औद्योगिक प्रयोजन हेतु जल दरों में संशोधन
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रि परिषद की बैठक में उर्वरक आयात के लिए विपणन संघ को नोडल एजेंसी घोषित करने, सिंगरौली जिले के लिए विभिन्न पदों का निर्माण, बुन्देलखंड क्षेत्र में नवीन विश्वविद्यालय खोलने आदि निर्णय लिए गए।मध्यप्रदेश में वर्ष 2010 -11 के लिए डीएपी उर्वरक आयात करने के लिए मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ को नोडल एजेन्सी घोषित किया गया है।
निर्णय के अनुसार विपणन संघ के माध्यम से वर्ष 2010-11 के लिए दस लाख मैट्रिक टन डीएपी, 2.30 लाख मैट्रिक टन काम्पलेक्स, 60 हजार मैट्रिक टन पोटाश तथा 7 लाख मैट्रिक टन यूरिया की व्यवस्था की जाएगी। इस अवधि के लिए राज्य शासन विपणन संघ को 500 करोड़ रुपये बैंक गारंटी उपलब्ध कराएगा। विपणन संघ को पूर्व वर्षों में राज्य शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई 65.40 करोड़ की राशि को मार्जिन मनी/ रिवाल्विग फंड के रुप में उपयोग करने की अनुमति प्रदान की गई और 9.60 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया।
मंत्रि परिषद निर्णय लिया कि विपणन संघ को आयातित तथा स्वदेशी डीएपी, काम्पलेक्स उर्वरकों की सम्पूर्ण मात्रा तथा संचालक कृषि द्वारा सूचित की गई यूरिया एवं पोटाश रसायनिक उर्वरकों के अग्रिम भंडारण में लगने वाली राशि के ब्याज, भंडारण, संधारण तथा राज्य शासन के निर्देश पर किए गए परिवहन व्यय की प्रतिपूर्ति भारत सरकार से नहीं होने की दशा में वास्तविक व्यय के आधार पर राज्य शासन द्वारा की जाएगी। खरीफ मौसम के लिए एक अप्रैल ने 31 मई तक तथा रबी मौसम के लिए 15 अगस्त से 31 अगस्त तक उर्वरकों के अग्रिम उठाव पर सहकारी समितियों को लगने वाले ब्याज की पूर्तिपूर्ति राज्य शासन द्वारा विपणन संघ के माध्यम से समितियों को की जाएगी।
मंत्रि परिषद ने सिंगरौली जिले को सिविल जिला घोषित करने के लिए 54 विभिन्न पद सृजित करने पर सहमति व्यक्त की। साथ ही जिले में नाप-तौल का कार्यालय भी स्थापित करने का निर्णय लिया गया।
मंत्रि परिषद ने 25 जुलाई 2003 और 14 फरवरी 2006 में औद्योगिक प्रयोजन हेतु प्रभावशील जल दरों में एक जनवरी 2010 से संशोधन करने का भी निर्णय लिया।
मंत्रि परिषद ने बुन्देलखंड क्षेत्र में नवीन विश्वविद्यालय एवं 14 नवीन शासकीय महाविद्यालय स्थापित करने तथा इनके लिए पदों का निर्माण करने का निर्णय लिया।
मंत्रि परिषद ने प्रदेश में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मध्यप्रदेश व्यवसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद की स्थापना का निर्णय लिया। इससे दूरगामी रणनीति के तहत प्रदेश में व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण गतिविधियों का संचालन समन्वित रूप से किया जा सकेगा।
मंथन 2009 में शिक्षा एवं स्वास्थ्य समूह के अंतर्गत इस परिषद के गठन की अनुशंसा की गई थी। परिषद की स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षण उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
निर्णय के अनुसार विपणन संघ के माध्यम से वर्ष 2010-11 के लिए दस लाख मैट्रिक टन डीएपी, 2.30 लाख मैट्रिक टन काम्पलेक्स, 60 हजार मैट्रिक टन पोटाश तथा 7 लाख मैट्रिक टन यूरिया की व्यवस्था की जाएगी। इस अवधि के लिए राज्य शासन विपणन संघ को 500 करोड़ रुपये बैंक गारंटी उपलब्ध कराएगा। विपणन संघ को पूर्व वर्षों में राज्य शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई 65.40 करोड़ की राशि को मार्जिन मनी/ रिवाल्विग फंड के रुप में उपयोग करने की अनुमति प्रदान की गई और 9.60 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया।
मंत्रि परिषद निर्णय लिया कि विपणन संघ को आयातित तथा स्वदेशी डीएपी, काम्पलेक्स उर्वरकों की सम्पूर्ण मात्रा तथा संचालक कृषि द्वारा सूचित की गई यूरिया एवं पोटाश रसायनिक उर्वरकों के अग्रिम भंडारण में लगने वाली राशि के ब्याज, भंडारण, संधारण तथा राज्य शासन के निर्देश पर किए गए परिवहन व्यय की प्रतिपूर्ति भारत सरकार से नहीं होने की दशा में वास्तविक व्यय के आधार पर राज्य शासन द्वारा की जाएगी। खरीफ मौसम के लिए एक अप्रैल ने 31 मई तक तथा रबी मौसम के लिए 15 अगस्त से 31 अगस्त तक उर्वरकों के अग्रिम उठाव पर सहकारी समितियों को लगने वाले ब्याज की पूर्तिपूर्ति राज्य शासन द्वारा विपणन संघ के माध्यम से समितियों को की जाएगी।
मंत्रि परिषद ने सिंगरौली जिले को सिविल जिला घोषित करने के लिए 54 विभिन्न पद सृजित करने पर सहमति व्यक्त की। साथ ही जिले में नाप-तौल का कार्यालय भी स्थापित करने का निर्णय लिया गया।
मंत्रि परिषद ने 25 जुलाई 2003 और 14 फरवरी 2006 में औद्योगिक प्रयोजन हेतु प्रभावशील जल दरों में एक जनवरी 2010 से संशोधन करने का भी निर्णय लिया।
मंत्रि परिषद ने बुन्देलखंड क्षेत्र में नवीन विश्वविद्यालय एवं 14 नवीन शासकीय महाविद्यालय स्थापित करने तथा इनके लिए पदों का निर्माण करने का निर्णय लिया।
मंत्रि परिषद ने प्रदेश में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मध्यप्रदेश व्यवसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद की स्थापना का निर्णय लिया। इससे दूरगामी रणनीति के तहत प्रदेश में व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण गतिविधियों का संचालन समन्वित रूप से किया जा सकेगा।
मंथन 2009 में शिक्षा एवं स्वास्थ्य समूह के अंतर्गत इस परिषद के गठन की अनुशंसा की गई थी। परिषद की स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षण उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
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