खेती—किसानी(संवाददाता)। मध्यप्रदेश के ग्रामीण अंचलों में आर्थिक समृद्धि और सामाजिक बदलाव की नई क्रांति देखी जा सकती है। पहले कर्ज के लिए साहूकारों पर निर्भर रहने वाले लाखों गरीब ग्रामीण परिवार विभिन्न आजीविका गतिविधियों के जरिये अब 3 हजार से 15 हजार रुपये माह की आय प्राप्त कर रहे हैं। कई परिवारों की सालाना आमदनी एक लाख रुपये से भी अधिक हो गई है। प्रदेश में ग्रामीण परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिये 'लखपति महिला क्लब' बनाये गये हैं। आने वाले पाँच वर्ष में करीब 10 लाख से अधिक परिवार इस क्लब का हिस्सा बन जायें, इस मकसद से सुनियोजित प्रयास हो रहे हैं।
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Wednesday, June 25, 2014
मप्र मे साहुकारों के चंगुल से मुक्त हो रहे गरीब किसान परिवार
Tuesday, June 24, 2014
केन्द्रीय कृषि मंत्री से मुख्यमंत्री ने गेहूँ के न्यूनतम समर्थन मूल्य के बारे मे चर्चा की
खेती—किसानी(संवाददाता)। केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह से मुलाकात कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज दिल्ली में हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा गेहूँ के न्यूनतम समर्थन मूल्य के सम्बन्ध में जारी आदेश को वापस लेने का आग्रह किया। चौहान ने कृषि से जुड़े केन्द्र सरकार में विभिन्न लंबित मुद्दों से उन्हें अवगत करवाया। चौहान ने प्राकृतिक आपदा राहत कोष से सहायता राशि की प्रतिपूर्ति करने की भी मांग की। मुख्यमंत्री के साथ कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव और लोक निर्माण मंत्री सरताज सिंह, वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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Labels: Agriculture, Bhopal, CenterState, CM, cn, minister
Friday, February 19, 2010
भोपाल जिले में वाटर शेड मिशन के अंतर्गत 62 हजार हेक्टेयर भूमि
मिशन के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में जलग्रहण समितियां बनेंगी
भोपाल जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षा के पानी के उचित उपयोग एवं भूमि में जल स्तर को बढ़ाने के लिये राजीव गांधी जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन मिशन के अंतर्गत अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इन योजनाओं के क्रियान्वयन से ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छे परिणाम देखन में आये हैं।
मिशन के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में जलग्रहण समितियां बनाकर अधिक से अधिक जल सरंचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। इस योजना में मिट्टी एवं पानी के उपचार के साथ-साथ स्वालम्बन दलों एवं महिलाओं को आयमूलक गतिविधियों से जोड़कर उनके लिये आजीविका के अवसर सृजित किये जा रहे हैं।
जिले में वाटर शेड मिशन की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लगभग 62 हजार हेक्टेयर भूमि को उपचारित किये जाने का कार्यक्रम है। भोपाल जिले के वाटर शेड मिशन के कार्यों का पिछले दिनों उप राष्ट्रपति डॉ. हामिद अंसारी ने ग्राम बगरोदा पहुँचकर अवलोकन किया था। उन्होंने जिले में वाटर शेड मिशन के कार्यों की प्रशंसा भी की थी।
वाटर शेड की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 62 हजार हेक्टेयर भूमि को उपचारित किये जाने का कार्यक्रम
नरेगा में भी वाटर शेड योजना का लाभ चयनित 90 गाँव को दिलाया जायेगा
वाटर शेड मिशन के बेहतर क्रियान्वयन के लिये महिलाओं के स्व सहायता समूह के गठन पर विशेष ध्यान
