एक अप्रैल से तीन प्रतिशत ब्याज पर मिल रहा है किसानों को ऋण
राज्य सरकार ने किसानों को सहाकरी बैंकों से तीन प्रतिशत ब्याज पर ऋण देने की शुरूआत कर दी है। अब सरकार किसानों को खेती सुधार कार्य के तहत बिना ब्याज पर ऋण देने पर विचार कर रही है। सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के लाखों लघु एवं सीमांत किसानों को फायदा होगा और उनकी माली हालत में सुधार आएगा।
सहकारिता एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने खंडवा में जिला सहकारी बैंक के विस्तारित भवन के लोकार्पण अवसर पर यह जानकारी दी।सहकारिता मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा कि मध्यप्रदेश में शत-प्रतिशत किसानों को सहकारी बैंक से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पूर्ववर्ती सरकारों ने सहकारिता को चारागाह बना दिया था। सहकारिता की मर्यादाएं और उद्देश्य समाप्त हो गये थे।किसानों को सहकारिता फायदा नहीं मिल पा रहा था। उन्होंने बताया कि पिछले पांच-छह वर्षों में स्थिति सुधरी है। घाटे में चल रहे अनेक बैंक लाभ की स्थिति में आ गये हैं। अपेक्स बैंक अब 72 करोड़ रूपये के घाटे से उबर गया है। प्रदेश के कुल 38 में से 28 सहकारी बैंक अब धारा-11 की शर्तों के दायरे में आ गये हैं।
श्री बिसेन ने कहा कि पहले सहकारी बैंकों के माध्यम से सिर्फ खाद-बीज का ऋण मिलता था। अब किसानों को उनके बच्चों की शिक्षा के लिये भी ऋण दिया जा रहा है। उन्होंने बुरहानपुर शक्कर कारखाने की सराहना की और कहा कि उसने सरकार का एक करोड़ रूपये का शेयर लौटा दिया है। किसानों के बच्चों के लिये इंजीनियरिंग कालेज भी खोला जा रहा है। यह सहकारिता क्षेत्र के लिये शुभ संकेत है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में शत-प्रतिशत किसानों को सहकारी बैंक से जोड़ा जायेगा। जिससे वे कम ब्याज में ऋण लेकर खेती सुधार सकें। उन्होंने इसके लिये सर्वेक्षण अभियान चलाने के निर्देश दिये है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री केलाश पाटीदारी ने बताया कि पांच साल पहले खंडवा का जिला सहकारी बैंक साढ़े आठ करोड़ रूपये के घाटे में था। अब यह 15 करोड़ रूपये के फायदे में है। इस साल अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरा कर यह बैंक प्रदेश का ऐसा पहला सहकारी बैंक है जिसने रोजगार गारंटी योजना में एक लाख 73 हजार जाबकार्डधारियों का बैंक खाता खोला है। बैंक की कार्यशील पूंजी बढ़कर 650 करोड़ रूपये हो गई है तथा किसानों को 200 करोड़ रूपये का त्रण बांटा जा रहा है।
श्री बिसेन ने कहा कि पहले सहकारी बैंकों के माध्यम से सिर्फ खाद-बीज का ऋण मिलता था। अब किसानों को उनके बच्चों की शिक्षा के लिये भी ऋण दिया जा रहा है। उन्होंने बुरहानपुर शक्कर कारखाने की सराहना की और कहा कि उसने सरकार का एक करोड़ रूपये का शेयर लौटा दिया है। किसानों के बच्चों के लिये इंजीनियरिंग कालेज भी खोला जा रहा है। यह सहकारिता क्षेत्र के लिये शुभ संकेत है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में शत-प्रतिशत किसानों को सहकारी बैंक से जोड़ा जायेगा। जिससे वे कम ब्याज में ऋण लेकर खेती सुधार सकें। उन्होंने इसके लिये सर्वेक्षण अभियान चलाने के निर्देश दिये है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री केलाश पाटीदारी ने बताया कि पांच साल पहले खंडवा का जिला सहकारी बैंक साढ़े आठ करोड़ रूपये के घाटे में था। अब यह 15 करोड़ रूपये के फायदे में है। इस साल अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरा कर यह बैंक प्रदेश का ऐसा पहला सहकारी बैंक है जिसने रोजगार गारंटी योजना में एक लाख 73 हजार जाबकार्डधारियों का बैंक खाता खोला है। बैंक की कार्यशील पूंजी बढ़कर 650 करोड़ रूपये हो गई है तथा किसानों को 200 करोड़ रूपये का त्रण बांटा जा रहा है।
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