ड्रिप सिस्टम से कम पानी में पूरे खेत की अच्छे तरीके से सिंचाई
सब्जियों में मिर्च अपने तीखेपन के लिये जानी जाती है। लेकिन रतलाम जिले के ग्राम सिमलावदा निवासी किसान श्री कंवरा के लिये मिर्च की खेती कामयाबी का साधन बन गई। रतलाम जिले के किसान कंवरा के परिवार के पास लगभग 160 बीघा जमीन है।
उनका परिवार परम्परागत रूप से दो फसलों के साथ-साथ कुछ सब्जी भी अपने खेतों में भी लगा लिया करता था। खेतों में पानी अधिक लगने के कारण हमेशा उनके खेत में सिंचाई की दिक्कत बनी रहती थी। खेतों में कम उत्पादन के कारण उनका परिवार आर्थिक तंगी का सामना भी कर रहा था।कुछ समय पहले सिमलावदा गाँव में उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने दौरा किया। गाँव के किसानों ने उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों के सामने सब्जी के उत्पादन में पानी अधिक लगने की बात रखी। उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने किसानों को सब्जी उत्पादन बढ़ाने के लिये सिंचाई के ड्रिप सिस्टम के बारे में बताया।
अधिकारियों ने बताया कि ड्रिप सिस्टम से कम पानी में पूरे खेत की अच्छे तरीके से सिंचाई की जा सकती है। किसान कंवरा ने कृषि सलाह के अनुसार अपने खेत में ड्रिप सिस्टम की स्थापना की।
उन्होंने दी गई सलाह के अनुसार 6 इंच ऊंची एक फीट चौड़ी बेड्स पूरे खेत में तैयार कर ली। उन्होंने अपने खेत में हाईब्रिड मिर्च के पौधे 40 से 60 सेंटीमीटर की दूरी पर रौपे। किसान कंवरा ने पूरे सीजन के दौरान उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों द्वारा दी गई सलाह को माना और सलाह अनुसार काम किया। आज उनके खेत में मिर्च उत्पादन काफी बढ़ गया और मिर्च की उन्नत किस्म उत्पादन के रूप में मिली।
किसान कंवरा बताते हैं ड्रिप संयंत्र लगने के पूर्व जहां उन्हें प्रति बीघा 9 क्विंटल ही लाल मिर्च का उत्पादन प्राप्त होता था वहीं अब प्रति बीघा लगभग 12 क्विंटल मिर्च का उत्पादन मिल रहा है। आज वे अपने खेत में 140 बीघा जमीन पर मिर्च लगा रहे हैं।
किसान कंवरा मानते हैं कि उद्यानिकी एवं कृषि विभाग की खेती-किसानी के संबंध में दी जा रही आधुनिक सलाह को माना जाये तो कृषि उत्पादन को काफी हद तक बढ़ाया जा सकता है। आज उनकी पहचान आसपास के गाँव में प्रगतिशील कृषक के रूप में होती है। सब्जी उत्पादन से मिली आर्थिक तरक्की से उनके परिवार के जीवन में बदलाव आया है। वे अब खेती-किसानी में और नई-नई तकनीकों का इस्तमाल कर रहे हैं।
किसान कंवरा बताते हैं ड्रिप संयंत्र लगने के पूर्व जहां उन्हें प्रति बीघा 9 क्विंटल ही लाल मिर्च का उत्पादन प्राप्त होता था वहीं अब प्रति बीघा लगभग 12 क्विंटल मिर्च का उत्पादन मिल रहा है। आज वे अपने खेत में 140 बीघा जमीन पर मिर्च लगा रहे हैं।
किसान कंवरा मानते हैं कि उद्यानिकी एवं कृषि विभाग की खेती-किसानी के संबंध में दी जा रही आधुनिक सलाह को माना जाये तो कृषि उत्पादन को काफी हद तक बढ़ाया जा सकता है। आज उनकी पहचान आसपास के गाँव में प्रगतिशील कृषक के रूप में होती है। सब्जी उत्पादन से मिली आर्थिक तरक्की से उनके परिवार के जीवन में बदलाव आया है। वे अब खेती-किसानी में और नई-नई तकनीकों का इस्तमाल कर रहे हैं।
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