मालवा के तीन जिलों के लिये तीन हजार करोड़ रूपये की पेयजल योजना
प्रदेश के एक हजार एवं पांच सौ आबादी वाले गाँवों में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये मुख्यमंत्री पेयजल योजना शीघ्र ही प्रदेश में लागू की जायेगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत अनुसूचित जाति एवं जनजाति बाहुल्य वाले गाँवों को प्राथमिकता से शामिल किया जायेगा।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी तथा सहकारिता मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने यह जानकारी इंदौर में मुख्य अभियंता कार्यालय के नवनिर्मित उद्घाटन अवसर पर दी।लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने बताया कि इन्दौर, देवास, उज्जैन तथा शाजापुर जिलों में पेयजल समस्या के स्थाई निदान के लिये तीन हजार करोड़ रूपये की लागत से वृहद पेयजल योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि इस योजना से इन जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को पर्याप्त मात्रा में पेयजल की उपलब्धता हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि इसके लिये एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है। श्री बिसेन ने कहा कि प्रदेश में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था को सुलभ बनाने के लिये हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिये संसाधनों की कोई कमी नहीं आने दी जायेगी।
श्री बिसेन ने बताया कि प्रदेश में 4 लाख से अधिक हैण्डपंपों के संधारण के लिये अब हैण्डपंप मैकनिकों के रिक्त पदों पर संविदा के आधार पर बड़ी संख्या में नियुक्ति की जा रही है। उन्होंने कहा कि मालवा में पेयजल समस्या के निराकरण के लिये त्वरित व्यवस्थाओं के कारण इस बार सिर्फ तीन जिलों में ही पेयजल परिवहन की आवश्यकता पड़ी। उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारियों ने ग्रीष्म ऋतु में पेयजल की उपलब्धता बनाने के जो प्रयास किये हैं वह सराहनीय है।
श्री बिसेन ने बताया कि प्रदेश में 4 लाख से अधिक हैण्डपंपों के संधारण के लिये अब हैण्डपंप मैकनिकों के रिक्त पदों पर संविदा के आधार पर बड़ी संख्या में नियुक्ति की जा रही है। उन्होंने कहा कि मालवा में पेयजल समस्या के निराकरण के लिये त्वरित व्यवस्थाओं के कारण इस बार सिर्फ तीन जिलों में ही पेयजल परिवहन की आवश्यकता पड़ी। उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारियों ने ग्रीष्म ऋतु में पेयजल की उपलब्धता बनाने के जो प्रयास किये हैं वह सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि नर्मदा के तृतीय चरण को इंदौर तक लाने में भी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के इंजीनियरों ने महत्ती भूमिका निभाई है। श्री बिसेन ने बताया कि मुख्यमंत्री पेयजल योजना बनाने का एकमात्र उद्देश्य है कि ऐसे गाँवों को पेयजल की समस्या से निजात दिलाई जाये जहां पर सर्वाधिक संकट ग्रीष्म ऋतु में होता है। उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से प्रदेश का कोई भी गाँव पेयजल सुविधा से वंचित नहीं होगा।
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