अघोषित विद्युत कटौती नहीं होगी : सी.एम.डी.
रबी मौसम में किसानों को सिंचाई के लिये आवश्यकतानुसार विद्युत प्रदाय के लिये तीनों विद्युत वितरण कम्पनियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये हैं। इस दौरान यथा-संभव अघोषित विद्युत कटौती नहीं करने तथा किसानों को जरूरत के मुताबिक बिजली देने की व्यवस्था करने को कहा गया है।
रबी मौसम में सुचारु विद्युत प्रदाय के उद्देश्य से कम्पनी स्तर पर कंट्रोल रूम की मॉनीटरिंग अध्यक्ष एवं प्रबंध संचालक स्तर पर की जायेगी। विद्युत बिलों में त्रुटियों के निराकरण के लिये समय-समय पर ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत पंचायतें आयोजित की जायेंगी।विद्युत नेटवर्क के तहत लाईनों तथा उपकेन्द्रों का रख-रखाव प्रभावी रूप से पूर्ण करने को कहा गया है। साथ ही जिन फीडरों और उपकेन्द्रों से विद्युत प्रदाय संतोषजनक नहीं हुआ है तथा बार-बार व्यवधान आया है उनके रख-रखाव में प्राथमिकता देने के निर्देश दिये गये हैं। तीनों वितरण कम्पनियों तथा पारेषण कम्पनी को आगामी 30 सितम्बर तक पोस्ट मानसून मेंटीनेंस पूर्ण करने को कहा गया है ताकि रबी मौसम की शुरूआत के समय ही नेटवर्क समुचित रूप से कार्य कर सके।
उपकेन्द्रों में स्थापित कैपेसिटर बैंकों का रख-रखाव कर उन्हें क्रियाशील करने को कहा गया है। सभी उपकेन्द्रों के सर्किट ब्रेकर्स उचित रूप से कार्य करें इसके लिये आगामी सितम्बर माह तक आवश्यक कार्यवाही पूर्ण करने के निर्देश दिये गये हैं। नेटवर्क का वर्षा ऋतु में विशेष ध्यान देने को भी कहा गया है।
रबी मौसम में जहां तक संभव होगा अघोषित विद्युत कटौती नहीं की जायेगी। यदि नेटवर्क की आवश्यकता होगी तो विद्युत कटौती के बारे में कलेक्टर, एस.पी., कमिश्नर तथा आई.जी. को अवगत कराया जायेगा, ताकि कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित न हो। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में अघोषित विद्युत कटौती अपरिहार्य होने पर इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा गया है।
मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा इस वर्ष के टेरिफ आदेश के अनुसार संभागीय मुख्यालयों को 22 घंटे, जिला मुख्यालयों को 19 घंटे, तहसील मुख्यालयों को 14 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 12 घंटे विद्युत प्रदाय किये जाने की अनुशंसा की गई है।
इसकी पूर्ति के लिये हर-संभव प्रयास करने को कहा गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में कंडक्टर चोरी, लाईन काटना तथा ट्रांसफार्मर चोरी को रोकने के लिये कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं। इसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट संबंधित थानों में दर्ज कराने तथा नियामक आयोग के दिशा-निर्देशानुसार कार्यवाही करने को कहा गया है।
विद्युत वितरण कम्पनियों को ट्रांसफार्मरों की इनवेन्ट्री बिल्ट करने को कहा गया है। जले तथा खराब ट्रांसफार्मर विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित समयावधि में बदलने के निर्देश दिये गये हैं। इसमें अनावश्यक विलंब होने पर संबंधित अधिकारी पर जिम्मेदारी सुनिश्चित की जायेगी।
विद्युत वितरण कम्पनियों को ट्रांसफार्मरों की इनवेन्ट्री बिल्ट करने को कहा गया है। जले तथा खराब ट्रांसफार्मर विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित समयावधि में बदलने के निर्देश दिये गये हैं। इसमें अनावश्यक विलंब होने पर संबंधित अधिकारी पर जिम्मेदारी सुनिश्चित की जायेगी।
वितरण ट्रांसफार्मर जलने की सूचना संबंधित अधिकारियों तक पहुंचने में विलंब न हो इसके लिये सूचना तंत्र विकसित किया जायेगा। वितरण केन्द्र, उप संभाग एवं संभाग कार्यालय में शेष बदले जाने वाले ट्रांसफार्मरों की सूची, उनके बदले जाने की संभावित तिथि तथा वरीयता सूचना पटल पर चस्पा करने को कहा गया है।
साथ ही क्षेत्रीय लोकल रिपेयरिंग यूनिट के सुचारु कार्य एवं आधुनीकरण के लिये निर्देशित किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में साप्ताहिक अवकाश के दिन लाईनों, उपकेन्द्रों तथा ट्रांसफार्मरों का रख-रखाव कार्य पूर्ण करने को कहा गया है। सभी क्षेत्रों में साप्ताहिक अवकाश के दिन को ध्यान में रखते हुए बारी-बारी से रख-रखाव कार्य किया जाये।
उपकेन्द्रों पर आपरेटरों की उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा गया है। साथ ही इस बात का ध्यान रखने को कहा गया है कि उपकेन्द्रों के आपरेटर शिक्षित हों तथा लॉगबुक में रीडिंग नियमित रूप से दर्ज हो। सभी फीडरों पर एम.आर.आई. मीटर स्थापित करने तथा उनकी मॉनीटरिंग अधीक्षण अभियंता स्तर पर करने को कहा गया है।
उपकेन्द्रों पर आपरेटरों की उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा गया है। साथ ही इस बात का ध्यान रखने को कहा गया है कि उपकेन्द्रों के आपरेटर शिक्षित हों तथा लॉगबुक में रीडिंग नियमित रूप से दर्ज हो। सभी फीडरों पर एम.आर.आई. मीटर स्थापित करने तथा उनकी मॉनीटरिंग अधीक्षण अभियंता स्तर पर करने को कहा गया है।
साथ ही क्षेत्रीय मुख्य अभियंता द्वारा मैदानी प्रवास के दौरान इसकी जांच सुनिश्चित करेंगे तथा प्रत्येक माह की पांच तारीख तक प्रतिवेदन भेजकर ऊर्जा विभाग को अवगत करायेंगे। ऊर्जा विभाग द्वारा रेण्डम सेंपलिंग कर विद्युत प्रदाय की वस्तुस्थिति की जांच की जायेगी।
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