जिले में एकीकृत पड़त भूमि विकास कार्यक्रम के अंतर्गत तीन परियोजनाएं स्वीकृत की गयी हैं। इन योजनाओं के क्रियान्वयन पर लगभग साढ़े आठ करोड़ रूपये की राशि खर्च की जायेगी और इससे लगभग 14 हजार हेक्टेयर भूमि में जल संग्रहण का कार्य किया जायेगा। तीन परियोजनाओं में से पहली योजना पर लगभग तीन करोड़ रूपये की राशि व्यय कर 4 हजार 750 हेक्टेयर भूमि का उपचार किया गया है। दूसरी योजना पर लगभग दो करोड़ 35 लाख रूपये की राशि व्यय कर 3700 हेक्टेयर भूमि को उपचारित किया जा चुका है। तीसरी योजना में लगभग दो करोड़ रूपये की राशि व्यय कर 3300 क्षेत्र को उपचारित किया जा चुका है।
भोपाल जिले में राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) के अंतर्गत भी वाटर शेड की पांच परियोजनाओं को मंजूरी दी गयी है। इन पांच परियोजनाओं में 22 करोड़ 40 लाख रूपये की राशि की मंजूरी दी गयी है। इस परियोजना में 90 गाँव की लगभग 28 हजार हेक्टेयर भूमि का उपचार किया जायेगा। नरेगा में वाटर शेड का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
भोपाल जिले में एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम (आईडब्ल्यूएमपी) के अंतर्गत चार परियोजनाएं स्वीकृत की गयी हैं। इन परियोजनाओं के लिये 24 करोड़ रूपये की राशि को मंजूरी दी गयी है। वाटर शेड की इस परियोजना के जरिये चयनित क्षेत्र की 20 हजार हेक्टेयर भूमि का उपचार किया जायेगा।
जिले में वर्षा के पानी के उचित संग्रहण के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक तौर पर जन जागृति का अभियान भी चलाया जा रहा है।
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वाटर शेड की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 62 हजार हेक्टेयर भूमि को उपचारित किये जाने का कार्यक्रम
नरेगा में भी वाटर शेड योजना का लाभ चयनित 90 गाँव को दिलाया जायेगा
वाटर शेड मिशन के बेहतर क्रियान्वयन के लिये महिलाओं के स्व सहायता समूह के गठन पर विशेष ध्यान
जिले में एकीकृत पड़त भूमि विकास कार्यक्रम के अंतर्गत तीन परियोजनाएं स्वीकृत की गयी हैं। इन योजनाओं के क्रियान्वयन पर लगभग साढ़े आठ करोड़ रूपये की राशि खर्च की जायेगी और इससे लगभग 14 हजार हेक्टेयर भूमि में जल संग्रहण का कार्य किया जायेगा। तीन परियोजनाओं में से पहली योजना पर लगभग तीन करोड़ रूपये की राशि व्यय कर 4 हजार 750 हेक्टेयर भूमि का उपचार किया गया है। दूसरी योजना पर लगभग दो करोड़ 35 लाख रूपये की राशि व्यय कर 3700 हेक्टेयर भूमि को उपचारित किया जा चुका है। तीसरी योजना में लगभग दो करोड़ रूपये की राशि व्यय कर 3300 क्षेत्र को उपचारित किया जा चुका है।
भोपाल जिले में राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) के अंतर्गत भी वाटर शेड की पांच परियोजनाओं को मंजूरी दी गयी है। इन पांच परियोजनाओं में 22 करोड़ 40 लाख रूपये की राशि की मंजूरी दी गयी है। इस परियोजना में 90 गाँव की लगभग 28 हजार हेक्टेयर भूमि का उपचार किया जायेगा। नरेगा में वाटर शेड का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
भोपाल जिले में एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम (आईडब्ल्यूएमपी) के अंतर्गत चार परियोजनाएं स्वीकृत की गयी हैं। इन परियोजनाओं के लिये 24 करोड़ रूपये की राशि को मंजूरी दी गयी है। वाटर शेड की इस परियोजना के जरिये चयनित क्षेत्र की 20 हजार हेक्टेयर भूमि का उपचार किया जायेगा।
जिले में वर्षा के पानी के उचित संग्रहण के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक तौर पर जन जागृति का अभियान भी चलाया जा रहा है।
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