पर क्रय करने के लिये अब किसानों को किसी खास विक्रेता या एजेंसी का मोहताज नहीं होना पड़ेगा।

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Friday, July 9, 2010

रबी मौसम में किसानों को जरूरत के मुताबिक बिजली देने की व्यवस्था

  अघोषित विद्युत कटौती नहीं होगी : सी.एम.डी.
रबी मौसम में किसानों को सिंचाई के लिये आवश्यकतानुसार विद्युत प्रदाय के लिये तीनों विद्युत वितरण कम्पनियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये हैं। इस दौरान यथा-संभव अघोषित विद्युत कटौती नहीं करने तथा किसानों को जरूरत के मुताबिक बिजली देने की व्यवस्था करने को कहा गया है।

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Wednesday, February 10, 2010

प्रदेश में शीघ्र ही जैविक खेती नीति लागू की जायेगी

 इंदौर में तीन दिवसीय जैविक किसान मेला प्रारंभ
कृषि विकास मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया ने कहा है कि मध्यप्रदेश में शीघ्र ही जैविक कृषि नीति की घोषणा की जायेगी। प्रदेश में जैविक खेती से प्राकृतिक संतुलन बनाये रखने के साथ ही ग्लोबल वार्मिंग के खतरों से भी निपटने में मदद मिलेगी।
कृषि विकास मंत्री डॉ. कुसमरिया रविवार को इंदौर में तीन दिवसीय जैविक कृषि सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। कृषि महाविद्यालय परिसर में आयोजित समारोह में देशभर के करीब पांच हजार से अधिक जैविक खेती विशेषज्ञ तथा किसान भाग ले रहे हैं।

कृषि विकास मंत्री डॉ. कुसमरिया ने जैव-विविधता को नष्ट करने वाली शक्तियों से एकजुट होकर निपटने की बात कही। कार्यक्रम को आर्गेनिक फार्मिंग एसोसिएशन आफ इण्डिया के संस्थापक निदेशक डॉ. क्लाउड अल्वरेंस, मध्यप्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी के निर्देशक डॉ. पी.के. वर्मा, कृषि विशेषज्ञ डॉ. कुट्टी मेनन एवं डॉ. भारतेन्दु प्रकाशन ने भी संबोधित किया। सम्मेलन का आयोजन उत्तर भारत सजीव कृषि समाज, कृषि विभाग एवं के.जे. एजुकेशन सोसायटी भोपाल द्वारा किया जा रहा है।

आयोजन का खास आकर्षण जैविक हाट है। जैविक हाट में पूर्णत: जैविक खेती के जरिये उत्पादित फल, सब्जिया, मसाले रखे गये हैं। बुरहानपुर का केला, खण्डवा का प्याज, छतरपुर का सरसों तेल, बांदा का दलिया, राजस्थान का जीरा, अमरूद, लहसुन एवं धनिया आदि जैविक हाट में उपलब्ध हैं।

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Saturday, January 23, 2010

समर्थन मूल्य पर गेहूँ की खरीदी 15 मार्च से शुरू होगी

मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा तैयारियों की समीक्षा
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने समर्थन मूल्य पर आगामी 15 मार्च से गेहूं की खरीदी के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं।मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहां मंत्रालय में खरीदी की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया, खाद्य, नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री श्री पारस जैन, प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति श्री अशोक दास, मुख्यमंत्री के सचिव श्री एस.के. मिश्र, प्रमुख सचिव श्री इंद्रनील दाणी, भण्डार गृह निगम के प्रबंध संचालक श्री अनिल श्रीवास्तव, पंजीयक सहकारी संस्थाएं श्री अरुण भट्ट एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

इस वर्ष भारत सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य 1100 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया है। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा इस पर 100 रुपये प्रति क्विंटल बोनस अतिरिक्त दिया जाएगा।

