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दीक्षांत समारोह

दीक्षांत समारोह
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

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Friday, May 14, 2010

ग्वालियर-चम्बल संभाग में 11 लाख 20 हजार हेक्टेयर में होगी खरीफ

 मध्यप्रदेश दलहन उत्पादन में दूसरा स्थान पर
ग्वालियर-चम्बल संभाग में इस वर्ष 11 लाख 20 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ की फसल लिये जाने का कार्यक्रम बनाया गया है। आगामी खरीफ फसल के लिये की जा रही तैयारियों की पिछले दिनों ग्वालियर में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री एम.के. राय ने ग्वालियर एवं चम्बल संभाग के अधिकारियों की एक बैठक में समीक्षा की। बैठक में कृषि अधिकारियों को संभाग में दलहन फसलों को बढ़ावा देने के निर्देश दिये गये।

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Sunday, May 9, 2010

खरीफ सीजन में 13.16 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज वितरित होगा

राज्य शासन ने प्रमाणित बीज की विक्रय दरों में कमी की
मध्यप्रदेश में किसानों को पर्याप्त उन्नत एवं उच्च गुणवत्ता का बीज उपलब्ध कराकर कृषि उत्पादकता में वृद्धि करने के उद्देश्य से किसान कल्याण विभाग द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। कृषि उत्पादन में बीज एक महत्वपूर्ण सामग्री है। किसान कल्याण मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया ने बताया कि प्रदेश की बीज प्रतिस्थापन की दर बढ़ाने की दृष्टि से खरीफ वर्ष 2010-11 में राज्य शासन ने प्रमाणित बीज की विक्रय दरों में कमी की है। उन्होंने कृषकों से अपील की है कि वे सहकारी संस्थाओं से ही प्रमाणित बीज खरीदें। 

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Friday, April 9, 2010

किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करें - मुख्यमंत्री

  प्रदेश में 7 अप्रैल तक 10 लाख 38 हजार मेट्रिक टन गेहूं का उपार्जन
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रदेश में चल रहे गेहूं उपार्जन कार्य की आज मंत्रालय में समीक्षा की। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अवनि वैश्य भी उपस्थित थे। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में 7 अप्रैल तक 10 लाख 38 हजार मेट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया जा चुका है।

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Friday, January 15, 2010

खुले बाज़ार में गेहूँ, चावल की बिक्री

केन्द्र सरकार के सहयोग से चलाई जा रही है  विक्रय योजना
प्रदेश में केन्द्र सरकार के सहयोग से चलाई जा रही खुले बाज़ार में विक्रय योजना के तहत जनवरी से मार्च तक तीन महीने के लिए गेहूँ और चावल उपलब्ध कराया गया है। इस सिलसिले में राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ और राज्य नागरिक आपूर्ति निगम से वितरण के लिए गेहूँ और चावल की आवश्यकता की जानकारी चाही गई है।
पिछले चार महीनों से सस्ती दरों पर गेहूँ और चावल की बिक्री जिलों में खुले बाज़ार में विक्रय की योजना के तहत की जा रही है। केन्द्र से इस सिलसिले में राज्य सरकार द्वारा रियायती दरों पर यह खाद्यान्न खरीदकर शहरी आम लोगों को सस्ती दरों पर उपलब्ध कराया जा रहा है। 
इस मकसद से जनवरी से मार्च माह तक के लिए 53 हजार 885 मै. टन गेहूँ और 351 मै. टन चावल केन्द्र उपलब्ध कराया गया है। इस खाद्यान्न की बिक्री राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ और राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के जरिए कराई जा रही है। इसलिए इन दोनों एजेंसियों से इस वांछित खाद्यान्न मात्रा की जानकारी बुलाई गई है।

पिछले उठाव की तारीख बढ़ी

खुले बाज़ार में बिक्री की इस योजना के तहत अक्टूबर से दिसम्बर तक के लिए उपलब्ध आवंटन की शेष मात्रा भी उठाने के लिए नागरिक आपूर्ति निगम और जिला कलेक्टरों से कहा गया है। इसकी तयशुदा तिथि बढ़ाकर अब 31 जनवरी, 2010 तक कर दी गई है। इस सिलसिले में उठाव सुनिश्चित कर नियमानुसार खाद्यान्न लोगों को बेचे जाने के लिए कहा गया है।

