स्वदेशी जैविक सेना का प्रशिक्षण एवं कृषि सम्मेलन सम्पन्न
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया ने कहा है कि राज्य सरकार किसानों के हित संरक्षण के लिये कृतसंकल्पित है। उन्होंने कहा कि कृषि का विकास सही मायनो में जैविक खेती को अपनाकर ही किया जा सकता है। किसान कल्याण मंत्री डॉ. कुसमरिया मंगलवार को भिण्ड जिले के ग्राम दंदरौआ में आयोजित एक दिवसीय स्वदेशी जैविक सेना के प्रशिक्षण एवं कृषि सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
किसान कल्याण मंत्री डॉ. कुसमरिया ने कहा कि जैविक कृषि पद्धति भारत की प्राचीन कृषि पद्धतियों में से एक है। आज जरूरत इस बात की है कि देश की इस गौरवशाली परम्परा को अधिक से अधिक किसान अपनायें और अपने गांव को समृद्ध बनायें। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पिछले कुछ वर्षों में खेती में रसायन उर्वरकों के अधिक उपयोग की जो गलतियां हुई हैं उन्हें सुधारे जाने की जरूरत है। किसान कल्याण मंत्री डॉ. कुसमरिया ने कहा कि राज्य सरकार जैविक तरीके से खेती करने वाले किसानों को हर-संभव मदद देगी।गौ-संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री पदम बरैया ने कहा कि जैविक आंदोलन को तेज करने के पहले हमें गौशालाओं के सुदृढ़ीकरण की तरफ ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि कृषि व्यवस्था का प्रमुख केन्द्र गाय हुआ करती है। कार्यक्रम को विधायक श्री राकेश शुक्ला, जैविक कृषि विशेषज्ञ डॉ. कौशल, अखिल भारतीय स्वदेशी संघ के अध्यक्ष श्री राजेश पोरवाल, दंदरौआ धाम के संत रामदास जी ने भी संबोधित किया।
1 comments:
आम लोगों की समृद्धि के लिए हमें पीछे लौटना ही पडेगा !!
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