बैठक में बताया गया कि राज्य में इस वर्ष संभावित गेहूं के अधिक उत्पादन के आंकलन के अनुसार समर्थन मूल्य पर 35 लाख टन गेहूं की खरीदी के लिए व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इस समय पश्चिम बंगाल में जूट मिलों में हड़ताल के कारण प्लास्टिक बेग की भी व्यवस्था की जा रही है। किसानों को समय पर भुगतान के लिए आवश्यक धनराशि की व्यवस्था कर ली गई है। किसानों से ही खरीदी हो यह सुनिश्चित करने के लिए पटवारी से बी-1 प्रमाण, खसरा अथवा ऋण पुस्तिका किसी एक को किसान होने का प्रमाण माना जाएगा। आवश्यक होने पर जिला प्रशासन तथा पुलिस का भी सहयोग लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पिछले वर्ष के अनुभव के आधार पर किसानों को तत्काल भुगतान तथा परिवहन आदि के लिए व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी कुछ मण्डियों में खरीदी का निरीक्षण करेंगे।

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Friday, January 22, 2010

प्रदेश के प्रत्येक ब्लॉक से शुरूआत की जायेगी जैविक खेती की

प्रदेश में शीघ्र ही जैविक नीति की घोषणा
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री डा. रामकृष्ण कुसमरिया ने कहा है कि प्रदेश में शीघ्र ही जैविक नीति की घोषणा की जाने वाली है। इसके बाद प्रदेश के प्रत्येक जिले के प्रत्येक विकासखण्ड से जैविक खेती की शुरूआत की जायेगी। 
प्रारंभिक तौर पर किसानों की कुल कृषि भूमि के एक चौथाई भाग पर जैविक खेती कराई जायेगी। बाद में धीरे-धीरे इसका विस्तार किया जायेगा। कृषि विकास मंत्री डा. कुसमरिया पिछले दिनों भोपाल में साप्ताहिक कृषक दूत द्वारा प्रकाशित कृषक दूत डायरी 2010 का विमोचन करने के बाद आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

कृषि मंत्री डा. कुसमरिया ने प्रकाशित डायरी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि डायरी में दशाई गई किसान कल्याण की योजना का विवरण किसानों के हित के लिये काफी महत्वपूर्ण रहेगा। उन्होंने प्रकाशकों से कहा कि डायरी का अधिक से अधिक प्रसार किसानों के बीच किया जाये। 
इस डायरी में किसान कल्याण की योजनाओं के विवरण के साथ-साथ उद्यानिकी से संबंधित ज्ञानवर्धक जानकारियों को भी शामिल किया गया है। इस मौके पर कृषक दूत के प्रधान संपादक सर्वश्री अमरेन्द्र मिश्रा एवं सलाहकार संपादक उमाशंकर तिवारी ने किसान डायरी के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

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Sunday, January 3, 2010

राज्य की औषधीय एवं सुगंधित पौध विकास की रणनीति मंजूर

 पांच वर्षों में 76.09 करोड़ रूपये का होगा व्यय
राज्य शासन ने औषधीय एवं सुगंधित पौधों के विकास के लिये रणनीति वर्ष 2009-10 से 2013-14 अनुमोदित की है। पिछली रणनीति के अनुभवों के आधार पर नयी रणनीति में प्रदेश के सभी 11 कृषि जलवायु क्षेत्रों में न्यूनतम एक-एक औषधीय कच्चा माल उत्पादन क्षेत्र तथा प्रमाणीकृत प्रसंस्करण केन्द्र स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।

