महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना
प्रदेश के लगभग साढ़े बासठ लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बागवानी, सिंचाई एवं भूमि विकास के कार्य किये गये हैं। यह कार्य महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कराये गये हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा सामाजिक न्याय मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने यह जानकारी देते हुये बताया कि मनरेगा के तहत जहां जरूरतमंदों को व्यापक पैमाने पर रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है वहीं अधोसंरचना से जुड़े हुये महत्वपूर्ण कार्य किये जा रहे हैं।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री भार्गव ने बताया कि बागवानी, सिंचाई और भूमि सुधार से विकास के 2.27 लाख के कार्य निजी भूमि पर कराये गये हैं। वर्तमान में 8.72 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की निजी भूमि पर बुनियादी विकास के 1.3 लाख कार्य प्रगति पर हैं।श्री भार्गव ने बताया कि इससे अनुसूचित जाति/जनजाति के लघु एवं सीमान्त कृषक, इंदिरा आवास योजना और भूमि सुधार के हितग्राही परिवारों तथा गरीबी रेखा से नीचे जीवनबसर करने वाले परिवार लाभान्वित हुये हैं क्योंकि यह सभी कार्य उनकी निजी भूमि पर कराये गये हैं।
श्री भार्गव ने बताया कि सिंचाई सुविधाओं के विकास के लिये उपरोक्त वर्गों के भूमि पर कुंए, खेत, तालाब आदि का निर्माण कराया जाता है। भूमि विकास के लिये मेढ़ बनना, समतलीकरण के कार्य तथा फलदार वृक्षों का पौधरोपण भी इससे किया जाता है।
मनरेगा के तहत प्रदेश के नौ संभागों में आरक्षित एवं समाज के कमजोर वर्गों की निजी भूमि पर बागवानी, सिंचाई सुविधा और भूमि विकास के कार्य निम्नानुसार हुये हैं। इंदौर संभाग के 8 जिलों में हितग्राही परिवारों की निजी भूमि पर बुनियादी विकास के 79 हजार से अधिक कार्य पूर्ण हो चुके हैं। इन कार्यों से 57 लाख 40 हजार 677 हेक्टेयर क्षेत्र में बुनियादी विकास की सुविधाओं का सृजन हुआ है।
मनरेगा के तहत प्रदेश के नौ संभागों में आरक्षित एवं समाज के कमजोर वर्गों की निजी भूमि पर बागवानी, सिंचाई सुविधा और भूमि विकास के कार्य निम्नानुसार हुये हैं। इंदौर संभाग के 8 जिलों में हितग्राही परिवारों की निजी भूमि पर बुनियादी विकास के 79 हजार से अधिक कार्य पूर्ण हो चुके हैं। इन कार्यों से 57 लाख 40 हजार 677 हेक्टेयर क्षेत्र में बुनियादी विकास की सुविधाओं का सृजन हुआ है।
संभाग में 4 लाख 80 हजार 837 हेक्टेयर निजी भूमि पर 25 हजार 920 कार्य प्रगतिरत हैं। इसी प्रकार भोपाल संभाग के 5 जिलों में 6791 हजार बुनियादी विकास के कार्य हितग्राहियों की निजी भूमि पर पूर्ण हुए हैं। इन कार्यों से 15 हजार 399 हेक्टेयर क्षेत्र में बुनियादी विकास की सुविधाओं का सृजन हुआ है।
संभाग में 1 लाख 35 हजार 151 हेक्टेयर निजी भूमि पर 5 हजार 166 कार्य प्रगतिरत हैं। मुरैना संभाग के 3 जिलों में हितग्राही परिवारों की निजी भूमि पर 2650 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। इन कार्यों से 3 हजार 732 हेक्टेयर क्षेत्र में बुनियादी विकास की सुविधाओं का सृजन हुआ है जबकि 14 हजार 351 हेक्टेयर निजी भूमि पर 2 हजार 777 कार्य प्रगतिरत हैं।
ग्वालियर संभाग के 5 जिलों में हितग्राही परिवारों की निजी भूमि पर 7 हजार 689 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। इन कार्यों से 5 हजार 105 हेक्टेयर क्षेत्र में बुनियादी विकास की सुविधाओं का सृजन हुआ है जबकि 3 हजार 475 हेक्टेयर क्षेत्र निजी भूमि पर 4 हजार 563 कार्य प्रगतिरत हैं।
नर्मदापुरम संभाग के 3 जिलों में हितग्राही परिवारों की निजी भूमि पर 15 हजार 335 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। इन कार्यों से 5 हजार 980 हेक्टेयर क्षेत्र में बुनियादी विकास की सुविधाओं का सृजन हुआ है। जबकि 5 हजार 478 हेक्टेयर निजी भूमि पर 5 हजार 558 कार्य प्रगतिरत हैं। जबलपुर संभाग के 7 जिलों के हितग्राही परिवारों की निजी भूमि पर 50 हजार 233 कार्य पूर्ण हो चुके हैं।
नर्मदापुरम संभाग के 3 जिलों में हितग्राही परिवारों की निजी भूमि पर 15 हजार 335 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। इन कार्यों से 5 हजार 980 हेक्टेयर क्षेत्र में बुनियादी विकास की सुविधाओं का सृजन हुआ है। जबकि 5 हजार 478 हेक्टेयर निजी भूमि पर 5 हजार 558 कार्य प्रगतिरत हैं। जबलपुर संभाग के 7 जिलों के हितग्राही परिवारों की निजी भूमि पर 50 हजार 233 कार्य पूर्ण हो चुके हैं।
इन कार्यों से 54 हजार 74 हेक्टेयर क्षेत्र में बुनियादी विकास की सुविधाओं का सृजन हुआ है जबकि 20 हजार 519 हेक्टेयर भूमि पर 24 हजार 821 कार्य प्रस्तावित हैं। रीवा संभाग के 4 जिलों में परिवारों की निजी भूमि पर 19 हजार कार्य पूर्ण हो चुके हैं। इन कार्यों से 15 हजार 633 हेक्टेयर क्षेत्र में बुनियादी विकास की सुविधाओं का सृजन हुआ है जबकि 1 हजार 817 हेक्टेयर निजी भूमि पर 3 हजार 20 कार्य प्रगतिरत हैं।
सागर संभाग के 5 जिलों में परिवारों की निजी भूमि पर 17 हजार 498 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। इन कार्यों से 2 लाख 75 हजार 668 हेक्टेयर क्षेत्र में बुनियादी विकास की सुविधाओं का सृजन हुआ है जबकि 1 लाख 7 हजार 358 हेक्टेयर क्षेत्र निजी भूमि पर 13 हजार 259 कार्य प्रगतिरत हैं। उज्जैन संभाग के 6 जिलों में परिवारों की निजी भूमि पर 6 हजार कार्य पूर्ण हो चुके हैं।
इन कार्यों से 36 हजार 380 हेक्टेयर क्षेत्र में बुनियादी विकास की सुविधाओं का सृजन हुआ है जबकि 36 हजार 231 हेक्टेयर क्षेत्र निजी भूमि पर 14 हजार 346 कार्य प्रगतिरत हैं। शहडोल संभाग के 4 जिलों में परिवारों की निजी भूमि पर 22 हजार 848 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। इन कार्यों से 89 हजार 294 हेक्टेयर क्षेत्र में बुनियादी विकास की सुविधाओं का सृजन हुआ है जबकि 67 हजार 363 हेक्टेयर क्षेत्र निजी भूमि पर 4 हजार 298 कार्य प्रगतिरत हैं।
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