अधिकतम बोनी वाले क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा विद्युत प्रदाय
Bhopal:Tuesday, November 10, 2009 किसानों को रबी मौसम में विद्युत प्रदाय के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। अंतिम छोर तक पर्याप्त वोल्टेज के साथ बिजली मिले इसके लिये इस वर्ष नेटवर्क, मरम्मत एवं संचालन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में तीन फेस पर औसतन 7.45 घंटे तथा सिंगल फेस पर 2.45 घंटे विद्युत का प्रदाय किया जा रहा है। अधिकतम बोनी वाले क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा विद्युत प्रदाय के प्रयास किये जा रहे हैं।
विद्युत बैंकिंग के तहत पीक डिमांड अवर्स में 200 मेगावाट, 700 मेगावाट दिन में तथा देर रात्रि में 1300 मेगावाट विद्युत अन्य राज्यों से प्राप्त हो रही है।
ऊर्जा विभाग कृषि विभाग से लगातार सम्पर्क बनाये हुए है, जिसके तहत प्रयास है कि अधिकतम बोनी वाले क्षेत्रों में अधिक से अधिक विद्युत प्रदाय किया जा सके। संभागीय मुख्यालयों को औसतन 22 घंटे, जिला मुख्यालयों को 19 घंटे, तहसील मुख्यालयों को 14 घंटे विद्युत का प्रदाय किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि रबी मौसम की बुआई चल रही है, जिसका वर्तमान में विद्युत पम्पों में बिजली की खपत के कारण अधिकतम भार पहुंच गया है। वर्तमान में 24 घंटे विद्युत की मांग 6000 मेगावाट से अधिक बनी हुई है और इसकी पूर्ति के लिये ऊर्जा विभाग द्वारा अधिकतम विद्युत प्रदाय किया जा रहा है।
इसी प्रकार ताप विद्युतगृह का उत्पादन अधिकतम 2436 मेगावाट तक पहुंच गया है। इन्दिरा सागर को अधिकतम चलाया जा रहा है, जिसके डाउन स्ट्रीम में ओंकारेश्वर, विद्युतगृह से 200 मेगावाट का उत्पादन तथा सरदार सरोवर से 240 मेगावाट का उत्पादन हो रहा है। सरदार सरोवर का उत्पादन और बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं। गुजरात सरकार के अनुरोध पर इसके जलाशय का लेवल भी बढ़ाया जा रहा है।
केन्द्रीय उपक्रमों से 1720 मेगावाट विद्युत प्राप्त हो रही है। वर्तमान में केन्द्रीय क्षेत्र के 220 मेगावाट के काकरापार तथा विंध्याचलगृह की 210 मेगावाट की इकाई वार्षिक रख-रखाव के चलते योजनाबद्ध तरीके से बंद है, जिसके कारण 110 मेगावाट की कमी हो रही है।
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