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Sunday, June 20, 2010

रबी मौसम में उच्चतम मांग अनुसार विद्युत आपूर्ति की व्यापक तैयारियां

  विद्युत बैंकिंग के लिये अन्य राज्यों से समझौते
आगामी रबी मौसम में किसानों को सिंचाई के लिये उच्चतम माँग के अनुसार विद्युत आपूर्ति के लिये व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। राज्य शासन ने विद्युत वितरण कम्पनियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किये हैं। रबी मौसम में किसानों को सुचारू विद्युत प्रदाय के उद्देश्य से निम्न दाब, उच्च दाब लाईनों एवं उप केन्द्रों तथा फीडरों का रखरखाव कार्य प्राथमिकता के साथ किया जा रहा है। 

 विद्युत बैंकिंग के लिये अन्य राज्यों से समझौते भी किये जा रहे हैं। कम्पनी स्तर पर नियंत्रण कक्ष की स्थापना भी की जायेगी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में रबी मौसम में विद्युत पम्पों का भार करीब 2000-2500 मेगावाट अधिक रहता है।
कम्पनी स्तर पर नियंत्रण कक्ष की स्थापना

निम्न दाब, उच्च दाब लाईनों तथा उप केन्द्रों का रख-रखाव

गत एक वर्ष में संतोषजनक विद्युत प्रदय नहीं करने वाले फीडरों का रख-रखाव

अन्य राज्यों से विद्युत बैंकिंग के नये समझौते

400 मेगावाट विद्युत बैंकिंग के हुये समझौते

टोरट कम्पनी से 100 मेगावाट बिजली के लिये अनुबंध

वितरण ट्रांसफार्मर की इन्वेंट्री बिल्ट

इस वर्ष 400 मेगावाट महेश्वर जल विद्युत परियोजनाओं को क्रियाशील किया जाना प्रस्तावित

जिला प्रशासन के अधिकारियों से विद्युत चोरी की रोकथाम के लिये लिया जायेगा सहयोग

कृषि तथा जल संसाधन विभाग से विद्युत प्रदाय के लिये सामंजस्य



प्रदेश के सभी निम्न दाब, उच्च दाब लाईनों एवं उप केन्द्रों का रखरखाव आगामी सितम्बर माह में पूर्ण कर लिया जायेगा। गत एक वर्ष में जिन फीडरों पर विद्युत प्रदाय संतोषजनक नहीं हुआ है या व्यवधान आया है, उन फीडरों का रखरखाव प्राथमिकता से किया जायेगा।

सभी ताप विद्युत केन्द्रों का वार्षिक रखरखाव वर्षा ऋतु में पूर्ण किया जायेगा ताकि पुरानी इकाईयों तथा नई इकाईयों से आगामी रबी मौसम में ज्यादा से ज्यादा विद्युत उत्पादन किया जा सके। वर्षा ऋतु में पश्चिम भारत के एनटीपीसी के विद्युत गृहों का भी रखरखाव किया जा रहा है। अधिकांश इकाईयों का वार्षिक रखरखाव निर्धारित समय में पूर्ण कर लिया जायेगा।

वर्षा ऋतु में गत रबी मौसम में जो विद्युत बैंकिंग के माध्यम से प्राप्त की गई थी उसे वापस किया जायेगा। आने वाले रबी मौसम के लिये विद्युत बैंकिंग के नये समझौते निष्पादित किये जा रहे हैं। वर्तमान में 400 मेगावाट की बैंकिंग के समझौते आगामी रबी मौसम के लिये निष्पादित किये गये हैं। यह भी प्रयास किये जा रहे हैं कि और अधिक बैंकिंग अन्य राज्यों से की जाये ताकि रबी मौसम की उच्चतम माँग की आपूर्ति की जा सके।

रबी मौसम में कम्पनी स्तर पर नियंत्रण कक्ष की स्थापना की जायेगी। इससे संबंधित अधिकारी के दूरभाष की जानकारी का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जायेगा। राज्य शासन का प्रयास है कि विद्युत के सुचारू एवं गुणवत्तापूर्ण प्रदाय के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में सूचना तंत्र विकसित किया जाये ताकि विद्युत की माँग की पूर्ति की जा सके। 
इसके साथ ही ट्रांसफार्मर जलने आदि की जानकारी नियंत्रण कक्ष को तुरंत प्राप्त हो सके, जिससे ट्रांसफार्मर को निर्धारित समय-सीमा में बदला जा सके। वितरण ट्रांसफार्मर की इन्वेंट्री बिल्ट की जा रही है ताकि रबी मौसम का लोड आने पर खराब ट्रांसफार्मरों को तत्काल बदला जा सके।

इस वर्ष 400 मेगावाट महेश्वर जल विद्युत परियोजना को क्रियाशील किया जाना प्रस्तावित है। इससे विद्युत की उपलब्धता में बढोत्तरी होगी। केन्द्र सरकार से एनटीपीसी के नये विद्युतगृहों को निर्धारित कार्यक्रमानुसार क्रियाशील किये जाने का अनुरोध किया गया है। इससे भी विद्युत की उपलब्धता में लगभग 300 मेगावाट की वृद्धि होगी। 

दामोदर घाटी निगम से 400 मेगावाट के अनुबंध के स्थान पर केवल 70 मेगावाट विद्युत ही प्राप्त हो रही है। इसके लिये भी प्रयास किये जा रहे हैं कि रबी मौसम में अधिक से अधिक विद्युत प्राप्त हो सके ताकि कृषि पम्पों को माँग के अनुरूप विद्युत प्रदाय किया जा सके। टोरट कम्पनी से आगामी माह अक्टूबर में 100 मेगावाट विद्युत प्राप्ति का दीर्घकालीन अनुबंध भी किया गया है।

ऊर्जा विभाग जिले के प्रशासनिक अधिकारियों से विद्युत चोरी की रोकथाम के लिये सहयोग लेगा। कृषि तथा जल संसाधन विभाग से भी विद्युत प्रदाय के लिये सामंजस्य बनाया जायेगा।

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