अब तक 7,274 पंजीकृत, हर रोज़ 800 से 900 पंजीकरण, मार्च तक जारी रहेगा सिलसिला
Bhopal:Thursday, November 3, 2011
प्रदेश के किसानों को समर्थन मूल्य पर सुविधाजनक ढंग से अपनी फसल बेचने के लिये शुरू ऑन-लाइन पंजीयन के काम ने अब रफ्तार पकड़ ली है। बीते एक महीने में ऐसे पंजीकृत किसानों की तादाद 7,274 तक पहुँच चुकी है।
हर रोज़ कोई 800 से 900 किसान पंजीकृत हो रहे हैं। सरकार अधिकाधिक किसानों को इस इंतजाम के दायरे में लाना चाहती है, लिहाजा गेहूँ उपार्जन सीजन शुरू होने के पहले मार्च तक इस पंजीयन व्यवस्था को जारी रखा जायेगा।प्रदेश के किसानों को समर्थन मूल्य पर सुविधाजनक ढंग से अपनी फसल बेचने के लिये शुरू ऑन-लाइन पंजीयन के काम ने अब रफ्तार पकड़ ली है। बीते एक महीने में ऐसे पंजीकृत किसानों की तादाद 7,274 तक पहुँच चुकी है।
जरूरी है पंजीयन
यह साफ कर दिया गया है कि किसानों के हित में ही यह अग्रिम पंजीयन जरूरी है। इस उद्देश्य से पूरे सिस्टम को मजबूत, पारदर्शी और सुविधापूर्ण बनाया जा रहा है। किसानों का इस कोशिश को अपेक्षित रिस्पाँस इस तथ्य से दिखलाई पड़ा है कि एक महीने में 7,274 किसान पंजीबद्ध किये जा चुके हैं। इनमें ऐसे कई किसान शामिल हैं जो बड़ी तादाद में अपनी फसल बेचते हैं। खाद्य आयुक्त श्रीमती दीपाली रस्तोगी के मुताबिक सबसे ज्यादा 977 किसान जबलपुर में पंजीबद्ध हुए हैं और दूसरे नम्बर पर 821 किसानों के साथ सिवनी जिला सामने आया है। महत्वपूर्ण यह भी है कि पंजीकरण के शुरूआती दौर में जहाँ हर दिन सिर्फ 200 से 300 किसान सामने आ रहे थे, वहीं अब यह तादाद बढ़कर प्रतिदिन 800 से 900 हो गई है।
दोहरी सुविधा
पंजीकरण के साथ किसानों को दोहरी सुविधा भी सरकार ने जुटाई है। इसके तहत पूरे प्रदेश में 4 हजार कियॉस्क के साथ ही नागरिक सुविधा केन्द्र भी सक्रिय किये गये हैं। वहाँ पहुँचने पर संबंधित लोग फार्म भरने और किसानों को आवश्यक सूचना देने में मददगार हो रहे हैं। मैदानी स्तर पर नज़र रखने के लिये जिला खाद्य नियंत्रकों को नोडल अधिकारी बनाया गया है। कलेक्टर समूचे काम की नियमित समीक्षा कर रहे हैं। समन्वय के लिये संभागवार 4-4 सम्पर्क अधिकारी भी तैनात किये गये हैं। यही नहीं, इस काम में किसानों की किसी दिक्कत का निदान करने के लिये राज्य स्तर पर टोल-फ्री नम्बर 1800-233-6411 पर सम्पर्क की व्यवस्था की गई है।
क्या होना है पंजीयन से लाभ
ऑन-लाइन पंजीयन सुविधा का मक़सद समर्थन मूल्य पर अपनी फसल बेचने वाले किसानों को एसएमएस अलर्ट के जरिये पूर्व सूचना भेजकर उन्हें अपनी बारी और तिथि से अवगत करवाना है। इससे वे खरीदी केन्द्रों पर लगने वाली भीड़ और अनावश्यक असुविधा से बच सकेंगे। इसी तरह प्रदेश के किसानों को ही समर्थन मूल्य योजना का भरपूर लाभ इसलिये सुनिश्चित हो सकेगा कि राज्य सरकार द्वारा अलग से दिया जाने वाला बोनस पूरे देश में सर्वाधिक है।
प्रचार और सघन
किसानों तक इस बात को व्यापक तौर पर पहुँचाने के लिये अपनाये गये प्रचार-प्रसार के विभिन्न तरीकों को और सघन किया जा रहा है। यह काम हर जिले में वहाँ की परिस्थितियों के अनुरूप रणनीति बनाकर किया जा रहा है।
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