मध्यप्रदेश की 1012.55 करोड़ रुपये की कार्ययोजना स्वीकृत
मध्यप्रदेश में इस वर्ष ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिये एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि व्यय की जायेगी। लोक स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा एवं आयुष मंत्री श्री अनूप मिश्रा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत मध्यप्रदेश में कार्ययोजना को भारत सरकार ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है।
स्वास्थ्य मंत्री श्री अनूप मिश्रा ने कहा कि गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाओं पर 82 करोड़ रुपये अधिक व्यय किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि इस वर्ष मिशन के तहत मध्यप्रदेश की 1012.55 करोड़ रुपये की कार्ययोजना स्वीकृत हुई है। श्री मिश्रा ने बताया कि इस बार भी शिशु एवं मातृ स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जायेगा ताकि प्रदेश की मृत्यु दर में कमी आ सके।उन्होंने बताया कि इस वर्ष प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जननी सुरक्षा, जननी एक्सप्रेस, पोषण आहार केन्द्रों और नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई पर सर्वाधिक राशि व्यय होगी जो कि 392.2 करोड़ रुपये है।
इसी तरह आशा कार्यकर्ता, ग्रामीण स्वास्थ्य समितियों और ग्रामीण अस्पतालों पर 321.32 करोड़ रुपये व्यय किये जायेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य के क्षेत्र में अधोसंरचना के विकास पर 220.27 करोड़ रुपये की राशि व्यय होगी।
श्री मिश्रा ने बताया कि टीकाकरण कार्यक्रम पर 20.28 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय वेक्टरजनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम पर 12.22 करोड़ रुपये, पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम पर 13.21 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम पर 10 करोड़ रुपये, आयोडीन अल्पताजन्य रोग नियंत्रण कार्यक्रम पर 20 लाख रुपये, एकीकृत रोग निगरानी परियोजना पर 3.61 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय कुष्ठ नियंत्रण कार्यक्रम पर 2.55 करोड़ रुपये, पल्स पोलियो प्रतिरक्षण कार्यक्रम पर 15.6 करोड़ रुपये व्यय होंगे।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत इस वर्ष कार्ययोजना क्रियान्वयन की नई रणनीति अपनाई जायेगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इकाई से लेकर जिले तक मॉनीटरिंग पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। विशेषकर रिपोर्टिंग आंकड़े तथ्यात्मक हों इस पर निगरानी रहेगी। श्री मिश्रा ने कहा कि जननी सुरक्षा एवं जननी एक्सप्रेस योजना के साथ एनआरसी और एसएनसीयू के माध्यम से शिशु एवं मातृ स्वास्थ्य पर सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ काम करेगी ताकि हमारी शिशु एवं मातृ मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी हो सके।
श्री मिश्रा ने बताया कि टीकाकरण कार्यक्रम पर 20.28 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय वेक्टरजनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम पर 12.22 करोड़ रुपये, पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम पर 13.21 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम पर 10 करोड़ रुपये, आयोडीन अल्पताजन्य रोग नियंत्रण कार्यक्रम पर 20 लाख रुपये, एकीकृत रोग निगरानी परियोजना पर 3.61 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय कुष्ठ नियंत्रण कार्यक्रम पर 2.55 करोड़ रुपये, पल्स पोलियो प्रतिरक्षण कार्यक्रम पर 15.6 करोड़ रुपये व्यय होंगे।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत इस वर्ष कार्ययोजना क्रियान्वयन की नई रणनीति अपनाई जायेगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इकाई से लेकर जिले तक मॉनीटरिंग पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। विशेषकर रिपोर्टिंग आंकड़े तथ्यात्मक हों इस पर निगरानी रहेगी। श्री मिश्रा ने कहा कि जननी सुरक्षा एवं जननी एक्सप्रेस योजना के साथ एनआरसी और एसएनसीयू के माध्यम से शिशु एवं मातृ स्वास्थ्य पर सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ काम करेगी ताकि हमारी शिशु एवं मातृ मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी हो सके।
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