किसानों को कृषि विभाग की सलाह
कृषि विभाग ने किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण सलाह देते हुए कहा है कि वर्ष 2010-11 में जिन किसानों को बलराम तालाब निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है और उन्होंने निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया है तो ऐसे किसानों को अब जल्द से जल्द तालाब का निर्माण पूरा कर लेना चाहिए।
इससे इसी मौसम का जल संग्रहित कर उसका लाभ उठाया जा सकेगा। किसानों से यह कहा गया है कि यदि बलराम तालाब का निर्माण वर्षा के पहले पूरा नहीं हुआ तो बारिश के जल भराव के चलते नुकसान उठाना होगा।इस साल बलराम तालाब निर्माण के लिए राज्य सरकार द्वारा 25 करोड़ रूपए देने का प्रावधान किया गया है। किसानों को सलाह दी गई है कि जिन किसानों ने अब तक इसके लिए अपना आवेदन न हीं दिया है तो उसे तत्काल उनके क्षेत्र के कृषि अधिकारी से सम्पर्क कर इस योजना का लाभ उठाना चाहिए। यह बताया गया कि राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत अनुदान सभी जिलों को निर्धारित नीति के तहत प्रथम आवे प्रथम पावे के आधार पर स्वीकृत किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश शासन ने किसानों के हित में बलराम तालाब योजना शुरू की है। पिछले सालों में बनाये गये ऐसे तालाबों से किसानों को जहां फसलों के लिये जीवनरक्षक सिंचाई का लाभ मिला है वहीं दूसरी ओर भूजल स्तर में भी वृद्धि हुई है। इससे कुंए और नलकूपों में जल स्तर बढ़ने के कई मामले देखने में आए हैं।
उन्नत बीजों की व्यवस्था
प्रदेश में मानसून का आगमन शीघ्र होने जा रहा है। खरीफ की बोनी अल्पावधि में पूर्ण हो जाती है। इसलिए खरीफ कृषि आदानों की आपूर्ति हेतु तैयारी सतत जारी है। विभिन्न फसलों के उन्नत बीजों की व्यवस्था सहकारी क्षेत्र एवं निजी क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में सुनिश्चित की गई है।
प्रदेश में खरीफ की प्रमुख फसल सोयाबीन का 20 लाख क्विंटल बीज उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त धान, उड़द, मक्का आदि फसलों के बीज की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। इस वर्ष यूरिया 6.25 लाख मेट्रिक टन, डी.ए.पी. 6.00 लाख मेट्रिक टन, काम्पलेक्स 1.69 लाख मेट्रिक टन, सुपर फास्फेट 5.00 लाख मेट्रिक टन का लक्ष्य रखा गया है, जिसके विरूद्ध यूरिया 2.09 लाख, डी.ए.पी. 1.89 लाख मेट्रिक टन, काम्पलेक्स 0.79 लाख मेट्रिक टन एवं सुपर फास्फेट 3.27 लाख मेट्रिक टन का भण्डारण किया जा चुका है एवं उठाव के अनुसार भण्डारण सतत जारी है।
हाल ही में डी.ए.पी. की 4 रेक क्रमश: खण्डवा, मांगलिया (इंदौर) पचारे, इटारसी ट्रांजिट में तथा रतलाम एवं नीमच रेक लोड़िग में हैं। प्रदेश में डी.ए.पी. एवं काम्पलेक्स उर्वरकों की मांग अनुसार आपूर्ति हेतु भारत सरकार से सतत संपर्क किया जा रहा है, ताकि प्रदेश के किसानों को उनकी मांग के अनुसार उर्वरक उपलब्ध कराया जा सकें।
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