हेक्टेयर के दसवें हिस्से के लिये आवश्यक बीज की मात्रा मिनिकिटों में
उन्नत किस्मों के बीज किसानों को मुहैया कराने बीज प्रतिस्थापन दर में बढ़ोत्तरी करने और अगले वर्षों के लिये किसानों को बीज स्वावलम्बी बनाने के उद्देश्य से इस वर्ष एक लाख 12 हजार 111 बीज मिनिकिट प्रदाय किये जायेंगे।
किसान इन मिनिकिटों के माध्यम से तकनीकी परख भी कर पायेंगे और उन्नत बीज का महत्व समझेंगे। एक हेक्टेयर के दसवें हिस्से के लिये आवश्यक बीज की मात्रा मिनिकिटों में होती है। यह नई किस्म के बीज होते हैं। जिनकी अनुवांशिक शुद्धता ऊँची होती है। यह बीज आधार अथवा प्रमाणिक स्तर के होते हैं जिनका प्रयोग किसान आगामी 3-4 साल तक और कर सकते हैं।
किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग की अलग-अलग योजनाओं में दिये जाने वाले इन मिनिकिटों में सबसे अधिक 'आईसोपाम योजना' में दिये जा रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत 68 हजार 737 बीज मिनिकिट प्रदाय किये जा रहे हैं। इन मिनिकिटों में सोयाबीन के 60 हजार 737 मिनिकिट, मक्का के 5 हजार मिनिकिट और मूंगफली के 3 हजार मिनिकिट वितरित किये जा रहे हैं।
किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग की अलग-अलग योजनाओं में दिये जाने वाले इन मिनिकिटों में सबसे अधिक 'आईसोपाम योजना' में दिये जा रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत 68 हजार 737 बीज मिनिकिट प्रदाय किये जा रहे हैं। इन मिनिकिटों में सोयाबीन के 60 हजार 737 मिनिकिट, मक्का के 5 हजार मिनिकिट और मूंगफली के 3 हजार मिनिकिट वितरित किये जा रहे हैं।
इसी प्रकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन द्वारा धान की उन्नत किस्मों के 17 हजार 374 मिनिकिट किसानों को दिये जा रहे हैं। वहीं भारत सरकार की इस वर्ष खरीफ से संचालित नई योजना-ए-3पी में दलहन फसलों, अरहर के 6 हजार तथा उड़द के 20 हजार मिनिकिट प्रदाय किये जायेंगे।
इस योजना में नि:शुल्क बीज मिनिकिट के साथ कई और सामग्रियां दी जायेंगी। यह मिनिकिट लघु व सीमान्त कृषकों को दिये जाते हैं। इसके अलावा अनुसूचित जाति, जनजाति और महिला कृषकों को प्राथमिकता दी जाती है। हितग्राहियों का चयन ग्राम पंचायत की अनुमोदन सूची पर कृषि स्थाई समिति के अनुमोदन से किया जाता है।
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