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Sunday, July 11, 2010

कृषि उत्पादों की फ्यूचर ट्रेडिंग पर पुनर्विचार जरूरी

  आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के सप्ताहांत में 12.92 प्रतिशत
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि मंत्री श्री शरद पवार को पत्र लिखकर कृषि उत्पादों खासतौर से खाद्यान्नों के अग्रिम व्यापार (फ्यूचर ट्रेडिंग) व्यवस्था को तब तक निरूद्ध रखने अथवा उचित रूप से नियंत्रित करने का अनुरोध किया है, जब तक कि इसके लिये देशव्यापी सक्षम और कार्यशील बाजार नहीं स्थापित हो जाता।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अपने पत्र में श्री पवार से कहा कि बढ़ती महंगाई खासतौर से खाद्य पदार्थों की कीमतो में निरन्तर वृद्धि को देखते हुए कृषि उत्पादों के अग्रिम व्यापार व्यवस्था की भूमिका पर पुनर्विचार जरूरी है।

श्री चौहान ने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के चलते खाद्य पदार्थों की वार्षिक दर 19 जून 2010 के सप्ताहांत में 12.92 प्रतिशत तक पहुंच जाने से गरीब और मध्यम वर्ग के लोग सबसे जयादा प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि उदारीकरण और ऊंची विकास दर के आभामंडल में केन्द्र की यू.पी.ए. सरकार अपने समग्र विकास के नारे के बावजूद बढ़ती असमानताओं में वृद्धि की आदी हो गई है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कृषि मंत्री को लिखे इस पत्र में आगे कहा कि मैं इस बात से सहमत हूँ कि उत्पादों के अग्रिम व्यापार से कीमतों के निर्धारण और खतरे का प्रबंधन होता है। उन्होंने कहा कि जैसा कि आप जानते हैं कि अग्रिम व्यापार की कार्यप्रणाली सक्षम और कार्यशील बाजार व्यवस्था पर निर्भर है।

उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों का बाजार उनके अंतर्राज्यीय व्यापार और राज्यों के व्यवसायिक नियंत्रणों में बुरी तरह बिखरा हुआ है। श्री चौहान ने कहा कि सक्षम और कार्यशील बाजार की उपलब्धता के लिये केंद्र और राज्य सरकार दोनों को ही भंडार गृहों, संचार और परिवहन जैसी विपणन अधोसंरचना को सशक्त बनाना चाहिये।

श्री चौहान ने कहा कि अग्रिम व्यापार से कृषि उत्पादों की कीमतों पर पड़ने वाले प्रभावों संबंधी विशेषज्ञ समिति के निष्कर्ष इस संबंध में गौर करने लायक है। श्री चौहान ने कहा कि वे अपने पत्र के साथ इस समिति के कुछ उपयोगी निष्कर्ष भी संलग्न कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अपने पत्र में आगे कहा कि जब तक उत्पादन और वितरण (भंडारण मात्रा की सीमा और अंतर्राज्यीय व्यवसाय) पर सरकार के नियंत्रणट अलग-अलग अंतर्राज्यीय संरचना और किसानों से सीधी खरीदी पर नियंत्रण के लिये विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा लागू ए.पी.एम.सी. एक्ट जैसे सरकारी प्रतिबंध रहेंगे तब तक कृषि उत्पादों खासतौर से खाद्यान्नों के अग्रिम व्यापार में केवल सटोरियों को ही लाभ मिलेगा।

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