4 लाख से अधिक हेण्ड-पम्प सक्रिय
Bhopal:Friday, May 4, 2012
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था को निरंतर बनाये रखने के लिये लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा पेयजल स्रोतों के संधारण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। वर्तमान में 4 लाख 48 हजार 200 हेण्ड-पम्प सक्रिय हैं। लगभग 8 प्रतिशत से अधिक बिगड़े हेण्ड-पम्प के सुधार के प्रयास किये जा रहे हैं। इनमें से कुछ हेण्ड-पम्प भू-जल स्तर गिरने से बंद हो गये हैं। हेण्ड-पम्प सुधार के लिये 3,160 विभागीय हेण्ड-पम्प मैकेनिक को जून माह तक के लिये हेण्ड-पम्प स्पेयर्स, राइजर पाइप आदि सामग्री उपलब्ध करवाई गई है।
इसके अलावा 8,947 ग्रामीण नल-जल योजना के माध्यम से भी पेयजल व्यवस्था पर ध्यान दिया जा रहा है। जिन क्षेत्रों में विद्युत बिल बकाया होने से नल-जल योजनाएँ बंद हो गई थीं, उन्हें विभाग द्वारा विद्युत मण्डल को राशि उपलब्ध करवाकर शुरू करवाया गया। अप्रैल माह में 202 नल-जल योजनाओं को प्रारंभ करवाया गया है। सीधी जिले के जल अभाव वाले एक ग्राम में परिवहन के जरिये पेयजल की व्यवस्था की गई है।प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था को निरंतर बनाये रखने के लिये लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा पेयजल स्रोतों के संधारण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। वर्तमान में 4 लाख 48 हजार 200 हेण्ड-पम्प सक्रिय हैं। लगभग 8 प्रतिशत से अधिक बिगड़े हेण्ड-पम्प के सुधार के प्रयास किये जा रहे हैं। इनमें से कुछ हेण्ड-पम्प भू-जल स्तर गिरने से बंद हो गये हैं। हेण्ड-पम्प सुधार के लिये 3,160 विभागीय हेण्ड-पम्प मैकेनिक को जून माह तक के लिये हेण्ड-पम्प स्पेयर्स, राइजर पाइप आदि सामग्री उपलब्ध करवाई गई है।
प्रदेश के विभिन्न अंचल में जल के अत्यधिक दोहन से भू-जल स्तर गिरा है। प्रदेश के 28 जिलों के 89 विकासखण्ड अधिक भू-जल स्तर गिरने की श्रेणी में आ गये हैं। इन विकासखण्ड में अन्य विभाग की मदद से भू-जल संवर्धन के कार्य जन-भागीदारी से किये जा रहे हैं। पिछले वर्ष 340 भू-जल संवर्धन के कार्य किये गये। इनमें चेक-डेम, स्टॉप-डेम, रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग एवं जल-संरचनाओं के कार्य शामिल है।
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