राज्य शासन ने प्रमाणित बीज की विक्रय दरों में कमी की
मध्यप्रदेश में किसानों को पर्याप्त उन्नत एवं उच्च गुणवत्ता का बीज उपलब्ध कराकर कृषि उत्पादकता में वृद्धि करने के उद्देश्य से किसान कल्याण विभाग द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। कृषि उत्पादन में बीज एक महत्वपूर्ण सामग्री है। किसान कल्याण मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया ने बताया कि प्रदेश की बीज प्रतिस्थापन की दर बढ़ाने की दृष्टि से खरीफ वर्ष 2010-11 में राज्य शासन ने प्रमाणित बीज की विक्रय दरों में कमी की है। उन्होंने कृषकों से अपील की है कि वे सहकारी संस्थाओं से ही प्रमाणित बीज खरीदें।
सोयाबीन की समस्त किस्मों के बीज में पिछले वर्ष के मुकाबले 200 रुपये की कमी कर बीज विक्रय की दर 2500 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित
धान की पतली किस्म के बीज में साढ़े तीन सौ रुपये की कमी कर 1200 रुपये प्रति क्विंटल की दर निर्धारित
खरीफ में इस वर्ष 108.25 लाख हेक्टेयर में बोनी का कार्यक्रम
प्रदेश में खरीफ 2010 में 108 लाख 25 हजार हेक्टेयर में बोनी किये जाने का कार्यक्रम तय किया गया है। जबकि पिछले वर्ष प्रदेश में 104 लाख 60 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ की बोनी की गई थी। इस वर्ष प्रदेश में 53 लाख 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की बोनी की जायेगी। किसानों को खरीफ की अन्य फसलों के साथ-साथ सोयाबीन का प्रमाणित बीज मिल सके इसके लिये पर्याप्त मात्रा में प्रमाणित बीज का उपार्जन किया गया है। प्रदेश में खरीफ 2010 में 13 लाख 16 हजार क्विंटल प्रमाणित बीज वितरित किये जाने का कार्यक्रम बनाया गया है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग ढाई लाख क्विंटल अधिक है।
प्रदेश में बीज प्रतिस्थापन की दर बढ़ाने के लिये धान की मोटी प्रजातियों में गत वर्ष की तुलना में 110 रुपये कम कर प्रमाणित बीज की विक्रय दर 1140 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है। धान की पतली किस्म में 350 रुपये की कमी कर 1200 रुपये प्रति क्विंटल की विक्रय दर निर्धारित की गई है। राज्य में खरीफ की प्रमुख फसल सोयाबीन जिसकी समस्त किस्मों में विक्रय दर पिछले वर्ष के मुकाबले में इस वर्ष 200 रुपये कम कर 2500 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है।
बीज उत्पादन कार्यक्रम में अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के किसानों की भागीदारी सुनिश्चित करने एवं बीज प्रतिस्थापन दर में वृद्धि करने के उद्देश्य से खरीफ 2010 में सोयाबीन एवं धान की समस्त किस्मों के बीजों पर 200 रुपये प्रति क्विंटल अतिरिक्त उत्पादन अनुदान के रूप में दिया जायेगा। इसी प्रकार सोयाबीन बीज पर 300 रुपये प्रति क्विंटल अनुदान किसानों को दिया जायेगा। किसानों को दी जाने वाली अनुदान की अतिरिक्त राशि का शत-प्रतिशत लाभ सीधे किसानों को मिलेगा, संस्था का इसमें कोई अंश नहीं होगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन एवं आई.सी.डी.पी. योजनांतर्गत धान बीज की 10 वर्ष से अधिक की किस्मों के बीजों पर उत्पादन अनुदान देने का कोई प्रावधान नहीं है, परंतु बीज उत्पादन को बढ़ावा देने एवं बीज प्रतिस्थापन की दर में वृद्धि करने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया है कि धान की समस्त किस्मों पर किसानों को उत्पादन अनुदान दिया जायेगा।
राज्य शासन ने किसानों के हित में एक और अहम फैसला करते हुए निजी विक्रेताओं को भी खरीफ 2010 के तिहलन एवं दलहन बीजों (सोयाबीन को छोड़कर) के वितरण पर वितरण अनुदान निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत ही दिये जाने का निर्णय लिया है। इसमें एक शर्त यह रखी गई है कि प्रमाणित बीजों का वितरण सहकारी संस्थाओं के माध्यम से ही हो।
