मुख्यमंत्री और खाद्य मंत्री की निरंतर कोशिश का असर
Bhopal:Tuesday, October 18, 2011
प्रदेश में अनाज भण्डारण के मुकम्मल इंतजाम की लगातार कोशिशें चल रही हैं। सोमवार को ऐसी ही एक कोशिश तब सफल हो गई जबकि केन्द्र सरकार ने 10 वर्षीय गारंटी योजना के तहत 19 लाख 52 हजार मी. टन क्षमता के गोदाम निर्माण पर अपनी सहमति दे दी। इसके चलते निजी-जनभागीदारी और अन्य एजेंसियों के जरिये इस क्षमता के गोदामों के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और खाद्य आपूर्ति राज्य मंत्री श्री पारस चन्द्र जैन इस योजना पर अमल के लिये लगातार केन्द्र से पैरवी करते रहे हैं। इसके नतीजे में ही पिछले साल भी 4 लाख 8 हजार मी. टन क्षमता के ऐसे गोदामों की प्रदेश को मंजूरी मिल चुकी है।प्रदेश में अनाज भण्डारण के मुकम्मल इंतजाम की लगातार कोशिशें चल रही हैं। सोमवार को ऐसी ही एक कोशिश तब सफल हो गई जबकि केन्द्र सरकार ने 10 वर्षीय गारंटी योजना के तहत 19 लाख 52 हजार मी. टन क्षमता के गोदाम निर्माण पर अपनी सहमति दे दी। इसके चलते निजी-जनभागीदारी और अन्य एजेंसियों के जरिये इस क्षमता के गोदामों के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।
कैसे होगा काम
पीपीपी मोड में होने वाले इस काम को अलग-अलग एजेंसियाँ अंज़ाम देंगी। इसके तहत 10 लाख 80 हजार मी. टन क्षमता के गोदामों के निर्माण के लिये सीधे तौर पर निजी क्षेत्र से टेण्डर बुलवाये जायेंगे। इसके अलावा करीब 82 हजार मी. टन क्षमता के गोदामों का निर्माण केन्द्रीय भण्डारगृह निगम और 6 लाख 98 हजार मी. टन क्षमता के गोदामों का निर्माण अन्य एजेंसियों के जरिये होगा। इस समूची प्रक्रिया का संचालन नोडल एजेंसी के बतौर मध्यप्रदेश भण्डारगृह निगम करेगी।
10 साल के इस्तेमाल पर होगा करार
निजी-जनभागीदारी के जरिये बनाये जाने वाले गोदामों के लिये इच्छुक लोगों से निविदाएँ बुलवाई जायेंगी। न्यूनतम दर वाली निविदाओं पर अनुबंध की कार्रवाई की जायेगी। राज्य सरकार गोदाम तैयार होने पर केन्द्र की ओर से 10 साल तक इन गोदामों का भाड़े पर इस्तेमाल करने की गारंटी देगी। गोदामों का निर्माण नोडल एजेंसी के तयशुदा मानदण्डों के मुताबिक किया जायेगा। भाड़े की प्रतिपूर्ति केन्द्र सरकार करेगी।
दो स्तरों पर निपटेगी कार्रवाई
इन गोदामों के निर्माण की सहमति और मंजूरी दो भिन्न कमेटियाँ देंगी। दो चरणों में लिहाजा पहले राज्य-स्तरीय कमेटी और फिर हाई-पॉवर कमेटी इस सिलसिले में सभी औपचारिकताएँ पूरी होने पर अंतिम कार्रवाई का जिम्मा संभालेंगी। केन्द्र से स्वीकृति मिलते ही प्रशासनिक अमला आगे की कार्रवाई के लिये सक्रिय हो गया है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में पिछले सीजन में समर्थन मूल्य पर करीब 50 लाख मी. टन गेहूँ की ऐतिहासिक खरीदी के बाद आने वाले सीजन में राज्य सरकार इसकी और ज्यादा खरीदी का मन बना चुकी है। इसीके मद्देनज़र उपार्जित अनाज के सुरक्षित भण्डारण के लिये कई स्तरों और विकल्पों पर काम चल रहा है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने विभिन्न मौकों पर लिखे पत्रों और यहाँ तक कि प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से रूबरू होने के दौरान 10 साल गारंटी वाली केन्द्रीय योजना पर मंजूरी का आग्रह किया था। खाद्य आपूर्ति राज्य मंत्री श्री पारस चन्द्र जैन ने भी कई पत्र लिखकर तथा दो बार देश के खाद्य मंत्रियों की बैठक में केन्द्रीय मंत्री के समक्ष इस बारे में पैरवी की थी।
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