पलाश कच्ची लाख के लिये 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल
राज्य शासन ने कच्ची लाख की संग्रहण दरों में वृद्धि की है। वन मंत्री श्री सरताज सिंह ने बताया कि अब लाख संग्रहणकर्त्ताओं को पलाश कच्ची लाख के लिये 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल और कुसुम कच्ची लाख के लिये 7 हजार रुपये प्रति क्विंटल की दर दी जायेगी। पहले संग्रहण दर चौरी आधारित थी, अब कच्ची लाख की ही दर तय की गई है।
ज्ञातव्य है कि राज्य शासन ने पिछले साल सितम्बर माह से लाख को प्रदेश के दस जिलों- होशंगाबाद, नरसिंहपुर, छिन्दवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, मण्डला, डिण्डौरी, अनूपपुर, शहडोल और उमरिया में विनिर्दिष्ट वनोपज घोषित किया है।वन मंत्री श्री सरताज सिंह ने बताया कि इन जिलों में 36 इकाईयों का गठन कर कुल 26 हजार 735 क्विंटल मात्रा वर्ष 2010 के संग्रहण काल के लिये अधिसूचित की गई है। संग्रहणकाल मई से जुलाई तक होता है। इस साल 36 इकाईयों में से 6 इकाईयों की लाख का विक्रय अग्रिम निविदा द्वारा किया गया है। इस विक्रय में 7560 रुपये से 9 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक दरें स्वीकृत हुई है।
पिछले कुछ समय से मौसम की प्रतिकूलता के कारण लाख के उत्पादन पर विपरीत असर पड़ा है। इससे खुले बाजार में कच्ची लाख की कीमतें बढ़ी है। इस स्थिति को ध्यान में रखकर प्रदेश में भी संग्रहण दर में वृद्धि की गई है।
श्री सरताज सिंह ने बताया कि लाख के क्रय की व्यवस्था उपरोक्त दस जिलों के साथ ही प्रदेश के अन्य सभी लाख उत्पादक क्षेत्रों में भी की गई है। उन्होंने लाख से बेहतर रोजगार नीति का लाभ लेने की सभी लाख उत्पादकों से अपील भी की है। उन्होंने कहा है कि लाख उत्पादक अपने नजदीकी वन विभाग के संग्रहण केन्द्र पर लाख देकर आर्थिक लाभ अर्जित करे।
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