अब तक बरसा 344 मिमी पानी
पिछले कुछ सालों से मानसून की बेरूखी झेल रहे मध्यप्रदेश पर इस वर्ष पावस ऋतु मेहरबान है। वर्तमान वर्षा काल में 12 जुलाई 2011 तक प्रदेश में औसत 344 मिलीमीटर वर्षा दर्ज हुई है जो सामान्य वर्षा से 50 मिमी. अधिक है। गुना में सामान्य से 245 मिमी, अशोकनगर में सामान्य से 216 मिमी, टीकमगढ़ में 209 मिमी, राजगढ़ जिले में सामान्य से 179 मिमी. अधिक वर्षा दर्ज की गई है।
मौसम अनुभागपूर्व मध्यप्रदेश- अनूपपुर, बालाघाट, छतरपुर, छिन्दवाड़ा, दमोह, डिण्डोरी, जबलपुर, कटनी, मण्डला, नरसिंहपुर,पन्ना, रीवा, सागर, सतना, सिवनी, शहडोल, सीघी, सिंगरौली, टीकमगढ़ और उमरिया।
पश्चिम मध्यप्रदेश- अलीराजपुर, अशोकनगर, बड़वानी, बैतूल, भिण्ड, भोपाल, बुरहानपुर, दतिया, देवास, धार, गुना, ग्वालियर, हरदा, होशंगाबाद, इंदौर, झाबुआ, खण्डवा, खरगोन, मंदसौर, मुरैना, नीमच, रायसेन, राजगढ़, रतलाम, सीहोर, शाजापुर, श्योपुर, शिवपुरी, उज्जैन और विदिशा।
राजस्व मंत्री श्री करण सिंह वर्मा ने बताया कि वर्षा की स्थिति पर निगरानी रखने के लिए मध्यप्रदेश को दो मौसम सब-डिवीजनों ‘पूर्व मध्यप्रदेश’ और ‘पश्चिम मध्यप्रदेश’ में बांटा गया है ‘‘पूर्व मध्यप्रदेश’’ में 386.4 मिमी. वर्षा दर्ज की जा चुकी है जो सामान्य से 48 मिमी. अधिक है। ‘पूर्व मध्यप्रदेश‘ अनुभाग के कुल 20 जिलों में से केवल तीन जिलों अनूपपुर (औसत से 9 मिमी कम) बालाघाट (37 मिमी कम) और सिवनी में औसत से 8 मिमी कम वर्षा दर्ज की गई है। इसी तरह ‘पश्चिम मध्यप्रदेश‘ अनुभाग में सामान्य से 53 मिमी अधिक वर्षा रिकार्ड की गई है। इस के तीस जिलों में से नौ जिलों- अलीराजपुर, बड़वानी, बुरहानपुर, देवास, धार,इंदौर, झाबुआ, खरगोन और नीमच में सामान्य से कम वर्षा दर्ज की गई है। बाकी जिलों में औसत से अधिक वर्षा हुई है। वर्षा का दौर अभी जारी है।
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