मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान फसलों के नुकसान का आंकलन करने वाली कार्य पद्धति से सहमत नहीं है। उनका कहना है किअब किसानों को फसल के असल नुकसान पर राहत दी जाएगी।
प्रदेश में मौसम की मार से हुई किसानों की फसलों की बर्बादी और किसानों की बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं पर दुख जताते हुए उन्होंने कहा कि अब यह तय किया गया है कि नुकसान का आकलन किए जाने के लिए अपनाई जाने वाली कार्य पद्धति में भी बदलाव किया जाए। पहले किसान की कुल खेती की भूमि और प्रभावित क्षेत्र का औसत निकालकर राहत दी जाती थी। अब ऐसा नहीं होगा, अब सिर्फ प्रभावित क्षेत्र के असल नुकसान का आकलन कर राहत दी जाएगी। उन्होंने पूर्व में किसानों को मिलने वाली राहत को कम बताते हुए कहा कि उनकी सरकार सिंचित क्षेत्र की फसल चौपट होने पर प्रति हेक्टेयर पर साढे़ आठ हजार की दर से राहत दे रही है। इतना ही नहीं, किसानों को हर संभव मदद देने के लिए उनकी सरकार बचनबद्ध है।
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