(मंत्रि-परिषद के निर्णय)
200 न्यायाधीशों सहित 1500 पद निर्मित
Bhopal:Tuesday, May 8, 2012
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज सम्पन्न मंत्रि-परिषद की बैठक में जनहित में मण्डी अध्यक्ष के चुनाव अप्रत्यक्ष रीति से करवाने का निर्णय लिया गया।प्रदेश की कृषि उपज मण्डी समितियों के सामान्य निर्वाचन की प्रक्रिया राज्य शासन ने शुरू कर दी है। ये निर्वाचन मध्यप्रदेश कृषि उपज मण्डी अधिनियम 1972 के प्रावधान के अनुसार सम्पन्न करवाये जायेंगे। वर्तमान नियमों में कृषि उपज मण्डी अध्यक्ष के प्रत्यक्ष निर्वाचन का प्रावधान है।
प्रदेश के जन-प्रतिनिधियों तथा आम लोगों से राज्य शासन को यह सुझाव प्राप्त हो रहे थे कि चूँकि मण्डी अध्यक्ष निर्वाचन गैर-दलीय आधार पर होते हैं, जिसमें प्रत्याशियों को जनसंपर्क करने तथा चुनाव प्रचार के लिये समय और धन की आवश्यकता होती है, लिहाजा, जनहित में मण्डी अध्यक्ष के निर्वाचन अप्रत्यक्ष रीति से करवाये जायें।मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज सम्पन्न मंत्रि-परिषद की बैठक में जनहित में मण्डी अध्यक्ष के चुनाव अप्रत्यक्ष रीति से करवाने का निर्णय लिया गया।प्रदेश की कृषि उपज मण्डी समितियों के सामान्य निर्वाचन की प्रक्रिया राज्य शासन ने शुरू कर दी है। ये निर्वाचन मध्यप्रदेश कृषि उपज मण्डी अधिनियम 1972 के प्रावधान के अनुसार सम्पन्न करवाये जायेंगे। वर्तमान नियमों में कृषि उपज मण्डी अध्यक्ष के प्रत्यक्ष निर्वाचन का प्रावधान है।
राज्य शासन ने जनहित में प्राप्त इस सुझाव को मान्य कर मध्यप्रदेश कृषि उपज मण्डी अधिनियम 1972 में यथोचित अध्यादेश के माध्यम से संशोधित करने का निर्णय लिया। इस निर्णय से जन-भावनाओं की पूर्ति के साथ-साथ मण्डी अध्यक्ष निर्वाचन की प्रक्रिया सरल होगी। इससे समय और धन दोनों की बचत भी होगी।
यह उल्लेखनीय है कि पूर्व से पंचायत एवं जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव अप्रत्यक्ष रीति से करवाये जाने के प्रावधान मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 में हैं।
न्यायाधीशों के पद
मंत्रि-परिषद ने 13वें वित्त आयोग के अधीन प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के लिये अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा सिविल न्यायाधीश वर्ग-1 एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के 100-100 पद स्वीकृत किये। अमले के 1300 पद संविदा आधार पर सृजित करने का निर्णय लिया गया। यह पद 31 मार्च, 2015 तक सृजित किये जायेंगे।
ये पद 13वें वित्त आयोग के अंतर्गत गठित उच्च-स्तरीय मॉनीटरिंग समिति की अनुशंसा के अनुरूप सृजित किये गये हैं।
अन्य निर्णय
मुख्यमंत्री की घोषणा के परिपालन में सिवनी जिले के बरघाट में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस का कार्यालय खोले जाने के लिये 6 पदों का सृजन। इनमें एक अनुविभागीय अधिकारी तथा एक-एक सहायक उप निरीक्षक, प्रधान आरक्षक (रीडर), आरक्षक (अर्दली), आरक्षक (अ) तथा आरक्षक (चालक) शामिल हैं।
कानून व्यवस्था की दृष्टि से पन्ना जिले के गुनौर में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस का कार्यालय खोले जाने के लिये 6 पदों का सृजन। इनमें एक उप पुलिस अधीक्षक तथा एक-एक सहायक उप निरीक्षक, प्रधान आरक्षक (रीडर), आरक्षक (अर्दली), आरक्षक (अ) तथा आरक्षक (चालक) शामिल हैं।
अनूपपुर, बुरहानपुर और अशोकनगर जिले में अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 और नियम-1995 के तहत दर्ज मामलों में उप पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी ही जाँच विवेचना के लिये सक्षम होने के कारण 3 उप पुलिस अधीक्षक के पद सृजित करने का निर्णय।
राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो का नाम अब आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ होगा।
वित्त विभाग (मंत्रालय) की नियम शाखा में किये जाने वाले कार्यों के सुचारु संचालन के लिये इसमें अनुभवी अधिकारियों की पदस्थापना के लिये सहायक लेखा अधिकारी के दो पद स्वीकृत।
उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी संचालनालय के अधीन कार्यरत ग्रामीण विस्तार अधिकारियों को दिये जाने वाला स्थायी यात्रा-भत्ता 200 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये किया गया।
उप महा-अधिवक्ता इंदौर का एक पद समाप्त कर अतिरिक्त महा-अधिवक्ता इंदौर के लिये एक पद सृजित।
रा.प्र.से. (सेवानिवृत्त) के तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी, चुरहट को देय पेंशन में से 5 प्रतिशत पेंशन 2 वर्ष के लिये वापस ली जायेगी।
रा.प्र.से. (सेवानिवृत्त) के तत्कालीन तहसीलदार रामपुर बघेलान श्री आर.बी. चतुर्वेदी की 5 प्रतिशत पेंशन 2 वर्ष के लिये वापस ली जायेगी।
मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन नियम-1976) के अंतर्गत श्री आर.एस. श्रीवास्तव सेवानिवृत्त कार्यपालन यंत्री जल-संसाधन विभाग को देय पेंशन से 20 प्रतिशत पेंशन स्थाई रूप से रोकी जायेगी।
श्री एस.एस. करीम (सेवानिवृत्त) अधीक्षक यंत्री जल-संसाधन विभाग के विरुद्ध शासन को हुई वित्तीय हानि 2 लाख 22 हजार 572 रुपये की वसूली उनकी ग्रेच्युटी से की जायेगी।
श्री व्ही.के. मिश्रा (सेवानिवृत्त) सहायक वन संरक्षक की 5 प्रतिशत पेंशन 5 वर्ष के लिये वापस ली जायेगी।
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