नई 19 मध्यम परियोजनाएँ चिन्हांकित
Bhopal:Friday, May 4, 2012
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में अधिक से अधिक लघु सिंचाई योजनाएँ स्वीकृत की जायं। सिंचाई में वृद्धि का प्रत्यक्ष परिणाम विभिन्न फसलों के उत्पादन में दिखाई दे रहा है। श्री चौहान आज यहाँ जल संसाधन विभाग की समीक्षा कर रहे थे।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में इस वर्ष रबी सिंचाई में 7.50 लाख हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी हुई है। फलस्वरूप गेहूँ की पैदावार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पिछले साल 8 लाख 60 हजार हेक्टेयर में रबी सिंचाई हुई थी। इस वर्ष बढ़कर यह 16 लाख 14 हजार हेक्टेयर हो गई है। सबसे ज्यादा सिंचाई चंबल, तवा और राजघाट परियोजनाओं से हुई है।मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में अधिक से अधिक लघु सिंचाई योजनाएँ स्वीकृत की जायं। सिंचाई में वृद्धि का प्रत्यक्ष परिणाम विभिन्न फसलों के उत्पादन में दिखाई दे रहा है। श्री चौहान आज यहाँ जल संसाधन विभाग की समीक्षा कर रहे थे।
श्री चौहान ने बैठक में विभागीय गतिविधियों और निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाओं की स्थिति की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण में आने वाली पर्यावरण संबंधी बाधाओं को दूर करने के लिये आवश्यक कदम उठाये जायेंगे। आवश्यकता पड़ने पर केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से भी इस संबंध में चर्चा की जायेगी। श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में सिंचाई क्षमता बढ़ाने की व्यापक संभावनाएँ हैं। सिंचाई की अधिकतम क्षमता बढ़ाने के सभी प्रयास किये जाना चाहिये।
बैठक में बताया गया कि बड़ी परियोजनाओं में बाणसागर, महान, बरियारपुर, माही में अगले साल तक नहर निर्माण का काम पूरा हो जायेगा। बाईस नई मध्यम परियोजनाओं पर काम चल रहा है और 19 को चिन्हांकित किया गया है।
बैठक में जल संसाधन मंत्री श्री जयंत मलैया, मुख्य सचिव श्री आर.परशुराम, प्रमुख सचिव जल संसाधन श्री आर.एस. जुलानिया एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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