लेव्ही देने की अवधि 30 जून 2012 तक
Bhopal:Wednesday, November 9, 2011
राज्य सरकार ने साल 2011-12 में उपार्जित होने वाले धान की कस्टम मिलिंग और चावल पर लेव्ही लगाये जाने की नीति घोषित कर दी है। नीति के प्रावधान के मुताबिक लेव्ही सिर्फ चावल उत्पादकों से वसूली जायेगी और व्यवसायी इससे मुक्त रहेंगे।
इसी तरह लेव्ही की शक्ल में केवल अरवा चावल ही प्राप्त किया जायेगा। लेव्ही लिये जाने की अवधि 30 जून, 2012 तक तय की गई है। इस सिलसिले में सभी संभाग आयुक्तों, कलेक्टरों और संबंधित एजेंसियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं।राज्य सरकार ने साल 2011-12 में उपार्जित होने वाले धान की कस्टम मिलिंग और चावल पर लेव्ही लगाये जाने की नीति घोषित कर दी है। नीति के प्रावधान के मुताबिक लेव्ही सिर्फ चावल उत्पादकों से वसूली जायेगी और व्यवसायी इससे मुक्त रहेंगे।
तयशुदा नीति के तहत संबंधित मिलर्स द्वारा एक लॉट कस्टम मिलिंग कर इसे जमा करने के बाद एक लॉट चावल लेव्ही ली जायेगी। कलेक्टर द्वारा संबंधित मिलर की मिलिंग क्षमता का आँकलन करवाया जायेगा। यह भी साफ किया गया है कि यदि उसना मिलें, अरवा चावल का उत्पादन भी करती हैं तो उनसे भी लेव्ही ली जा सकेगी।
इसी तरह लेव्ही उसी धान से बने चावल की ली जायेगी जो खरीफ विपणन साल 2011-12 का उत्पादित और इस दौरान केन्द्र द्वारा घोषित समर्थन मूल्य (बोनस समेत) या उससे अधिक मूल्य पर खरीदा गया हो। इसलिये शेष धान से बने चावल को मिलर्स खुले बाजार में बेचने के लिये स्वतंत्र रहेंगे।
जिला कलेक्टरों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में मिलर्स की मिलिंग क्षमता के आधार पर 35 प्रतिशत अनिवार्य कस्टम मिलिंग के सिलसिले में जारी आदेश अमल के लिये एक नवम्बर, 2011 से लागू माना जायेगा।
नीति के प्रावधान के अनुसार लिंकिंग योजना के तहत उपार्जित धान से बने चावल को लेव्ही से मुक्त रखा जायेगा। इसी तरह आधा टन तक की क्षमता वाली चावल मिलों और हलर से कूटे जाने वाले धान पर लेव्ही नहीं लगेगी। इसके अलावा चावल से तैयार पदार्थों में पोहा, मुरमुरा आदि पर भी लेव्ही नहीं ली जायेगी।
जिला कलेक्टरों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में मिलर्स की मिलिंग क्षमता के आधार पर 35 प्रतिशत अनिवार्य कस्टम मिलिंग के सिलसिले में जारी आदेश अमल के लिये एक नवम्बर, 2011 से लागू माना जायेगा।
नीति के प्रावधान के अनुसार लिंकिंग योजना के तहत उपार्जित धान से बने चावल को लेव्ही से मुक्त रखा जायेगा। इसी तरह आधा टन तक की क्षमता वाली चावल मिलों और हलर से कूटे जाने वाले धान पर लेव्ही नहीं लगेगी। इसके अलावा चावल से तैयार पदार्थों में पोहा, मुरमुरा आदि पर भी लेव्ही नहीं ली जायेगी।
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