न प्रयासों से निजी क्षेत्र में औषधीय कृषि क्षेत्रफल 25 हजार हेक्टेयर से बढ़कर वर्ष 2014 तक 60 हजार हेक्टेयर होगा। प्रदेश के औषधीय एवं सुगंधित पौधों का उत्पादन एक लाख क्विंटल तक हो जाना संभावित है। इस रणनीति पर आगामी पांच वर्षों में 76.09 करोड़ रूपये का व्यय किया जाना संभावित है।
रणनीति के अनुश्रवण एवं समीक्षा के लिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय समन्वय समिति तथा प्रधान मुख्य वनसंरक्षक की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति का प्रावधान किया गया है।
उल्लेखनीय है कि औषधीय एवं सुगंधित पौधों के विकास की यह दूसरी रणनीति है। प्रथम रणनीति वर्ष 2004-05 से 2008-09 के लिये स्वीकृत की गयी थी। वन मंत्री श्री सरताज सिंह की विशेष रूचि एवं प्रयासों से राज्य शासन द्वारा इस पांच वर्षीय रणनीति की स्वीकृति जारी की गयी है। अध्यक्ष, लघु वनोपज संघ श्री विश्वास सारंग द्वारा राज्य की औषधीय एवं सुगंधित पौधा विकास की रणनीति का राज्य शासन द्वारा मंजूर किये जाने पर आभार व्यक्त किया।
वर्तमान रणनीति में निजी क्षेत्र में औषधीय को कृषि को बढ़ाने पर विशेष बल दिया गया है। अगले पांच वर्षों में जैविक औषधीय कृषि के लिये 8 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में संविदा कृषि करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिये राष्ट्रीय औषधीय पौधा बोर्ड, भारत शासन से अनुदान सहायता प्राप्त की जाएगी।
इसी प्रकार छोटे एवं सीमांत कृषकों को बहुस्तरीय रोपण द्वारा औषधीय कृषि अपनाने के लिये सहायता दिये जाने का लक्ष्य भी रखा गया है। वर्तमान रणनीति का एक विशेष बिन्दु यह भी है कि प्रदेश के समस्त कृषि क्षेत्र का सर्वे किया जाएगा साथ ही औषधीय एवं सुगंधित पौधों की कृषि एवं उत्पादन का आंकलन भी किया जाएगा।
इसी प्रकार औषधीय कृषि को बढ़ावा तभी मिल सकता है जबकि प्रसंस्करण एवं विपणन की पर्याप्त व्यवस्था हो। इसी को दृष्टिगत रखते हुये नयी रणनीति में प्रसंस्करण केन्द्रों की श्रृंखला का विस्तार एवं विपणन व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिये विभिन्न गतिविधियां संचालित करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस रणनीति के एक अहम गतिविधि यह भी होगी कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति की स्वास्थ्य सेवा में भूमिका को महत्व दिया जाएगा एवं पारंपरिक औषधीय ज्ञान का अभिलेखन एवं वेदों के पंजीयन का कार्य भी शुरू किया जाएगा। हर्बल गार्डन एवं होम हर्बल गार्डन की श्रृंखला के विस्तार के साथ-साथ शिक्षा, प्रशिक्षण एवं चेतना जागृति तथा प्रचार-प्रसार की अनेक गतिविधियां संपादित की जाएगी।

