प्रदेश में 7 अप्रैल तक 10 लाख 38 हजार मेट्रिक टन गेहूं का उपार्जन
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रदेश में चल रहे गेहूं उपार्जन कार्य की आज मंत्रालय में समीक्षा की। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अवनि वैश्य भी उपस्थित थे। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में 7 अप्रैल तक 10 लाख 38 हजार मेट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों को गेहूं उपार्जन कार्य के दौरान दी जाने वाली सभी सुविधाओं का लाभ दिया जाये। विशेषकर किसानों को राशि के भुगतान में विलम्ब न हो, इसका ध्यान रखा जाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिये कि गेहूं के भंडारण के लिये आवश्यक व्यवस्थाएं की जायें। इस वर्ष गेहूं के बम्पर उत्पादन के कारण पर्याप्त गोदामों की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इस संबंध में कलेक्टरों को भी निर्देश दिये गये हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आवश्यकता हो तो गोदामों का अधिग्रहण भी किया जाये। प्रदेश में 15 मार्च से गेहूं उपार्जन कार्य प्रारंभ हुआ है। इस वर्ष 35 लाख मेट्रिक टन खरीदी का लक्ष्य है। इसमें बढ़ोत्तरी भी हो सकती है।बैठक में जानकारी दी गई कि वर्तमान में प्रदेश में 26 लाख मेट्रिक टन गेहूं के भंडारण की व्यवस्था की जा चुकी है। इसमें से मुख्य रूप से 22 लाख मेट्रिक टन का भंडारण वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन द्वारा किया जाना है। बैठक में जानकारी दी गई कि किसानों को गेहूं पर बोनस राशि के भुगतान के लिये आवश्यक व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मार्कफेड, नागरिक आपूर्ति निगम, वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन एवं भारतीय खाद्य निगम द्वारा गेहूं खरीदी कार्य से संबंधित व्यवस्थाओं की समीक्षा नियमित रूप से वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की जाये।
बैठक में प्रमुख सचिव खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण श्री अशोक दास, वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के प्रबंध संचालक श्री अनिल श्रीवास्तव, खाद्य आयुक्त श्री अजीत केसरी, मुख्यमंत्री के सचिव श्री एस.के. मिश्रा, मुख्यमंत्री के अपर सचिव और मंडी बोर्ड के प्रबंध संचालक श्री विवेक अग्रवाल एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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