राज्य स्तरीय पंजीयन समिति द्वारा उपयुक्त पाये गये यंत्र व उपकरण
किसानों को खेती के काम आने वाले कृषि यंत्र तथा सिंचाई उपकरण खरीदने के लिये किसी खास विक्रेता या एजेंसी का मोहताज नहीं होना पड़ेगा। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग की योजनाओं के अंतर्गत किसी यंत्र खरीदने पर अनुदान का प्रावधान है।
शासन द्वारा गठित राज्य स्तरीय पंजीयन समिति द्वारा उपयुक्त पाये गये यंत्र व उपकरण निर्माताओं में किसान जिस विक्रेता या निर्माता से अपनी आवश्यकता का यंत्र खरीदना चाहे उसे अनुदान की उतनी ही पात्रता होगी, भले उसने किसी भी प्रतियोगी दर पर वह उपकरण क्रय किया हो।कृषि यंत्रों के निर्माता अपने डीलर नेटवर्क के माध्यम से अथवा एम.पी. एग्रो या विपणन संघ के माध्यम से सामग्री का प्रदाय कर सकते हैं। विक्रेता द्वारा निर्धारित सभी कर सहित कीमतों पर भी किसान मोल भाव कर संतुष्ट होकर खरीदारी कर सकेंगे और विभाग से अनुदान भी प्राप्त कर सकेंगे, इसीलिए पंजीयन समिति द्वारा किसी भी सामग्री के मूल्य का अनुमोदन नहीं किया गया है। दूसरी ओर निर्माताओं के लिए बाध्यता रहेगी कि वे कृषि यंत्रों के लिए निर्धारित मानक स्तर के यंत्र ही तैयार कर सके, फिलहाल उनका पंजीयन 31 दिसम्बर 2012 तक के लिए किया गया है।
जिन कृषि यंत्रों के लिए आईएसआई प्रमाण पत्र लिया गया है उनकी वैधता अवधि इस प्रमाण पत्र की वैधता अवधि पर भी निर्भर होगी यानि वर्ष 2012 से पूर्व भी आईएसआई प्रमाण पत्र की वैधता खत्म होने पर राज्य समिति की मान्यता खत्म हो सकती है। कृषि विभाग की जिन योजनाओं में अनुदान दिये जाते हैं उनमें हितग्राही चयन और अनुदान वितरण आदि के लिए शासन द्वारा समय-समय पर जारी निर्देश लागू होंगे।
जिन यंत्रों पर अनुदान दिया जाता है वे कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय द्वारा पंजीयन प्रमुख कृषि यंत्र व उपकरण इस प्रकार हैं :- ट्रैक्टर, पावर टिलर ट्रेक्टर, राइस ट्रांस प्लांटर, रोटावेटर, स्ट्रा रीपर, जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर्स ड्रिल, इको फ्लो ट्रेडल पंप, स्प्रिंकलर इरीगेशन सिस्टम, डीजल पंप सेट, यूपीवीसी पाइप व साकेट, थ्रेसर मल्टी क्राप व थ्रेसर पैडी, बैल चलित सीड कम फर्टिलाइजर्स ड्रिल-तीन या पांच फरो, हस्त चलित सीड ट्रीटिंग ड्रम, सब मर्सीबल पंप सेट 4 व 6 इंच, ओपन वेल पंप सेट और मोनो ब्लाक पंप सेट आदि शामिल है।
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