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Sunday, December 20, 2009

मप्र को जैविक प्रदेश बनाने के लिये एकजुट प्रयास किये जायेगे- डा. कुसमरिया

जैविक नीति निर्धारण की बैठक सम्पन्न
मध्यप्रदेश की जैविक नीति के निर्धारण के लिये इंदौर जिले के महू विकासखंड के ग्राम बसी पीपरी में शुक्रवार को आयोजित बैठक में किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री रामकृष्ण कुसमरिया ने कहा कि प्रदेश की नयी जैविक नीति शीघ्र ही लागू की जायेगी। मध्यप्रदेश को जैविक प्रदेश बनाने के लिये एकजुट प्रयास किये जायेंगे। इस अवसर पर डा. कुसमरिया ने किसानों को मृदा परीक्षण कार्ड भी वितरित किये।कृषि विकास मंत्री डा. कुसमरिया ने कहा कि इस समय पूरे देश में कुल 12 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में जैविक खेती की जा रही है। मध्यप्रदेश में इस समय पूरे देश का लगभग एक तिहाई क्षेत्र 4 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में जैविक खेती की जा रही है। इस प्रकार मध्यप्रदेश का देश की कुल जैविक खेती में एक तिहाई हिस्सेदारी है। 
उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग रोकने, पर्यावरण संरक्षण और जमीन की उर्वरा शक्ति को बनाये रखने के लिये जैविक खेती अत्यंत आवश्यक है। जैविक खेती को बढ़ावा देना धरती का ऋण चुकाने के बराबर है। हमारा कृषि संबंधी ज्ञान तभी सार्थक होगा जब हम जैविक खेती को अपनायेंगे। रासायनिक खाद एवं दवाओं के जनस्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव को भी जैविक खेती से ही समाप्त किये जा सकता है।
बैठक में उपस्थित कृषि राज्य मंत्री श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि यह समय परम्पराओं एवं जड़ों की तरफ लौटने का है। हम योग, आयुर्वेद एवं वैदिक संस्कृति की तरफ तेजी से लौट रहे हैं। इसी श्रृंखला में हमें पारंपरिक जैविक खेती की ओर भी तेजी से लौटना होगा। 
बैठक के प्रारंभ में किसान कल्याण विभाग के उप सचिव श्री एच.व्ही.एस. भदौरिया ने जैविक नीति के प्रारूप की जानकारी देते हुये बताया कि नीति में किसानों को जैविक खेती की तरफ कैसे ले जाया जाना है तथा उनके उत्पादन वृद्धि, विपणन, बीज, आदान व्यवस्था कैसे की जायेगी। इस अवसर पर कृषि विश्वविद्यालय से आये वरिष्ठ कृषि विशेषज्ञ एवं कृषि वैज्ञानिकों ने अपने सुझाव भी दिये।
बैठक में कृषि संचालक श्री डी.एन.शर्मा और मध्यप्रदेश एग्रो इंडस्ट्रीज के प्रबंध संचालक डॉ. व्ही.एस. निरंजन सहित विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक उपस्थित थे।

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Wednesday, November 11, 2009

प्रदेश में 35 हजार से अधिक कृषि यंत्रों का वितरण

अनुदान पर आधुनिक कृषि यंत्रों का वितरण
Bhopal:Tuesday, November 10, 2009 प्रदेश में कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए लघु एवं सीमान्त किसानों को अनुदान पर आधुनिक कृषि यंत्रों का वितरण किया जा रहा है।
प्रदेश में अब तक 36 हजार 587 बेल एवं हस्तचलित कृषि यंत्रों का वितरण किया गया है। इसके अलावा किसानों को 935 शक्तिचलित एवं 399 टेक्टर एवं पावर टीलर यंत्रों का वितरण किया गया है। इन यंत्रों के वितरण पर किसानों को नियमानुसार अनुदान भी उपलब्ध कराया जा रही है।

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किसानों को रबी मौसम में विद्युत प्रदाय के पुख्ता इंतजाम