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Wednesday, January 13, 2010

मप्र में मावठे से गेहूँ का रिकार्ड उत्पादन का अनुमान

कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती रंजना चौधरी द्वारा रबी फसलों की  समीक्षा
मध्यप्रदेश में रबी सीजन में पिछले वर्ष अक्टूबर, नवम्बर एवं दिसम्बर माहों में हुई बारिश से रबी की बोनी का रकबा लगभग 11 लाख हेक्टेयर तक बढ़ गया है। प्रदेश में इस वर्ष 95.36 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में किसानों द्वारा रबी की बोनी की गई है। रबी सीजन में गेहूँ की बोनी 42.3 लाख हेक्टेयर तथा चने की बोनी 32.3 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में की गई है। प्रदेश में समय पर मावठा गिरने से गेहूँ का उत्पादन पिछले वर्ष के मुकाबले 15 प्रतिशत अधिक आने का अनुमान लगाया गया है। कृषि विभाग को अनुमान है कि इस वर्ष प्रदेश में 85 लाख मैट्रिक टन गेहूँ का उत्पादन होगा। यह जानकारी पिछले दिनों मंत्रालय में कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती रंजना चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में दी गई।
सामयिक मावठे से गेहूँ का रिकार्ड 85 लाख मैट्रिक टन उत्पादन का अनुमान
रबी सीजन में लक्ष्य से अधिक 95.36 लाख हेक्टेयर में बोनी
रबी सीजन में 15.70 लाख मैट्रिक टन रसायन उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित की गई

बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती रंजना चौधरी ने बताया कि इस वर्ष रबी की बोनी पिछले वर्ष के मुकाबले 113 प्रतिशत है। प्रदेश में किसानों को उनकी मांग के अनुसार रसायन उर्वरक मिल सके इसके लिये भी केन्द्रीय रसायन मंत्रालय एवं रेल मंत्रालय से निरंतर सम्पर्क कर इसकी आपूर्ति सुनिश्चित की गई। प्रदेश में इस रबी सीजन में अब तक 15.70 लाख मैट्रिक टन उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित की गई, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 25 प्रतिशत अधिक है। किसानों को अब तक 13.81 लाख मैट्रिक टन उर्वरक का वितरण किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक है। प्रदेश में पिछले वर्ष के मुकाबले डीएपी की उपलब्धता 17.5 प्रतिशत एवं यूरिया की उपलब्धता 26 प्रतिशत अधिक रही है। कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती रंजना चौधरी के निर्देश पर आगामी वर्ष 2010-11 के लिये डीएपी उर्वरक की उपलब्धता के लिये अग्रिम भण्डारण की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है।

प्रदेश में इस वित्तीय वर्ष में किसानों को कृषि कार्य के लिये सहकारी बैंकों के माध्यम से 3 हजार 407 करोड़ रुपये का ऋण वितरण किया गया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक है।

प्रदेश में गेहूँ के अच्छे उत्पादन को देखते हुए शासकीय रूप से गेहूँ उपार्जन की व्यवस्था के लिये खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को अग्रिम व्यवस्था किये जाने के लिये कहा गया है।

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Monday, January 11, 2010

जैव विविधता के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए "ग्रीन कैलेण्डर"

अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता संरक्षण वर्ष 2010
जैव विविधता के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए 'अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता वर्ष 2010' को सार्थक बनाने के लिए ग्रीन कैलेण्डर बनाया गया है जिसके तहत पूरे प्रदेश में वर्ष भर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों के केन्द्र बिन्दु बच्चे होंगे ताकि आने वाली पीढ़ी जीवन के इस सबसे महत्वपूर्ण पहलू के महत्व को जान सकें और इसके संरक्षण संवर्धन के लिए प्रेरित हो सके। लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा एवं आयुष, जैव विविधता, जैव प्रौद्योगिकी तथा जन-शिकायत निवारण मंत्री श्री अनूप मिश्रा ने यह जानकारी दी।
जैव विविधता एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अनूप मिश्रा ने बताया कि जैव विविधता वर्ष में क्या-क्या कार्यक्रम होंगे इसका ग्रन केलेंडर तैयार किया गया। कैलेंडर के अनुसार जनवरी माह से संभाग स्तर पर स्कूली बच्चों के साथ 'अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता वर्ष 2010' की शुरूआत की जा चुकी है। फरवरी माह में ईको क्लब और स्कूल बच्चों के साथ भोजवेटलेंड के महत्व के साथ ही पक्षियों पर प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसमें बच्चों को झील संरक्षण की जरूरत के साथ ही हमारे आसपास रहने वाले पक्षियों के बारे में बताया जाएगा। 
फरवरी माह में विज्ञान दिवस पर विज्ञान, फोटो एवं फिल्म प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। विश्व वानकी दिवस मार्च माह में स्कूली बच्चों को जंगल की जरूरत और महत्व को बताते हुए उन्हें महत्वपूर्ण पार्कों में ले जाया जाएगा। मार्च में ही आने वाले विश्व जल दिवस पर जल संरक्षण के क्षेत्र में काम कर रहे महत्वपूर्ण व्यक्ति भी इसी विषय पर चर्चा आयोजित की जायेगी। मार्च में ही आने वाले विश्व मेड्रोलोजिकल दिवस पर मौसम परिवर्तन पर बच्चों को फिल्म दिखाई जाएगी और वर्षा में वृद्धि के बारे में बताया जाएगा।

जैव विविधता संरक्षण बोर्ड के स्थापना दिवस एवं विश्व धरोहर दिवस पर अप्रैल माह में मातृभूमि के महत्व और इससे जुड़ी गतिविधियां आयोजित होंगी। मई माह में जैव विविधता सप्ताह मनाया जाएगा जिसमें जैव विविधता पर प्रदर्शनी, व्याख्यान, फिल्म प्रदर्शर आयोजित किए जाएंगे। विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को पचास स्कूलों में दो सौ बच्चों के साथ् पर्यावरण संरक्षण की गतिविधिया आयोजित की जाएगी। विश्व जनसंख्या दिवस एवं हरियाली महोत्सव दिवस जुलाई माह मनुष्य का प्रकृत्ति के समन्वय से पर्यावरण के संरक्षण के महत्व को बताया जाएगा तथा बच्चों को इससे जोड़ा जाएगा। 
वृक्षारोपण का व्यापक अभियान इस माह में शुरू किया जाएगा। सितंबर माह में विश्व ओजोन दिवस पर आजीविका, जनसंख्या से जुड़े मुद्दों का आयोजन विषय पर व्याख्यान आयोजित होंगे। सितंबर माह में ही विश्व उपभोक्ता दिवस पर ईको फ्रेंडली खाद्य पदार्थों और इससे जुड़े विषयों के बारे में जानकारी देने संबंधी आयोजन किए जाएंगे।

विश्व धरोहर दिवस अवसर पर अक्टूबर माह में भी बच्चों के कार्यक्रम आयोजित होंगे। विश्व वानिकी सप्ताह में तथा विश्व वन्य जीव दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों को जंगल और प्राणियों के महत्व और उसके संरक्षण में उनकी भूमिका के बारे में बताया जाएगा।

नवंबर माह में एन.बी.ए. स्थापना एवं बाल दिवस पर जैव विविधता संरक्षण यात्राओं, प्रश्नोत्तरी आदि का आयोजन किया जाएगा। दिसंबर माह में गैस त्रासदी पर मोमबत्ती यात्रा निकालने के साथ ही 'अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता संरक्षण वर्ष 2010' के समापन के मुख्य कार्यक्रम आयोजित किये जाएगें।

