समर्थन मूल्य पर गेहूँ की खरीद 152 करोड़ से ज्यादा का सिर्फ बोनस, 15.26 लाख मी. टन हुआ उपार्जन
Bhopal:Monday, April 9, 2012
प्रदेश के गेहूँ उत्पादक किसानों के खाते में इस वर्ष अब तक दो हजार करोड़ से ज्यादा की राशि जमा हो गई है। इसमें राज्य सरकार के बोनस की रकम ही 152 करोड़ रुपये शामिल हैं। प्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। अब तक 26 दिन की इस प्रक्रिया में 15 लाख 26 हजार 347 मीट्रिक टन गेहूँ उपार्जित किया जा चुका है।
Bhopal:Monday, April 9, 2012
प्रदेश के गेहूँ उत्पादक किसानों के खाते में इस वर्ष अब तक दो हजार करोड़ से ज्यादा की राशि जमा हो गई है। इसमें राज्य सरकार के बोनस की रकम ही 152 करोड़ रुपये शामिल हैं। प्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। अब तक 26 दिन की इस प्रक्रिया में 15 लाख 26 हजार 347 मीट्रिक टन गेहूँ उपार्जित किया जा चुका है।
खरीदी लक्ष्य बढ़ाने की तैयारी
राज्य सरकार समर्थन मूल्य योजना में इस साल अधिकाधिक किसानों को जोड़ना चाहती है। इस सिलसिले में आज सभी जिलों से यह त्वरित रिपोर्ट भी तलब की गई है कि क्या खरीदी का लक्ष्य और बढ़ाया जा सकता है। अनुमान यह लगाया गया है कि मौजूदा तौर पर तय कुल 65 लाख मीट्रिक टन गेहूँ खरीदे जाने की मात्रा आगे और बढ़ जायेगी। इसी क्रम में जिला समितियों ने उत्पादकता आकलन का काम भी तेज कर दिया है।
किसानों को चुकाये 2,101 करोड़ रुपये
अब तक की गेहूँ खरीदी की एवज में 1 लाख 76 हजार 188 किसानों को समर्थन मूल्य और बोनस समेत कुल 2,101 करोड़ 29 लाख 45 हजार रुपये चुकाये जा चुके हैं। यह रकम उनके बैंक खाते में जमा करवाई गई है। राज्य सरकार किसानों को अपनी तरफ से 100 रुपये प्रति क्विंटल बोनस भी दे रही है। कुल भुगतान में बोनस राशि ही 152 करोड़ 63 लाख 47 हजार शामिल है।
आगे आए भोपाल और नर्मदापुरम् संभाग
लगातार दो हफ्तों तक गेहूँ खरीदी में अगुवाई कर रहे उज्जैन संभाग का मुकाम अब भोपाल और नर्मदापुरम् संभाग ने पा लिया है। उल्लेखनीय है कि बीते सालों में यह दोनों संभाग ही प्रदेश में सर्वाधिक गेहूँ खरीदी के केन्द्र रहे हैं।
ताज़ा स्थिति में 3 लाख 77 हजार 747 मीट्रिक टन खरीदी के साथ भोपाल संभाग सबसे ऊँचे मुकाम पर है। उधर नर्मदापुरम् संभाग भी लगभग बराबरी करते हुए 3 लाख 76 हजार 210 मीट्रिक टन तक आ पहुँचा है। उज्जैन संभाग तीसरे नम्बर पर आ गया है जहाँ अब तक 3 लाख 66 हजार 908 मीट्रिक टन गेहूँ खरीदा गया है। चौथे स्थान पर इंदौर संभाग है जहाँ 2 लाख 78 हजार 212 मीट्रिक टन खरीदी दर्ज हुई है।
अन्य संभागों में भी बढ़ी हलचल
शुरूआती तौर पर गेहूँ खरीदी में पिछड़ रहे संभागों में भी गेहूँ की आवक के चलते हलचल तेज हो गई है। ग्वालियर और चम्बल जैसे संभाग में क्रमशः 29 हजार 311 तथा 11 हजार 784 मीट्रिक टन गेहूँ खरीदा जा चुका है। जबलपुर और सागर संभाग अपनी रफ्तार को निरंतर करते हुए क्रमशः 46 हजार 309 और 39 हजार 437 मीट्रिक टन खरीदी कर चुके हैं। शेष दो संभाग रीवा और शहडोल भी खरीदी शुरू कर चुके हैं। रीवा में 395 तथा शहडोल में 38 मीट्रिक टन गेहूँ अब तक खरीदा गया है।
उज्जैन संभाग में सबसे ज्यादा किसान लाभान्वित
अब तक की खरीदी में सर्वाधिक 50 हजार 810 किसान उज्जैन संभाग में लाभान्वित किये गये हैं। इसके बाद इंदौर 38 हजार 620, भोपाल 37 हजार 976, नर्मदापुरम 29 हजार 941, सागर 8,094, जबलपुर 5,297, ग्वालियर 3,840, चम्बल 1,510, रीवा 90 और शहडोल संभाग में 10 किसान लाभान्वित किये गये हैं।
सभी संभाग के खरीदी केन्द्र सक्रिय
गुजरते वक्त के साथ अब सभी संभाग में खरीदी केन्द्र सक्रिय हो गये हैं। इस दिशा में उज्जैन संभाग के सभी 184 केन्द्रों में खरीदी चल रही है। इंदौर में कुल 283 में से 269 पर, भोपाल में 386 में से 369 पर, नर्मदापुरम् में 285 में से 280 पर, सागर में 297 में से 259 पर और जबलपुर में 336 में से 219 पर खरीदी चल रही है। जरूरत के मुताबिक शेष केन्द्र भी इन स्थानों पर यह काम शुरू कर देंगे।
इसी तरह रीवा में कुल 146 में से 18, चम्बल में 101 में से 47, ग्वालियर में 210 में से 151 और शहडोल संभाग में फिलहाल कुल 84 में से 5 केन्द्र सक्रिय हैं।
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