कैप स्टोरेज की सुरक्षा संभालेंगे नगर सैनिक
पार कर गई जबकि इसका आँकड़ा 25 लाख एक हजार मैट्रिक टन पहुँच गया है। भण्डारण की व्यवस्थाएं इसके मद्देनजर तेज कर दी गई हैं कि यह खरीदी 15 जून तक चलेगी। इन कोशिशों में भण्डारण के सारे विकल्पों पर एक साथ काम चलेगा। जहां तक उन जिलों में जहां कैप स्टोरेज शुरू हो चुका है वहां पर्याप्त सुरक्षा प्रबंधों के लिए होमगार्ड्स तैनात करने के निर्देश कलेक्टरों को आज दे दिये गये हैं।
निजी गोदाम किराये पर लेंगे
गेहूँ खरीदी की प्रतिदिन की रिपोर्ट के मुताबिक भण्डारण व्यवस्थाओं का फैलाव किया जा रहा है। अपने अधीन कोई 23 लाख मैट्रिक टन गेहूँ रखने की व्यवस्था और क्षमता तो पहले से राज्य सरकार के पास उपलब्ध है। अब जैसे-जैसे आवश्यकता पड़ेगी, संबंधित क्षेत्रों में इसका बंदोबस्त किया जाएगा। आज इस सिलसिले में हुई वीडियो कांन्फ्रेसिंग में प्रमुख सचिव खाद्य आपूर्ति श्री अशोक दास ने संबंधित जिला कलेक्टरों को किराए पर निजी गोदाम लेने के निर्देश भी दे दिए हैं।
कैप स्टोरेज की सुरक्षा
कई जिलों में सरकार के निर्देश के तहत कैप स्टोरेज का काम शुरू हो चुका है। यह भण्डारण व्यवस्था का एक खास विकल्प माना गया है। इस रीति से भण्डारण के लिए जमीन पर पहले रेत के बोरे एक दूसरे से चिपकाकर बिछाये जाते हैं और इसके ऊपर काली बरसाती ढकी जाती है। इसके बाद गेंहू के बोरों का ऊपर बढ़ते हुए क्रम में ढेर बनाया जाता है। ऐसे एक कैप में 162 टन गेहूं को इकट्ठा करने की क्षमता होती है। तयशुदा मात्रा का उँचा ढेर बनते ही उसे चारों दिशाओं और ऊपर की तरफ से भी अच्छे से बरसातियों से ढंक दिया जाता है। पैक्ड कैप के बाहर की ओर आसपास कीट रोधी दवाईयों का छिड़काव किया जाता है। कैप की शक्ल में इस ढेर को लम्बे समय तक सुरक्षित कर दिया जाता है।
ये कैप जहां कहीं बनाए जा रहे हैं वहां अभी से सुरक्षा के जरुरी प्रबंध भी किए जा रहे हैं ताकि इकट्ठा किए गए गेहूँ की किसी भी रूप में चोरी नहीं की जा सके। इस सिलसिले में आज जारी निर्देश के तहत एफआईआर तत्काल दर्ज कराने के साथ उपरोक्त स्थानों पर होमगार्ड्स के जवान तैनात किए जायंगे। अगर चोरी की गरज से किसी ने ट्रकों या अन्य वाहनों के इस्तेमाल की हिमाकत की तो इन्हें शक होते ही जप्त कर लिया जाएगा। ऐसे स्थानों पर वाहनों की आवाजाही पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
परिवहन व्यवस्था होगी मजबूत
उपार्जित गेहूँ के भण्डारण में परिवहन के साधनों की उपलब्धता संबंधी जानकारी राज्य सरकार के ध्यान में लाई गई है। परिवहन के घटक को पूरी तवज्जो देते हुए इसके पुख्ता इन्तजाम इस तरह किए जा रहे हैं कि खरीदी से जुड़ी एजेन्सियों को माल की ढुलाई में तालमेल के अभाव और इसके चलते कोई गफलत का सामना न करना पड़े। आज इस सिलसिले में जरुरी निर्देश दे दिए गए हैं। जिलों के साथ हुई वीडिओ कान्फ्रेसिंग में खाद्य आयुक्त श्री अजीत केसरी और अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
निजी गोदाम किराये पर लेंगे
गेहूँ खरीदी की प्रतिदिन की रिपोर्ट के मुताबिक भण्डारण व्यवस्थाओं का फैलाव किया जा रहा है। अपने अधीन कोई 23 लाख मैट्रिक टन गेहूँ रखने की व्यवस्था और क्षमता तो पहले से राज्य सरकार के पास उपलब्ध है। अब जैसे-जैसे आवश्यकता पड़ेगी, संबंधित क्षेत्रों में इसका बंदोबस्त किया जाएगा। आज इस सिलसिले में हुई वीडियो कांन्फ्रेसिंग में प्रमुख सचिव खाद्य आपूर्ति श्री अशोक दास ने संबंधित जिला कलेक्टरों को किराए पर निजी गोदाम लेने के निर्देश भी दे दिए हैं।
कैप स्टोरेज की सुरक्षा
कई जिलों में सरकार के निर्देश के तहत कैप स्टोरेज का काम शुरू हो चुका है। यह भण्डारण व्यवस्था का एक खास विकल्प माना गया है। इस रीति से भण्डारण के लिए जमीन पर पहले रेत के बोरे एक दूसरे से चिपकाकर बिछाये जाते हैं और इसके ऊपर काली बरसाती ढकी जाती है। इसके बाद गेंहू के बोरों का ऊपर बढ़ते हुए क्रम में ढेर बनाया जाता है। ऐसे एक कैप में 162 टन गेहूं को इकट्ठा करने की क्षमता होती है। तयशुदा मात्रा का उँचा ढेर बनते ही उसे चारों दिशाओं और ऊपर की तरफ से भी अच्छे से बरसातियों से ढंक दिया जाता है। पैक्ड कैप के बाहर की ओर आसपास कीट रोधी दवाईयों का छिड़काव किया जाता है। कैप की शक्ल में इस ढेर को लम्बे समय तक सुरक्षित कर दिया जाता है।
ये कैप जहां कहीं बनाए जा रहे हैं वहां अभी से सुरक्षा के जरुरी प्रबंध भी किए जा रहे हैं ताकि इकट्ठा किए गए गेहूँ की किसी भी रूप में चोरी नहीं की जा सके। इस सिलसिले में आज जारी निर्देश के तहत एफआईआर तत्काल दर्ज कराने के साथ उपरोक्त स्थानों पर होमगार्ड्स के जवान तैनात किए जायंगे। अगर चोरी की गरज से किसी ने ट्रकों या अन्य वाहनों के इस्तेमाल की हिमाकत की तो इन्हें शक होते ही जप्त कर लिया जाएगा। ऐसे स्थानों पर वाहनों की आवाजाही पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
परिवहन व्यवस्था होगी मजबूत
उपार्जित गेहूँ के भण्डारण में परिवहन के साधनों की उपलब्धता संबंधी जानकारी राज्य सरकार के ध्यान में लाई गई है। परिवहन के घटक को पूरी तवज्जो देते हुए इसके पुख्ता इन्तजाम इस तरह किए जा रहे हैं कि खरीदी से जुड़ी एजेन्सियों को माल की ढुलाई में तालमेल के अभाव और इसके चलते कोई गफलत का सामना न करना पड़े। आज इस सिलसिले में जरुरी निर्देश दे दिए गए हैं। जिलों के साथ हुई वीडिओ कान्फ्रेसिंग में खाद्य आयुक्त श्री अजीत केसरी और अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
0 comments:
Post a Comment