ई-गवर्नेंस पारदर्शी प्रशासन की दिशा में पहला कदम
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि राज्य शासन ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। मध्यप्रदेश बहुत जल्दी इस क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शुमार होगा। श्री विजयवर्गीय ने आज यहां नेशनल ई-गवर्नेंस नॉलेज शेयरिंग सामिट-2010 का शुभारंभ करते हुए कहा कि ई-गवर्नेंस पारदर्शी प्रशासन की दिशा में पहला कदम है। ई-गवर्नेंस से ही गुड गवर्नेंस का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने मध्यप्रदेश में निर्माण और विकास विभागों में ई-टेण्डरिंग लागू करने का जिक्र करते हुए कहा कि यह भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी प्रशासन की दिशा में सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रमाण है।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान आम जनता को बुनियादी सुविधाएं सरलता और सहजता से उपलब्ध कराने के प्रति संकल्पित है। उनकी मंशा के अनुसार प्रदेश में छह माह के भीतर राजस्व विभाग का सारा काम ई-गवर्नेंस के माध्यम से होना सुनिश्चित हो जायेगा। राजस्व विभाग का सम्पूर्ण रिकार्ड कम्प्यूटर में होगा। इससे ग्रामीणों को शासकीय कार्यालयों में आये बिना शासकीय सेवाएं आसानी से प्राप्त हो सकेगी।
श्री विजयवर्गीय ने समिट में भाग लेने के लिये देशभर से आये प्रतिनिधियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिये हरसंभव प्रयास किये जायेंगे और सरकार समिट की इस संबंध में सभी सिफारिशों को लागू करेगी।
इस दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन राज्य शासन के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया (सीएसआई) के सहयोग से किया गया है। प्रारंभ में बिट्स पिलानी के प्रो. अशोक अग्रवाल ने स्वागत भाषण देते हुए बताया कि शिक्षा, स्वास्थय, कृषि, न्याय, और कानून व्यवस्था के क्षेत्र में ई-गवर्नेंस के साथ सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश वृद्धि पर सम्मेलन के विभिन्न सत्रों में विचार-विमर्श होगा।
उद्घाटन सत्र को केट के अध्यक्ष जस्टिस श्री राजेश टंडन, सीएसआई के अध्यक्ष प्रो. पी.तिरूमूर्ति, अ.भा. तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष श्री एस.एस. मंथा, मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) आर.के. बग्गा और सूचना प्रौद्योगिकी सचिव श्री अनुराग जैन ने भी संबोधित किया। मेप-आईटी के अपर एमडी श्री अनुराग श्रीवास्तव ने आभार व्यक्त किया।
प्रारंभ में श्री विजयवर्गीय ने अन्य अतिथियों के साथ दीप प्रज्जवलित कर सम्मेलन का शुभारंभ किया। उन्होंने इस अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद अवलोकन भी किया।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान आम जनता को बुनियादी सुविधाएं सरलता और सहजता से उपलब्ध कराने के प्रति संकल्पित है। उनकी मंशा के अनुसार प्रदेश में छह माह के भीतर राजस्व विभाग का सारा काम ई-गवर्नेंस के माध्यम से होना सुनिश्चित हो जायेगा। राजस्व विभाग का सम्पूर्ण रिकार्ड कम्प्यूटर में होगा। इससे ग्रामीणों को शासकीय कार्यालयों में आये बिना शासकीय सेवाएं आसानी से प्राप्त हो सकेगी।
श्री विजयवर्गीय ने समिट में भाग लेने के लिये देशभर से आये प्रतिनिधियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिये हरसंभव प्रयास किये जायेंगे और सरकार समिट की इस संबंध में सभी सिफारिशों को लागू करेगी।
इस दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन राज्य शासन के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया (सीएसआई) के सहयोग से किया गया है। प्रारंभ में बिट्स पिलानी के प्रो. अशोक अग्रवाल ने स्वागत भाषण देते हुए बताया कि शिक्षा, स्वास्थय, कृषि, न्याय, और कानून व्यवस्था के क्षेत्र में ई-गवर्नेंस के साथ सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश वृद्धि पर सम्मेलन के विभिन्न सत्रों में विचार-विमर्श होगा।
उद्घाटन सत्र को केट के अध्यक्ष जस्टिस श्री राजेश टंडन, सीएसआई के अध्यक्ष प्रो. पी.तिरूमूर्ति, अ.भा. तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष श्री एस.एस. मंथा, मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) आर.के. बग्गा और सूचना प्रौद्योगिकी सचिव श्री अनुराग जैन ने भी संबोधित किया। मेप-आईटी के अपर एमडी श्री अनुराग श्रीवास्तव ने आभार व्यक्त किया।
प्रारंभ में श्री विजयवर्गीय ने अन्य अतिथियों के साथ दीप प्रज्जवलित कर सम्मेलन का शुभारंभ किया। उन्होंने इस अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद अवलोकन भी किया।
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