30 जिलों में सिंचाई को नई जिन्दगी
Bhopal:Friday, October 28, 2011
प्रदेश में सिंचाई सुविधाओं के विस्तार की नई कोशिशों के साथ ही बरसों पहले के उन बाँधों, नहरों को सुधारे जाने का काम भी शुरू किया गया है जो जीर्णी-शीर्ण हो चुके थे। इस सिलसिले में 30 जिलों की चुनिंदा 504 परियोजनाओं पर एक साथ काम जारी है। विश्व बैंक से 1 हजार 919 करोड़ रूपयों की सहायता लेकर वॉटर सेक्टर रिस्ट्रक्चरिंग प्रोजेक्ट के तहत ये काम किये जा रहे हैं।
राज्य सरकार ने पिछले दो साल में श्रृंखलाबद्ध अनेक नई लधु सिंचाई योजनाओं को मंजूर कर उन पर काम शुरू किया है। सरकार इसके साथ ही उन बाँधों और उनसे जुड़ी नहरों का व्यापक सुधार भी करना चाहती है जिनकी सालों से मरम्मत एवं देखरेख नहीं होने के चलते उनकी सिंचाई क्षमता गड़बड़ा गई थी। इस उद्देश्य से 25 साल पहले बनी 30 जिलों की कुल 504 सिंचाई परियोजनाएँ चुनी गई। इनमें से 210 परियोजनाओं पर बुन्देलखण्ड पैकेज के तहत अलग से काम किया जा रहा है।प्रदेश में सिंचाई सुविधाओं के विस्तार की नई कोशिशों के साथ ही बरसों पहले के उन बाँधों, नहरों को सुधारे जाने का काम भी शुरू किया गया है जो जीर्णी-शीर्ण हो चुके थे। इस सिलसिले में 30 जिलों की चुनिंदा 504 परियोजनाओं पर एक साथ काम जारी है। विश्व बैंक से 1 हजार 919 करोड़ रूपयों की सहायता लेकर वॉटर सेक्टर रिस्ट्रक्चरिंग प्रोजेक्ट के तहत ये काम किये जा रहे हैं।
जल-संसाधन विभाग ने बुन्देलखंड पैकेज की ऐसी परियोजनाओं को पृथक रूप से क्रियान्वित होने के चलते कुल 294 परियोजनाओं पर तेजी से काम शुरू किया। इसके चलते अब तक 14 परियोजनाएँ सुधारी जाकर उन्हें अपनी तयशुदा सिंचाई क्षमता फिर से दे दी गई है। इसके अलावा 93 ऐसी ही परियोजनाओं पर काम शुरू करने के बाद अब इसे जल्द पूरा करने की कोशिशें जारी हैं।
देखरेख जल उपभोक्ता संस्थाओं के जिम्मे
नई जिन्दगी लौटाये गये बाँधों और नहरों के रख-रखाव का जिम्मा अपने क्षेत्रों में जल-उपभोक्ता संस्थाएँ संभाल रही हैं। इनके सदस्य जो वहीं के किसान हैं, बाँध में पानी के भराव के आधार पर किसानों को इसके प्रदाय की मात्रा और समय भी खुद तय कर रहे हैं। संस्था ही सिंचाई के अनुरूप बोई जाने वाली फसल का चयन भी किसानों के हक में कर रही है।
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