यह बहुभक्षी कीट है इससे चना अरहर मूंग ज्यादा प्रभावित होती है
सागर १ जनवरी २०११/जिले के किसानों को चना, अरहर, मूंग आदि फसलों को इल्ली के प्रकोप से बचाये रखने के लिये कृषि विभाग के अधिकारियों ने सलाह जारी की है तथा पहले से नियन्नण संबंधी उपाय अपनाने की अपील किसानों से की गई है ।
उपसंचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास सागर ने जिले के किसानों को जारी की गई अपील में उल्लेख किया है कि वर्तमान में जिले में चना की फसल लगभग २०४५०० हेक्टर में तथा मसूर की फसल लगभग ५८४०० हेक्टर में बोयी गयी है विगत कुछ सालों से चने की फसल पर फलीछेदक इल्ली हेल्कोवर्शा आर्मी।ोरा का प्रकोप देखने में आ रहा है । इस हेतु अत्यन्त सतर्कता बरती जानी चाहिए । उन्हें किसानों को सलाह दी है कि वर्तमान मोसम को देखते हुए फसलों की सतत निगरानी रखे एवं जहां भी इल्ली का प्रकोप दिखाई दे, समय रहते रोकथाम करे। यह बहुभक्षी कीट है इसका प्रकोप मुय प से चना अरहर मूंग आदि फसलों पर मुख्य प से होता है ।
इस कीट की इल्ली अवस्था ही फसल को हानि पहुंचाती है प्रारभिक अवस्था में यह पत्तियों का हरा पदाथ्र खुरचकर खाती है । इसके बाद कोमल पत्तियों एवं टहनियों को तदोपरान्त पाड बनने पर घेटी में छेद करके दाना को ख जाती है । इसके भारीर का ऊपरी पृश्ठ चमकीला, हराभूरा अथवा काले रंग का होता है तथा नीचे का भाग भूरा चमकदार होता है ।
इस कीट की इल्ली अवस्था ही फसल को हानि पहुंचाती है प्रारभिक अवस्था में यह पत्तियों का हरा पदाथ्र खुरचकर खाती है । इसके बाद कोमल पत्तियों एवं टहनियों को तदोपरान्त पाड बनने पर घेटी में छेद करके दाना को ख जाती है । इसके भारीर का ऊपरी पृश्ठ चमकीला, हराभूरा अथवा काले रंग का होता है तथा नीचे का भाग भूरा चमकदार होता है ।
पूर्ण विकसित इल्ली लगभग ४० मिमी लम्बी एवं हरे गुलाबी या हल्के पीले रंग की होती है । इसके व्यस्क कीट दिन में पौधों की पत्तियों में छिपे रहते है एवं रात में प्रकाच्च प्रपंच की ओर आकर्शिक होते है । यह भी देखा गया है कि इल्लियों की संख्या अधिक होने पर भोजन के अभाव में भाक्तिच्चाली इल्लियों कमजोर इल्लियों को खा जाती है । इस क्रिया को कैनाबोलिज्म कहते है ।
चने में कीट का प्रकोप कम रहे इसके लिये किसानों को चने की बोनी मध्य अक्टूबर तक कर देना चाहिए फसल में यदि प्रारंभिक अवस्था में एक इल्ली प्रति मीटर अथवा एक इल्ली प्रति पांच पौधे मिलने पर एवं घेटी फल बनने अवस्था में एक इल्ली प्रति दस घेटी पायी जाये तो नियंन्नण उपाय तत्काल अपनाना चाहिए ताकि क्षति कम से कम रहे ।
चने में कीट का प्रकोप कम रहे इसके लिये किसानों को चने की बोनी मध्य अक्टूबर तक कर देना चाहिए फसल में यदि प्रारंभिक अवस्था में एक इल्ली प्रति मीटर अथवा एक इल्ली प्रति पांच पौधे मिलने पर एवं घेटी फल बनने अवस्था में एक इल्ली प्रति दस घेटी पायी जाये तो नियंन्नण उपाय तत्काल अपनाना चाहिए ताकि क्षति कम से कम रहे ।
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