-->


Jai Kisan,Bharat Mahaan


दीक्षांत समारोह

दीक्षांत समारोह
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

.

खत पढ़ों और घर बैठै 9 हजार रूपए महीना कमाओ Read Email & Get Money

My Great Web page

Saturday, June 26, 2010

कृषि स्नातक किसानों की आशाओं का प्रमुख केन्द्र- राज्यपाल

 कृषि वैज्ञानिक डा .खुश मानद् उपाधि से विभूषित
राज्यपाल श्री रामेश्वर ठाकुर ने आज जबलपुर स्थित जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कृषि स्नातकों को उपाधियों से अलंकृत किया। राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि कृषि स्नातक किसानों की आशाओं का प्रमुख केन्द्र हैं।
इसलिए कृषि स्नातकों को अर्जित ज्ञान का किसानों के हित में उपयोग सुनिश्चित करना चाहिए। दीक्षांत समारोह में देश के सुप्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक प्रोफेसर डा. गुरूदेव सिंह खुश को मानद उपाधि से विभूषित किया गया।

राज्यपाल श्री ठाकुर ने कृषि स्नातकों को बताया कि हमारे देश की 65 प्रतिशत आबादी के जीविकोपार्जन का आधार कृषि है। देश की 70 प्रतिशत आबादी लगभग छह लाख गांवों में बसती है। उन्होंने कहा कि अगर हम मध्यप्रदेश की बात करें तो यहां भी 70 प्रतिशत खेती आज भी वर्षा पर आधारित है।
प्रदेश की 37 प्रतिशत आबादी आदिवासी बाहुल्य है। करीब 65 प्रतिशत भूमि-जोत लघु एवं सीमांत कृषकों के पास है जिनकी संख्या लगभग 48 लाख है। भूमि सीमित है और इसे बढ़ाया नहीं जा सकता। राज्यपाल ने कहा कि कृषकों की लघु जोत,साधनहीनता, अशिक्षा और भूमिगत जल के गिरते स्तर की चुनौतियों का समाधान, कृषि विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किये जा रहे स्नातकों की प्रायोगिक उपयोगिता और सृजनात्मकता में निहित है।

राज्यपाल श्री ठाकुर ने कहा कि प्रकृति ने मध्यप्रदेश को भरपूर संसाधन, स्वास्थपरक जलवायु, उपजाऊ कृषि भूमि और अनमोल वन सम्पदा दी है। कृषि विशेषज्ञों को इन समस्त विशेषताओं का जनहित में अधिक से अधिक उपयोग करने के बारे में रणनीति बनाना चाहिए। राज्यपाल ने मध्यप्रदेश को सोयाबीन राज्य बनाने में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की अहम् भूमिका की सराहना की।
बीते वर्षों में विश्वविद्यालय के प्रयासों से किसानों की आर्थिक स्थिति में हुए सुधारों का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली एवं अंतर्राष्ट्रीय कृषि संस्थानों के सहयोग से सोयाबीन, मक्का, ज्वार, धान, गेहूं, अरहर, मटर, अलसी, तिल तथा उद्यानिकी और औषधीय फसलों की अनेक उन्नत प्रजातियां विकसित करने पर प्रसन्नता व्यक्त की। 
श्री ठाकुर ने कहा कि आज देश में सोयाबीन, चना, तिलहन,दलहन तथा लहसुन के उत्पादन में मध्यप्रदेश प्रथम स्थान पर है और धनिया,मसूर तथा तिल उत्पादन के क्षेत्र में दूसरे स्थान पर है। वर्तमान एवं भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा उद्यानिकी, सब्जियों और संकर बीज उत्पादन की तकनीक के क्षेत्र में अनुसंधान एवं बृहद शिक्षण कार्यक्रमों के संचालन की प्रशंसा की।

कृषि अनुसंधान एवं तकनीक की सार्थकता सिद्ध करने के लिये उचित प्रचार-प्रसार पर बल देते हुए राज्यपाल श्री ठाकुर ने विश्वविद्यालय द्वारा 'देखो-सीखो-करो' की नीति को किसानों और प्रदेश के हित में बताया। 

राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा अनुमोदित नवीनतम्, गुणवत्तायुक्त, व्यावहारिक एवं स्वरोजगार प्रेरक पाठ्यक्रम लागू करके विद्यार्थियों के समग्र विकास का मार्ग प्रशस्त किया है। श्री ठाकुर ने कृषि वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों से आग्रह किया कि देश के सुप्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक डा. गुरूदेव सिंह खुश के ज्ञान से अधिकाधिक लाभ अर्जित करें।

दीक्षांत समारोह में राज्यपाल श्री ठाकुर ने 13 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक से अलंकृत किया और आठ शोर्धाथियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की। समारोह में 723 छात्र-छात्राओं को स्नातक और स्नातकोत्तर उपाधियां प्रदान की गईं। 
जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गौतम कल्लू ने राज्यपाल श्री ठाकुर को स्मृति चिंह भेंट किया। इस अवसर पर रानी दुर्गा विश्वविद्यालय के कुलपति डा. रामराजेश मिश्र, पशुपालन विश्वविद्यालय के कुलपति डा.जी.पी.मिश्रा,कृषि विशेषज्ञ और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

0 comments:

ADMARK

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...
 
Blog template by mp-watch.blogspot.com : Header image by Admark Studio