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Thursday, January 7, 2010

जैव विविधता संरक्षण से बच्चों को जोड़ें

अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता वर्ष 2010 का शुभारंभ

जैव विविधता के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए यह जरूरी है कि भावी पीढ़ी को इससे जोड़ा जाए ताकि वे अपनी इस संपदा का महत्व समझे और इसके संरक्षण के लिए संकल्पित हो। यह बात जैव विविधता एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव श्री जब्बार ढांकवाला ने 'अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता वर्ष 2010' का शुभारंभ करते हुए कही। इस मौके पर जैव विविधता बोर्ड के सदस्य सचिव श्री सुधीर कुमार, श्री अभिलाष दुबे एवं श्री डी.पी. तिवारी सहित बड़ी संख्या में स्कूल के बच्चे उपस्थित थे।
सचिव जैव विविधता एवं प्रौद्योगिकी श्री जब्बार ढांकवाला ने कहा कि बच्चे ही हैं जिनसे हमें अपनी प्रकृति, परम्परा और धरोहर के महत्व, भविष्य में उसकी जरूरत और संरक्षण के बारे में बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अगर सही मायने में जल, जंगल, जमीन का संरक्षण करना प्रकृति को बचाना है, जैव विविधता को नष्ट होने से रोकना है तो बच्चों को इनके प्रति जागरूक बनाया जाए।
करोड़ों साल पुरानी हमारी इस जैव विविधता की संपदा आज मानव जाति के कारण ही खतरे में है। उन्होंने बच्चों से कहा कि वे इस खतरे को पहचाने और अपना भविष्य सुंदर बनाने के लिए जैव विविधता संरक्षण के लिए प्राणप्रण से जुट जाएं।
जैव विविधता बोर्ड के सदस्य सचिव श्री सुधीर कुमार ने आयोजन की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जैव विविधता के संरक्षण के लिए हमें समाज के हर स्तर पर जागृति लाना होगी विशेषकर बच्चों में। उन्होंने कहा कि 'जैव विविधता संरक्षण वर्ष 2010' का उद्देश्य है कि हम अपनी इस करोड़ों साल की संपदा को नष्ट होने से बचाएं और इसके नष्ट होने से धरती पर पड़ने वाले कुप्रभावों को रोकें।
अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता वर्ष 2010 के अवसर पर सेंटर फार इनवायरमेंट द्वारा पुस्तक प्रदर्शनी लगाई गई थी इसी तरह सुंदर मध्यप्रदेश पर भी एक प्रदर्शनी लगाई गई। जैव विविधता संरक्षण का प्रमुख केन्द्र 'एकांत पार्क' पर केन्द्रित एक ब्रोशर भी प्रकाशित किया गया जिसका विमोचन श्री जब्बार ढांकवाला ने किया।
इस मौके पर जैव विविधता बोर्ड ने बच्चों के बीच विभिन्न प्रतियोगिताएं भी आयोजित की, जिसमें चित्रकला, पेपरमेसी प्रतियोगिता, प्रश्न मंच के साथ ही नगर के 35 हास्य क्लब के सदस्यों का भी कार्यक्रम रखा गया। वन विहार के सहायक संचालक श्री ए.के. खरे ने जैव विविधता वर्ष 2010 की जानकारी दी एवं कार्यक्रम का संचालन किया।

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लेव्ही चावल की नई दरें तय

केन्द्र सरकार ने खरीफ विपणन साल 2009-10 के लिए चावल लेव्ही की नई दरें तय की हैं। राज्य सरकार ने इस साल धान उपार्जन पर 50 रूपए प्रति क्विंटल बोनस भी घोषित किया है। इस बोनस की राशि को जोड़ कर लेव्ही चावल की दरें तय की गई हैं।
इसके मुताबिक बोनस समेत अरबा चावल कामन की लेव्ही दर 1689 रूपए 50 पैसे और ग्रेउ-ए की दर 1735 रूपए 50 पैसे रहेगी। इसी तरह कामन उसना चावल 1680 रूपए 30 पैसे और ग्रेड-ए की लेव्ही दर 1725 रूपए 40 पैसे रहेगी।

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