अधिकतम बोनी वाले क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा विद्युत प्रदाय
Bhopal:Tuesday, November 10, 2009 किसानों को रबी मौसम में विद्युत प्रदाय के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। अंतिम छोर तक पर्याप्त वोल्टेज के साथ बिजली मिले इसके लिये इस वर्ष नेटवर्क, मरम्मत एवं संचालन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में तीन फेस पर औसतन 7.45 घंटे तथा सिंगल फेस पर 2.45 घंटे विद्युत का प्रदाय किया जा रहा है। अधिकतम बोनी वाले क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा विद्युत प्रदाय के प्रयास किये जा रहे हैं।
विद्युत बैंकिंग के तहत पीक डिमांड अवर्स में 200 मेगावाट, 700 मेगावाट दिन में तथा देर रात्रि में 1300 मेगावाट विद्युत अन्य राज्यों से प्राप्त हो रही है।
ऊर्जा विभाग कृषि विभाग से लगातार सम्पर्क बनाये हुए है, जिसके तहत प्रयास है कि अधिकतम बोनी वाले क्षेत्रों में अधिक से अधिक विद्युत प्रदाय किया जा सके। संभागीय मुख्यालयों को औसतन 22 घंटे, जिला मुख्यालयों को 19 घंटे, तहसील मुख्यालयों को 14 घंटे विद्युत का प्रदाय किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि रबी मौसम की बुआई चल रही है, जिसका वर्तमान में विद्युत पम्पों में बिजली की खपत के कारण अधिकतम भार पहुंच गया है। वर्तमान में 24 घंटे विद्युत की मांग 6000 मेगावाट से अधिक बनी हुई है और इसकी पूर्ति के लिये ऊर्जा विभाग द्वारा अधिकतम विद्युत प्रदाय किया जा रहा है।
इसी प्रकार ताप विद्युतगृह का उत्पादन अधिकतम 2436 मेगावाट तक पहुंच गया है। इन्दिरा सागर को अधिकतम चलाया जा रहा है, जिसके डाउन स्ट्रीम में ओंकारेश्वर, विद्युतगृह से 200 मेगावाट का उत्पादन तथा सरदार सरोवर से 240 मेगावाट का उत्पादन हो रहा है। सरदार सरोवर का उत्पादन और बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं। गुजरात सरकार के अनुरोध पर इसके जलाशय का लेवल भी बढ़ाया जा रहा है।
केन्द्रीय उपक्रमों से 1720 मेगावाट विद्युत प्राप्त हो रही है। वर्तमान में केन्द्रीय क्षेत्र के 220 मेगावाट के काकरापार तथा विंध्याचलगृह की 210 मेगावाट की इकाई वार्षिक रख-रखाव के चलते योजनाबद्ध तरीके से बंद है, जिसके कारण 110 मेगावाट की कमी हो रही है।

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Tuesday, October 27, 2009

जैविक नीति बनाने के लिये समिति की बैठक 4 नवम्बर को

किसान भवन अरेरा हिल्स) में आयोजित
Bhopal:Monday, October 26, 2009:Updated 18:18IST मध्यप्रदेश में खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिये जैविक खेती की नीति तैयार की जा रही है। नीति तैयार करने के लिये गठित समिति की पहली बैठक 4 नवम्बर को प्रात: 11.30 बजे मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड (किसान भवन अरेरा हिल्स) में आयोजित की गई है।
राज्य सरकार ने जैविक खेती की नीति तैयार करने के लिये एक समिति गठित की है। इस समिति में शासकीय अधिकारियों के साथ-साथ कृषि क्षेत्र के विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है।
जैविक खेती को प्रोत्साहन के उद्देश्य से 28 अक्टूबर को इंदौर के कृषि महाविद्यालय में एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का भी आयोजन किया गया है। इस कार्यशाला में कृषि वैज्ञानिकों के साथ-साथ प्रत्येक संभाग के दो प्रगतिशील कृषक शामिल होकर जैविक खेती के संबंध में अपने विचार प्रकट करेंगे।

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Sunday, October 25, 2009

खेतों की गहरी जुताई के लिये मिलेगा 50 प्रतिशत तक अनुदान

प्रदेश में हलधर योजना प्रारंभ
Bhopal:Saturday, October 24, 2009:Updated 18:58IST प्रदेश में कृषि उत्पादकता को बढ़ाने के लिये इस वर्ष से हलधर योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना में किसानों को गहरी जुताई के लिये 50 प्रतिशत तक अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा।
हलधर योजना में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं सामान्य वर्ग के लघु एवं सीमांत कृषकों को गहरी जुताई के लिये प्रति कृषक एक हेक्टेयर तक जुताई लागत का 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम एक हजार रुपये तक अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा।
इस योजना का लाभ अधिक से अधिक किसान उठा सकें इसके लिये क्षेत्रीय कृषि कार्यालयों को पात्र हितग्राहियों के प्रकरण शीघ्र तैयार किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।

