कृषि विकास मंत्री डा. कुसमरिया की अध्यक्षता में समिति का गठन
Bhopal:Friday, October 23, 2009:Updated 18:51IST मध्यप्रदेश में खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिये राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इसी संबंध में प्रदेश में जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिये जैविक खेती की स्पष्ट नीति तैयार करने के लिये किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। यह समिति 45 दिन के भीतर अपनी अनुशंसाएं राज्य शासन को सौंपेगी। समिति में शासकीय सदस्यों के साथ-साथ कृषि क्षेत्र के विभिन्न विषय-विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। यह समिति विभिन्न स्टेक होल्डर्स के साथ बैठक एवं संगोष्ठी आयोजित कर नीति के प्रारूप को अंतिम रूप देगी।
समिति में अशासकीय सदस्यों में जैविक खेती विशेषज्ञ इंदौर श्री एम.जी.के. मेनन, पूर्व कृषि संचालक डा. जी.एस. कौशल, श्री दीपक सचदे सीईओ मालपाणी ट्रस्ट बजवाड़ा, श्री सुनील गंगराडे के.जे. एजुकेशन सोसायटी भोपाल, श्री डब्ल्यू.आर. देशपाण्डे सेवा निवृत्त प्रधान कृषि वैज्ञानिक, श्री के.के. तिवारी सलाहकार दावत फूड, श्री अजीत केलकर जैविक खेती विशेषज्ञ, प्रगतिशील जैविक कृषकों में श्री इंद्र बहादुर सिंह, श्री अशोक पाटीदार, श्री वीरेन्द्र जैन, श्री दयाराम धाकड़, श्री ओम नारायण पटेल, डा.राजेन्द्र सिंह नेगी कृषि वैज्ञानिक, श्री शिवकुमार शर्मा महामंत्री भारतीय किसान संघ एवं डॉ. ध्यानपाल सिंह सदस्य राज्य कृषक आयोग को शामिल किया गया है।
समिति में शासकीय सदस्यों में अपर मुख्य सचिव, सह कृषि उत्पादन आयुक्त, प्रमुख सचिव किसान कल्याण तथा कृषि विकास, पशुपालन, उद्यानिकी, संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास, मत्स्य पालन, उद्यानिकी, पशु चिकित्सा सेवायें, प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड, राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था, मध्यप्रदेश गौ संवर्धन बोर्ड एवं कृषि उद्योग विकास निगम भोपाल, संचालक राष्ट्रीय जैविक खेती केन्द्र जबलपुर, संचालक राष्ट्रीय जैविक खेती केन्द्र गाजियाबाद, संचालक अनुसंधान सेवायें जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर एवं राजमाता विजयाराजे सिंधियां कृषि विश्वविद्यालय को शामिल किया गया है।समिति के सदस्य सचिव उप सचिव किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग रहेंगे।
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