गेहूँ और चने की बोवनी में सर्वाधिक वृद्धि का लक्ष्य
Bhopal:Wednesday, October 12, 2011
प्रदेश में हुई अच्छी वर्षा तथा जल-स्रोतों में पानी की उपलब्धता के कारण गेहूँ और चने की बोवनी के लिये इस वर्ष अनुकूल संभावनाएँ हैं। वर्ष 2011-12 में रबी फसलों के रकबे में लगभग 8 लाख हेक्टेयर बढ़ोत्तरी का अनुमान है।
प्रदेश में हुई अच्छी वर्षा तथा जल-स्रोतों में पानी की उपलब्धता के कारण गेहूँ और चने की बोवनी के लिये इस वर्ष अनुकूल संभावनाएँ हैं। वर्ष 2011-12 में रबी फसलों के रकबे में लगभग 8 लाख हेक्टेयर बढ़ोत्तरी का अनुमान है।
अन्य फसलों में भी वृद्धि होने से लगभग 103 लाख 95 हजार हेक्टेयर में रबी की फसलें बोई जायेंगी जो सामान्य रबी क्षेत्रफल 80 लाख हेक्टेयर से 23 लाख हेक्टेयर तथा गत वर्ष के क्षेत्राच्छादन से लगभग 8 लाख हेक्टेयर अधिक होगा।
मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के 25 जिलों में इस वर्ष सामान्य वर्षा हुई है तथा शेष 25 जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। प्रदेश में वर्षा का सामान्य औसत 938.4 मिलीमीटर है, जिससे 21 प्रतिशत अधिक 1134 मिलीमीटर औसत वर्षा इस वर्ष आँकी गई है। अच्छी वर्षा के कारण कुआँ, तालाब व नदी-नालों में जल की उपलब्धता के साथ ही भूजल-स्तर में भी वृद्धि हुई है। इसके अतिरिक्त भूमि में नमी के कारण असिंचित फसलों की बोवाई भी ज्यादा होने के आसार हैं। विभागीय अनुमानों के अनुसार यदि परिस्थितियाँ इसी तरह अनुकूल रहीं तो सभी फसलों के उत्पादन और उत्पादकता में भी जोरदार वृद्धि होगी। मुख्य फसलों में बढ़ोत्तरी होना किसानों के लिये लाभकारी होगा और खाद्यान्न आपूर्ति में भी सहायक रहेगा।
किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुसार गेहूँ का रकबा गत वर्ष की बोवाई 45 लाख 72 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 49 लाख हेक्टेयर, चने का रकबा 31 लाख 13 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 32 लाख 90 हजार हेक्टेयर, मसूर 5 लाख 91 हजार हेक्टेयर से 6 लाख 20 हजार हेक्टेयर, सरसों 7 लाख 45 हजार हेक्टेयर से 9 लाख 13 हजार हेक्टेयर तथा गन्ना 66 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 93 हजार हेक्टेयर किया जाने का अनुमान है।
इस प्रकार कुल खाद्यान्न का क्षेत्रफल गत वर्ष बोये गये क्षेत्रफल 46 लाख 53 हजार हेक्टेयर की तुलना में 50 लाख 5 हजार हेक्टेयर, दलहन 39 लाख 91 हजार हेक्टेयर की तुलना में 42 लाख 33 हजार हेक्टेयर और तिलहन 8 लाख 71 हजार हेक्टेयर की तुलना में 10 लाख 68 हजार हेक्टेयर बोये जाने की संभावना है। प्रदेश के सभी जिलों में रबी की शीघ्र बोई जाने वाली फसलों की बोवाई शुरू हो चुकी है।
मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के 25 जिलों में इस वर्ष सामान्य वर्षा हुई है तथा शेष 25 जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। प्रदेश में वर्षा का सामान्य औसत 938.4 मिलीमीटर है, जिससे 21 प्रतिशत अधिक 1134 मिलीमीटर औसत वर्षा इस वर्ष आँकी गई है। अच्छी वर्षा के कारण कुआँ, तालाब व नदी-नालों में जल की उपलब्धता के साथ ही भूजल-स्तर में भी वृद्धि हुई है। इसके अतिरिक्त भूमि में नमी के कारण असिंचित फसलों की बोवाई भी ज्यादा होने के आसार हैं। विभागीय अनुमानों के अनुसार यदि परिस्थितियाँ इसी तरह अनुकूल रहीं तो सभी फसलों के उत्पादन और उत्पादकता में भी जोरदार वृद्धि होगी। मुख्य फसलों में बढ़ोत्तरी होना किसानों के लिये लाभकारी होगा और खाद्यान्न आपूर्ति में भी सहायक रहेगा।
किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुसार गेहूँ का रकबा गत वर्ष की बोवाई 45 लाख 72 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 49 लाख हेक्टेयर, चने का रकबा 31 लाख 13 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 32 लाख 90 हजार हेक्टेयर, मसूर 5 लाख 91 हजार हेक्टेयर से 6 लाख 20 हजार हेक्टेयर, सरसों 7 लाख 45 हजार हेक्टेयर से 9 लाख 13 हजार हेक्टेयर तथा गन्ना 66 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 93 हजार हेक्टेयर किया जाने का अनुमान है।
इस प्रकार कुल खाद्यान्न का क्षेत्रफल गत वर्ष बोये गये क्षेत्रफल 46 लाख 53 हजार हेक्टेयर की तुलना में 50 लाख 5 हजार हेक्टेयर, दलहन 39 लाख 91 हजार हेक्टेयर की तुलना में 42 लाख 33 हजार हेक्टेयर और तिलहन 8 लाख 71 हजार हेक्टेयर की तुलना में 10 लाख 68 हजार हेक्टेयर बोये जाने की संभावना है। प्रदेश के सभी जिलों में रबी की शीघ्र बोई जाने वाली फसलों की बोवाई शुरू हो चुकी है।
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