इंदौर में तीन दिवसीय जैविक किसान मेला प्रारंभ
कृषि विकास मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया ने कहा है कि मध्यप्रदेश में शीघ्र ही जैविक कृषि नीति की घोषणा की जायेगी। प्रदेश में जैविक खेती से प्राकृतिक संतुलन बनाये रखने के साथ ही ग्लोबल वार्मिंग के खतरों से भी निपटने में मदद मिलेगी।
कृषि विकास मंत्री डॉ. कुसमरिया रविवार को इंदौर में तीन दिवसीय जैविक कृषि सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। कृषि महाविद्यालय परिसर में आयोजित समारोह में देशभर के करीब पांच हजार से अधिक जैविक खेती विशेषज्ञ तथा किसान भाग ले रहे हैं।कृषि विकास मंत्री डॉ. कुसमरिया ने जैव-विविधता को नष्ट करने वाली शक्तियों से एकजुट होकर निपटने की बात कही। कार्यक्रम को आर्गेनिक फार्मिंग एसोसिएशन आफ इण्डिया के संस्थापक निदेशक डॉ. क्लाउड अल्वरेंस, मध्यप्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी के निर्देशक डॉ. पी.के. वर्मा, कृषि विशेषज्ञ डॉ. कुट्टी मेनन एवं डॉ. भारतेन्दु प्रकाशन ने भी संबोधित किया। सम्मेलन का आयोजन उत्तर भारत सजीव कृषि समाज, कृषि विभाग एवं के.जे. एजुकेशन सोसायटी भोपाल द्वारा किया जा रहा है।
आयोजन का खास आकर्षण जैविक हाट है। जैविक हाट में पूर्णत: जैविक खेती के जरिये उत्पादित फल, सब्जिया, मसाले रखे गये हैं। बुरहानपुर का केला, खण्डवा का प्याज, छतरपुर का सरसों तेल, बांदा का दलिया, राजस्थान का जीरा, अमरूद, लहसुन एवं धनिया आदि जैविक हाट में उपलब्ध हैं।
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