सोयाबीन प्रोड्यूसर सपोर्ट इनिशिएटिव द्वारा सेमीनार का आयोजन
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री डा. रामकृष्ण कुसमरिया ने कहा है कि राष्ट्रीय बाजार के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जैविक कृषि उत्पाद की मांग लगातार बढ़ी है। इस बात को देखते हुये मध्यप्रदेश में जैविक विधि से उत्पादित सोयाबीन को अधिक से अधिक प्रोत्साहित किये जाने की जरूरत है।
इस कार्य में स्वयंसेवी संगठन महत्वपूर्ण रोल अदा कर सकते हैं। किसान कल्याण मंत्री डा. रामकृष्ण कुसमरिया शुक्रवार को भोपाल में सोयप्सी (सोयाबीन प्रोड्यूसर सपोर्ट इनिशिएटिव) द्वारा आयोजित सेमीनार को संबोधित कर रहे थे।
इस सेमीनार में वे एन.जी.ओ. शामिल हुये जो मध्यप्रदेश में सोयाबीन के उत्पादन की गुणवत्ता सुधार, बेहतर मार्केटिंग एवं किसानों में तकनीकी ज्ञान के बढ़ाने के लिये कार्य कर रहे हैं। सेमीनार में जिला गरीबी उन्मूलन के राज्य परियोजना संचालक श्री डी.पी. आहूजा ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जैविक उत्पादन की बढ़ती मांग के अनुरूप जैविक कृषि उत्पाद के प्रोत्साहन की जरूरत
प्रदेश में 8 हजार से अधिक सोया उत्पादक किसान परियोजना में शामिल
प्रदेश में 8 हजार से अधिक सोया उत्पादक किसान परियोजना में शामिल
कृषि मंत्री डा. कुसमरिया ने कहा कि देश का लगभग 55 प्रतिशत सोयाबीन मध्यप्रदेश में पैदा होता है। सोयाबीन उत्पादक किसानों की बेहतरी के लिये जरूरी है कि हम उन्हें बाजार में सोयाबीन के अच्छे दाम दिलायें।
कृषि के क्षेत्र में लगातार अनुसंधान हो रहे हैं और विभिन्न अनाजों की नई-नई किस्में आ रही हैं। इन किस्मों की जानकारी किसानों को दिया जाना बेहद जरूरी है। कृषि मंत्री डा. कुसमरिया ने कृषि क्षेत्रों में कार्य कर रहे स्वयंसेवी संगठनों से कहा कि वे प्रदेश में परम्परागत फसलों के साथ-साथ ज्वार-बाजरा आदि को भी प्रोत्साहित करें। अनाज की यह किस्में अतिपोष्टिक है।
हालैण्ड के प्रतिनिधियों सर्वश्री यान मार्टिन ड्रांस व रवैर्थ बाण्डर विज्ल ने बताया कि प्रदेश में राउण्ड टेबुल ओंन रिस्पांसिबल सोया का कार्यक्रम सोयप्सी द्वारा प्रदेश के 12 जिलों में चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम से 8 हजार से अधिक उत्पादक 12 आइसीएस उत्पादक समूहों में संगठित हैं। इन किसानों को गुणवत्तापूर्ण सोया उत्पादन के लिये लगातार प्रशिक्षित किया जा रहा है।
हालैण्ड के प्रतिनिधियों सर्वश्री यान मार्टिन ड्रांस व रवैर्थ बाण्डर विज्ल ने बताया कि प्रदेश में राउण्ड टेबुल ओंन रिस्पांसिबल सोया का कार्यक्रम सोयप्सी द्वारा प्रदेश के 12 जिलों में चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम से 8 हजार से अधिक उत्पादक 12 आइसीएस उत्पादक समूहों में संगठित हैं। इन किसानों को गुणवत्तापूर्ण सोया उत्पादन के लिये लगातार प्रशिक्षित किया जा रहा है।
इस कार्यक्रम में स्वयंसेवी संगठन बेसिक्स, आई.जी.एस., आशा, समर्थ एवं गरीबी उन्मूलन परियोजना के अंतर्गत संचालित संगठन कार्य कर रहे हैं। सेमीनार में डीपीआईपी के श्री राजीव सिंह एवं आशा के श्री योगेश द्विवेदी ने अपने प्रजेंटेशन के माध्यम से कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन इण्डिया सोया फोरम के श्री अशोक कुमार ने किया।
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