खेती—किसानी(संवाददाता)। केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह से मुलाकात कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज दिल्ली में हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा गेहूँ के न्यूनतम समर्थन मूल्य के सम्बन्ध में जारी आदेश को वापस लेने का आग्रह किया। चौहान ने कृषि से जुड़े केन्द्र सरकार में विभिन्न लंबित मुद्दों से उन्हें अवगत करवाया। चौहान ने प्राकृतिक आपदा राहत कोष से सहायता राशि की प्रतिपूर्ति करने की भी मांग की। मुख्यमंत्री के साथ कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव और लोक निर्माण मंत्री सरताज सिंह, वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
चौहान ने कृषि मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी आदेश को वापस लेने का आग्रह किया जिसमें राज्य सरकारों से कहा गया है कि वे जरूरत के हिसाब से उतना ही गेहूँ का उपार्जन करें जिसका कि राज्य सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य दे सके। ज्यादा उपार्जन करने पर केन्द्र सरकार बोनस की भरपाई नहीं करेगी। श्री चौहान ने इस आदेश का खुलकर विरोध किया और कहा कि आदेश से किसानों के हितों की अनदेखी होगी और किसान गेहूँ की ज्यादा पैदावार में रुचि नहीं लेंगे। श्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश पिछले दो वर्ष से लगातार गेहूँ की बम्पर पैदावार और अधिक उपार्जन के कारण कृषि कर्मण अवार्ड से नवाजा जा रहा है। उन्होंने आग्रह किया कि इस आदेश से गेहूँ उपार्जन पर प्रतिकूल असर पड़ेगा और यह किसानों के हित में नहीं होगा।
श्री चौहान ने बताया कि पिछले वर्ष प्रदेश में ओला वृष्टि से 49 जिले प्रभावित हुए थे, जिससे किसानों की फसल नष्ट हो गयी थी। उन्होंने बताया कि किसानों की मदद के लिए सरकार ने लगभग 2200 करोड़ की आपदा राहत राशि वितरित की थी। इसके साथ ही सोयाबीन की फसल भी नष्ट हो गयी थी जिसके लिए सरकार ने अलग से लगभग 600 करोड़ की सहायता राशि किसानों को दी है। श्री चौहान ने राज्य सरकार द्वारा 2800 करोड़ रुपये की वितरित की गयी आपदा राशि की प्रतिपूर्ति केन्द्र सरकार से करने की माँग की।
श्री चौहान ने यूपीए सरकार द्वारा चालू की गयी नई फसल बीमा योजना को रोकने की माँग की और कहा कि किसानों के हितों का ध्यान रखकर फसल बीमा योजना को व्यवहारिक बनाने की जरूरत है। श्री चौहान ने मानसून कमजोर होने की आशंका से निपटने के लिए एक आपात योजना बनाने की भी बात कही।
केन्द्रीय मंत्री ने दी मध्यप्रदेश को सौगातें
श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश का गेहूँ देश भर में प्रसिद्ध है। उसकी गुणवत्ता और उत्पादकता को बनाये रखने के लिए शोध अनुसंधान केन्द्र खोलने की जरूरत है। इसको ध्यान में रखते हुए केन्द्रीय मंत्री श्री राधामोहन सिंह ने प्रदेश में एक गेहूँ अनुसंधान केन्द्र खोले जाने की घोषणा की। इस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस केन्द्र में गेहूँ पर शोध कार्य किये जा सकेंगे।
केन्द्रीय मंत्री ने पन्ना में पशुपालन कॉलेज खोले जाने की भी घोषणा की । इस केन्द्र की अधोसंरचना और कर्मचारियों के वेतन आदि का खर्च राज्य सरकार उठाएगी। बाकी शोध आदि कार्य पर खर्च केन्द्र सरकार वहन करेगी। साथ ही बुंदेलखंड में वानिकी केन्द्र खोला जाएगा और बड़े जिलों में दो-दो कृषि विज्ञान केन्द्र खोले जाने की भी सहमति दी गयी है।
श्री चौहान ने बताया कि पिछले वर्ष प्रदेश में ओला वृष्टि से 49 जिले प्रभावित हुए थे, जिससे किसानों की फसल नष्ट हो गयी थी। उन्होंने बताया कि किसानों की मदद के लिए सरकार ने लगभग 2200 करोड़ की आपदा राहत राशि वितरित की थी। इसके साथ ही सोयाबीन की फसल भी नष्ट हो गयी थी जिसके लिए सरकार ने अलग से लगभग 600 करोड़ की सहायता राशि किसानों को दी है। श्री चौहान ने राज्य सरकार द्वारा 2800 करोड़ रुपये की वितरित की गयी आपदा राशि की प्रतिपूर्ति केन्द्र सरकार से करने की माँग की।
श्री चौहान ने यूपीए सरकार द्वारा चालू की गयी नई फसल बीमा योजना को रोकने की माँग की और कहा कि किसानों के हितों का ध्यान रखकर फसल बीमा योजना को व्यवहारिक बनाने की जरूरत है। श्री चौहान ने मानसून कमजोर होने की आशंका से निपटने के लिए एक आपात योजना बनाने की भी बात कही।
केन्द्रीय मंत्री ने दी मध्यप्रदेश को सौगातें
श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश का गेहूँ देश भर में प्रसिद्ध है। उसकी गुणवत्ता और उत्पादकता को बनाये रखने के लिए शोध अनुसंधान केन्द्र खोलने की जरूरत है। इसको ध्यान में रखते हुए केन्द्रीय मंत्री श्री राधामोहन सिंह ने प्रदेश में एक गेहूँ अनुसंधान केन्द्र खोले जाने की घोषणा की। इस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस केन्द्र में गेहूँ पर शोध कार्य किये जा सकेंगे।
केन्द्रीय मंत्री ने पन्ना में पशुपालन कॉलेज खोले जाने की भी घोषणा की । इस केन्द्र की अधोसंरचना और कर्मचारियों के वेतन आदि का खर्च राज्य सरकार उठाएगी। बाकी शोध आदि कार्य पर खर्च केन्द्र सरकार वहन करेगी। साथ ही बुंदेलखंड में वानिकी केन्द्र खोला जाएगा और बड़े जिलों में दो-दो कृषि विज्ञान केन्द्र खोले जाने की भी सहमति दी गयी है।
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