किसानों को खरीफ सीजन के दौरान उर्वरकों को प्राप्त करने में तकलीफ न हो इस उद्देश्य से वर्ष 2009 की तुलना में लगभग दो लाख क्विंटल अधिक उर्वरक इस वर्ष वितरित किये जाने की व्यवस्था की गई है। किसानों को खरीफ 2010 में 19 लाख 79 हजार टन उर्वरक वितरित किये जाने का कार्यक्रम तय किया गया है।
धान की पतली किस्म के बीज में साढ़े तीन सौ रुपये की कमी कर 1200 रुपये प्रति क्विंटल की दर निर्धारित
खरीफ में इस वर्ष 108.25 लाख हेक्टेयर में बोनी का कार्यक्रम
प्रदेश में खरीफ 2010 में 108 लाख 25 हजार हेक्टेयर में बोनी किये जाने का कार्यक्रम तय किया गया है। जबकि पिछले वर्ष प्रदेश में 104 लाख 60 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ की बोनी की गई थी। इस वर्ष प्रदेश में 53 लाख 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की बोनी की जायेगी। किसानों को खरीफ की अन्य फसलों के साथ-साथ सोयाबीन का प्रमाणित बीज मिल सके इसके लिये पर्याप्त मात्रा में प्रमाणित बीज का उपार्जन किया गया है। प्रदेश में खरीफ 2010 में 13 लाख 16 हजार क्विंटल प्रमाणित बीज वितरित किये जाने का कार्यक्रम बनाया गया है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग ढाई लाख क्विंटल अधिक है।
प्रदेश में बीज प्रतिस्थापन की दर बढ़ाने के लिये धान की मोटी प्रजातियों में गत वर्ष की तुलना में 110 रुपये कम कर प्रमाणित बीज की विक्रय दर 1140 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है। धान की पतली किस्म में 350 रुपये की कमी कर 1200 रुपये प्रति क्विंटल की विक्रय दर निर्धारित की गई है। राज्य में खरीफ की प्रमुख फसल सोयाबीन जिसकी समस्त किस्मों में विक्रय दर पिछले वर्ष के मुकाबले में इस वर्ष 200 रुपये कम कर 2500 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है।
बीज उत्पादन कार्यक्रम में अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के किसानों की भागीदारी सुनिश्चित करने एवं बीज प्रतिस्थापन दर में वृद्धि करने के उद्देश्य से खरीफ 2010 में सोयाबीन एवं धान की समस्त किस्मों के बीजों पर 200 रुपये प्रति क्विंटल अतिरिक्त उत्पादन अनुदान के रूप में दिया जायेगा। इसी प्रकार सोयाबीन बीज पर 300 रुपये प्रति क्विंटल अनुदान किसानों को दिया जायेगा। किसानों को दी जाने वाली अनुदान की अतिरिक्त राशि का शत-प्रतिशत लाभ सीधे किसानों को मिलेगा, संस्था का इसमें कोई अंश नहीं होगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन एवं आई.सी.डी.पी. योजनांतर्गत धान बीज की 10 वर्ष से अधिक की किस्मों के बीजों पर उत्पादन अनुदान देने का कोई प्रावधान नहीं है, परंतु बीज उत्पादन को बढ़ावा देने एवं बीज प्रतिस्थापन की दर में वृद्धि करने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया है कि धान की समस्त किस्मों पर किसानों को उत्पादन अनुदान दिया जायेगा।
राज्य शासन ने किसानों के हित में एक और अहम फैसला करते हुए निजी विक्रेताओं को भी खरीफ 2010 के तिहलन एवं दलहन बीजों (सोयाबीन को छोड़कर) के वितरण पर वितरण अनुदान निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत ही दिये जाने का निर्णय लिया है। इसमें एक शर्त यह रखी गई है कि प्रमाणित बीजों का वितरण सहकारी संस्थाओं के माध्यम से ही हो।
किसानों को खरीफ सीजन के दौरान उर्वरकों को प्राप्त करने में तकलीफ न हो इस उद्देश्य से वर्ष 2009 की तुलना में लगभग दो लाख क्विंटल अधिक उर्वरक इस वर्ष वितरित किये जाने की व्यवस्था की गई है। किसानों को खरीफ 2010 में 19 लाख 79 हजार टन उर्वरक वितरित किये जाने का कार्यक्रम तय किया गया है।
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