प्रदेश में खरीफ बोनी में तेजी
मौसम साफ होने और धूप खिलने के साथ ही किसानों ने तेजी से खरीफ फसलों की बोवाई करना शुरू कर दिया है। लगभग सभी जिलों से बोवाई की खबरे मिल रही हैं। अब तक खरीफ फसलों के सामान्य क्षेत्रफल का लगभग 21 प्रतिशत रकबा बोया जा चुका है।
अब तक 21 लाख 66 हजार हेक्टेयर में हुई बोवाई गत वर्ष के इस समय तक बोये गये क्षेत्रफल की लगभग तीन गुना है। इसी समयावधि में गत वर्ष खरीफ फसलें कुल 7 लाख 22 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में ही बोई जा सकी थीं। प्रदेश में खरीफ की बोवाई जल्द से जल्द की जाती है इसलिये बोवनी की वर्तमान स्थिति भी निरंतर परिवर्तनीय है।इस वर्ष समय पर मानसून के आगमन का किसानों ने भरपूर लाभ लिया। खरीफ की अब तक बोई गई फसलों में सोयाबीन का रकबा सर्वाधिक 14 लाख 39 हजार हेक्टेयर है। धान की बोवनी सवा लाख हेक्टेयर में हुई है। अनाज फसलों, दलहन और तिलहन की ज्यादातर फसलों की पिछले साल से अब तक अधिक बुआई हो चुकी है। ज्वार 46 हजार हेक्टेयर में, मक्का 1 लाख 69 हजार हेक्टेयर में तथा बाजरा 42 हजार हेक्टेयर में बोये जाने के समाचार हैं। तुअर की बोवाई 47 हजार हेक्टेयर में तथा उड़द की 24 हजार हेक्टेयर में की जा चुकी हैं।
उल्लेखनीय है कि खरीफ फसलों का इस वर्ष कुल 112 लाख 6 हजार हेक्टेयर में बोवाई का लक्ष्य है। विगत वर्ष 111 लाख 82 हजार क्षेत्र में फसलें बोई गईं थीं। सामान्यतः 104 लाख 5 हजार हेक्टेयर में खरीफ फसलें बोई जाती हैं। खरीफ फसलों में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी सोयाबीन की होती है जिसे सामान्यतः 46 लाख 47 हजार हेक्टेयर में बोया जाता है। विगत 3-4 वर्षों से कृषि विभाग के प्रोत्साहन और शासन द्वारा दी जा रही सुविधाओं के कारण सोयाबीन का रकबा लगातार बढ़ रहा है। यह गत वर्ष 55 लाख 60 हजार हेक्टेयर था और इस वर्ष का अनुमानित लक्ष्य 56 लाख 60 हजार हेक्टेयर है। इसी प्रकार धान बोवाई का इस वर्ष लक्ष्य 15 लाख 20 हजार हेक्टेयर, ज्वार का 4 लाख 10 हजार हेक्टेयर, मक्का का 8 लाख 90 हजार हेक्टेयर, तुअर का 4 लाख 50 हजार हेक्टेयर, उड़द का 6 लाख हेक्टेयर, मूंग का 1 लाख 20 हजार हेक्टेयर में तथा कपास का 6 लाख 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बोवाई का लक्ष्य रखा गया है।
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