गत वर्ष की तुलना में लगभग 7 लाख हेक्टेयर से अधिक
Bhopal:Thursday, November 17, 2011
प्रदेश में रबी फसलों के कुल निर्धारित लक्ष्य 103 लाख 99 हजार हेक्टेयर में से अब तक आधे से अधिक हिस्से 59 लाख 49 हजार हेक्टेयर में बोनी पूरी हो चुकी है। बोनी की यह स्थिति गत वर्ष इसी समय तक हुई बोनी की तुलना में लगभग 7 लाख हेक्टेयर से अधिक है। बोई गई फसलों में अब तक तिलहन फसलों की बोनी 8 लाख 77 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है, जो गत वर्ष हुई कुल बोनी 8 लाख 71 हजार हेक्टेयर से भी अधिक है।
अभी तक हुई बोनी इस वर्ष के लिए रखे गये तिलहनी फसलों के लक्ष्य 10 लाख 68 हजार हेक्टेयर से कम है। लेकिन सरसों तथा अलसी की बोनी पूरी होने के बाद यह लक्ष्य पीछे छूट जायेगा। इसी प्रकार चने की बोनी प्रदेश के सभी जिलों में तेजी से चल रही है। अब तक 24 लाख 59 हजार हेक्टेयर में चने की बोनी पूरी हो चुकी है। गत वर्ष इस समय तक 21 लाख 45 हजार हेक्टेयर में ही चना बोया गया था, जिसके मुकाबले इस वर्ष की बोनी काफी अच्छी है।इस वर्ष मटर की बोनी 2 लाख 24 हजार हेक्टेयर में की गई है। गत वर्ष मटर की कुल बोनी एक लाख 97 हजार हेक्टेयर में की गई थी। मसूर की बोनी 5 लाख 29 हजार हेक्टेयर में की गई है। इस तरह से 32 लाख 53 हजार हेक्टेयर में बोई जा चुकी दलहनी फसलें गत वर्ष की समान अवधि में 28 लाख 58 हजार हेक्टेयर से आगे हैं।
रबी मौसम में सर्वाधिक क्षेत्रफल गेहूँ की फसल का है, जिसका सामान्य क्षेत्रफल 40 लाख 78 हजार हेक्टेयर है। इस समय तक प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में 17 लाख 40 हजार हेक्टेयर रकबे में गेहूँ बोया जा चुका है। इसमें से ज्यादातर बोनी असिंचित गेहूँ की हुई है। इस वर्ष गेहूँ का अनुमानित लक्ष्य 49 लाख हेक्टेयर रखा गया है, जबकि गत वर्ष गेहूँ की बोनी 45 लाख 72 हजार रकबे में हुई थी।
गत वर्ष की समकालीन बोनी 14 लाख 24 हजार हेक्टेयर से अब भी गेहूँ की बोनी ज्यादा क्षेत्र में हुई है। सिंचित गेहूँ के क्षेत्रों में ज्यादातर किसान पलेवा कर रहे हैं।
कृषि विशेषज्ञों द्वारा किसानों को सलाह दी गई है कि आखिरी बखरनी के समय खेत में जैविक खाद, जिप्सम, सुपर फास्फेट आदि मिला लें। इसी प्रकार बोनी पूर्व बीजोपचार अवश्य करें, जिसके पश्चात संबंधित फसल का रायजोबियम कल्चर और पीएसबी जैसे जैव उर्वरक आदि मिलाकर बोनी करें।
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