बारदाने उपलब्ध , अब तक 46 लाख मी. टन गेहूँ उपार्जित
Bhopal:Monday, May 7, 2012
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने प्रदेश के गेंहूँ उत्पादक किसानों से आग्रह किया है कि वे किसी के बहकावे में न आयें। उनकी फसल समर्थन मूल्य पर प्रति क्विंटल 100 रूपये की बोनस राशि के साथ खरीद के लिए राज्य सरकार वचनबद्ध है।
उन्होंने कहा कि किसानों की सुविधा के लिए ही राज्य सरकार ने गेहूँ उपार्जन की ई- प्रक्रिया भी पहली बार प्रदेश में अपनाई। डॉ. मिश्रा ने कहा कि भारत सरकार द्वारा समय पर बारदाना प्रदान न करने से खरीदी प्रक्रिया में कुछ बाधा आई है, जिसे राज्य सरकार दूर करने के लिये प्रयासरत है। किसानों से गेहूँ खरीदी की तारीख 31 मई तक बढ़ा दी गई है। किसान धैर्य रखें।स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने प्रदेश के गेंहूँ उत्पादक किसानों से आग्रह किया है कि वे किसी के बहकावे में न आयें। उनकी फसल समर्थन मूल्य पर प्रति क्विंटल 100 रूपये की बोनस राशि के साथ खरीद के लिए राज्य सरकार वचनबद्ध है।
केन्द्र सरकार द्वारा बारदाना प्रदाय की स्थिति
डॉ. मिश्रा ने कहा कि राज्य सरकार ने समय रहते नवम्बर, 2011 और फरवरी, 2012 में 2 लाख 69 हजार बारदाना गठानों के प्रदाय के इण्डेंट दिये थे। उन्होंने बताया कि राज्य की माँग के विरुद्ध 25 अप्रैल, 2012 तक मात्र एक लाख 73 हजार गठानें ही प्राप्त हुईं।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि 27 अप्रैल, 2012 को भारत सरकार के खाद्य राज्य मंत्री प्रो. के.व्ही. थॉमस ने पत्र लिखकर राज्य सरकार को सूचित किया था कि 30 अप्रैल तक 27 हजार और 5 मई, 2012 तक 19 हजार गठानें, इस प्रकार कुल 46 हजार गठानें प्रदान कर दी जायेंगी।
डॉ. मिश्रा ने कहा कि केन्द्रीय खाद्य राज्य मंत्री के पत्र और उनसे मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मुलाकात के बावजूद राज्य को 30 अप्रैल तक कुल 20 हजार गठानें ही प्राप्त हुईं। उन्होंने कहा कि 15 हजार गठानें 8 मई तक प्राप्त होने की संभावना है। इसके अलावा 14 मई तक 5 हजार गठानें प्राप्त होंगी, जो अभी लोडिंग में हैं। श्री मिश्रा ने कहा कि 14 मई तक प्राप्त होने वाली इन 40 हजार गठानों के अलावा शेष 56 हजार गठानों के प्रदाय के संबंध में भारत सरकार से कोई निश्चित समय-चक्र प्राप्त नहीं हुआ है। राज्य सरकार इस संबंध में भारत सरकार से सतत् सम्पर्क में है।
वर्तमान में फील्ड में बारदाना की स्थिति
आज की तारीख में 2 लाख 10 हजार गठानें विभिन्न जिलों में वितरित की गईं, जो 52 लाख 50 हजार मीट्रिक टन गेहूँ के लिये पर्याप्त हैं।
अब तक 46 लाख मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन हो चुका है। अर्थात 1लाख 84 हजार गठानों का उपयोग हो चुका है। आज की स्थिति में 26 हजार गठानें फील्ड में उपलब्ध हैं, जिनसे 6 लाख 50 हजार मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन हो सकता है। यह गठानें विभिन्न जिलों में वितरित है।
कलकत्ता से 3 रेक अर्थात 15 हजार गठानें रास्ते में हैं, जो परसों तक प्राप्त होंगी। छत्तीसगढ़ से कुछ बारदाने तथा एच.डी.पी.ई. (प्लास्टिक) के बारदाने मिलाकर आगामी 3 दिनों में 6 हजार और बारदाने प्राप्त किये जायेंगे। इस तरह आगामी 3 दिनों में 21 हजार गठानों की व्यवस्था की जायेगी, जो 5 लाख 5 हजार मीट्रिक टन गेहूँ के उपार्जन के लिये उपयोग किया जा सकता है।
इस तरह आगामी सप्ताह में 12 लाख मीट्रिक टन गेहूँ के उपार्जन की व्यवस्था की जा चुकी है।
एच.डी.पी.ई. बारदानों के टेण्डर के विरुद्ध 28 हजार गठानों का इण्डेंट दिया जा चुका है।
केन्द्रीय खाद्य राज्य मंत्री के आश्वासन अनुसार 61 हजार अतिरिक्त गठानें 20 मई तक प्राप्त होनी हैं। इसका निश्चित समय-चक्र प्राप्त करने के लिये लगातार भारत सरकार से सम्पर्क जारी है।
अब तक 46 लाख मीट्रिक टन गेहूँ उपार्जित
प्रदेश के खाद्य राज्य मंत्री श्री पारस जैन के अनुसार अब तक 46 लाख मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन किया गया है। उपार्जित गेहूँ में से 41 लाख मीट्रिक टन का सुरक्षित भण्डारण किया जा चुका है। यह उपार्जित गेहूँ का 90 प्रतिशत है और एक कीर्तिमान है। श्री जैन ने बताया कि गेहूँ की खरीदी और उसके सुरक्षित भण्डारण की व्यवस्थाओं पर राज्य सरकार की सतत निगाह है।
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