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Friday, October 23, 2009

प्रदेश में जैविक खेती की नीति तैयार करने के लिय

कृषि विकास मंत्री डा. कुसमरिया की अध्यक्षता में समिति का गठन
Bhopal:Friday, October 23, 2009:Updated 18:51IST मध्यप्रदेश में खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिये राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इसी संबंध में प्रदेश में जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिये जैविक खेती की स्पष्ट नीति तैयार करने के लिये किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है।
यह समिति 45 दिन के भीतर अपनी अनुशंसाएं राज्य शासन को सौंपेगी। समिति में शासकीय सदस्यों के साथ-साथ कृषि क्षेत्र के विभिन्न विषय-विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। यह समिति विभिन्न स्टेक होल्डर्स के साथ बैठक एवं संगोष्ठी आयोजित कर नीति के प्रारूप को अंतिम रूप देगी।
समिति में अशासकीय सदस्यों में जैविक खेती विशेषज्ञ इंदौर श्री एम.जी.के. मेनन, पूर्व कृषि संचालक डा. जी.एस. कौशल, श्री दीपक सचदे सीईओ मालपाणी ट्रस्ट बजवाड़ा, श्री सुनील गंगराडे के.जे. एजुकेशन सोसायटी भोपाल, श्री डब्ल्यू.आर. देशपाण्डे सेवा निवृत्त प्रधान कृषि वैज्ञानिक, श्री के.के. तिवारी सलाहकार दावत फूड, श्री अजीत केलकर जैविक खेती विशेषज्ञ, प्रगतिशील जैविक कृषकों में श्री इंद्र बहादुर सिंह, श्री अशोक पाटीदार, श्री वीरेन्द्र जैन, श्री दयाराम धाकड़, श्री ओम नारायण पटेल, डा.राजेन्द्र सिंह नेगी कृषि वैज्ञानिक, श्री शिवकुमार शर्मा महामंत्री भारतीय किसान संघ एवं डॉ. ध्यानपाल सिंह सदस्य राज्य कृषक आयोग को शामिल किया गया है।
समिति में शासकीय सदस्यों में अपर मुख्य सचिव, सह कृषि उत्पादन आयुक्त, प्रमुख सचिव किसान कल्याण तथा कृषि विकास, पशुपालन, उद्यानिकी, संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास, मत्स्य पालन, उद्यानिकी, पशु चिकित्सा सेवायें, प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड, राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था, मध्यप्रदेश गौ संवर्धन बोर्ड एवं कृषि उद्योग विकास निगम भोपाल, संचालक राष्ट्रीय जैविक खेती केन्द्र जबलपुर, संचालक राष्ट्रीय जैविक खेती केन्द्र गाजियाबाद, संचालक अनुसंधान सेवायें जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर एवं राजमाता विजयाराजे सिंधियां कृषि विश्वविद्यालय को शामिल किया गया है।समिति के सदस्य सचिव उप सचिव किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग रहेंगे।

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Thursday, October 22, 2009

ग्वालियर में खरीफ फसल उपार्जन हेतु 15 खरीदी केन्द्र

ग्वालियर जिले में खरीफ फसलों धान, ज्वार, बाजरा और मक्का की समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिये 15 उपार्जन केन्द्र स्थापित किये गये हैं। इन केन्द्रों पर खरीदी प्रारम्भ हो गयी है। जिले में 8 हजार मेट्रिक टन धान की खरीदी का कार्यक्रम तय किया गया है।
धान सामान्य 950 रुपये प्रति क्विंटल, ग्रेड-ए 980 रुपये प्रति क्विंटल तथा 50 रुपये प्रति क्विंटल बोनस की दर पर क्रय किया जायेगा। मोटे अनाज के रूप में मक्का, बाजरा, ज्वार औसत अच्छी गुणवत्ता (एमएक्यू) किस्म का 840 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर खरीद की जायेगी।
जिले में खरीदी केन्द्रों पर उपार्जित फसल का तत्काल भुगतान करने की व्यवस्था की गयी है। किसानों से खरीदी के दौरान खसरा, बी-वन एवं ऋण पुस्तिका व राशन कार्ड की फोटोकापी प्राप्त की जायेगी।

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ADMARK

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