खरीफ की तैयारियों की कृषि अधिकारियों की बैठक में समीक्षा
इंदौर संभाग में इस बार खरीफ के दौरान उत्पादकता बढ़ाने को ध्यान में रखकर रणनीति बनायी गयी है। संभाग में खरीफ के तहत करीब 21 लाख हेक्टेयर रकबे में खरीफ की फसलें ली जायेगी। जिस तरह से सोयाबीन के उत्पादन में संभाग देश में अग्रणी है, उसी तरह उत्पादकता बढ़ाने में भी इंदौर संभाग को अग्रणी बनाया जायेगा।
यह जानकारी बुधवार को इंदौर में खरीफ की तैयारियों और रबी की समीक्षा के लिये प्रमुख सचिव कृषि एवं सहकारिता श्री आई.एस.दाणी की अध्यक्षता में आयोजित संभागीय स्तरीय समीक्षा बैठक में दी गयी। बैठक में इंदौर कमिश्नर श्री बसंत प्रताप सिंह भी उपस्थित थे।
बैठक में प्रमुख सचिव कृषि श्री दाणी ने कहा कि प्रदेश में संसाधनों की कमी नहीं है, जरूरत किसानों तक नवीनतम तकनीक के पहुँचाने की है। उन्होंने इंदौर संभाग के प्रत्येक जिले में विशिष्ट फसल को केन्द्र में रखकर उत्पादकता बढ़ाये जाने की आवश्यकता बताई। इंदौर कमिश्नर श्री सिंह ने बताया कि संभाग में बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। किसानों को समय से उर्वरक उपलब्ध कराने के कार्य को प्राथमिकता से करना होगा। बैठक में कलेक्टर इंदौर श्री राघवेन्द्र सिंह ने बताया कि जिले में बीज प्रतिस्थापन की दर 33 प्रतिशत है, इसे बढ़ाकर 36 प्रतिशत किया जायेगा।
बैठक में संचालक कृषि डॉ. डी.एन.शर्मा ने बताया कि रबी के तहत संभाग में दिये गये लक्ष्यों की शत-प्रतिशत पूर्ति की गई है। इंदौर संभाग में दलहन के क्षेत्र में विस्तार की संभावना है, साथ ही तिलहन और दलहन में उत्पादकता वृद्धि की जा सकती है। झाबुआ और अलिराजपुर जिले में 60 हजार हेक्टेयर में उड़द फसल का विशेष कार्यक्रम लिया जा रहा है। संचालक कृषि ने बताया कि आगामी 31 मई तक उर्वरक के अग्रिम उठाव पर ब्याज में छूट रहेगी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले में मई माह में कृषि विज्ञान मेले लगाये जायेंगे। हलधर योजना में इंदौर संभाग ने पूरे प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ कार्य किया है।
उद्यानिकी का क्षेत्र दो गुना करें
खरीफ की तैयारियों के लिये आयोजित बैठक में उद्यानिकी, पशुपालन, मछली पालन, कुक्कुट पालन, डेयरी के क्षेत्र में संभाग में किये जा रहे कार्यों की भी समीक्षा की गई। प्रमुख सचिव उद्यानिकी श्री अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि इंदौर संभाग के सभी जिलों में राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन का संचालन किया जा रहा है। संभाग में उद्यानिकी की स्थिति में पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले काफी सुधार आया है।
बैठक में प्रमुख सचिव कृषि श्री दाणी ने कहा कि प्रदेश में संसाधनों की कमी नहीं है, जरूरत किसानों तक नवीनतम तकनीक के पहुँचाने की है। उन्होंने इंदौर संभाग के प्रत्येक जिले में विशिष्ट फसल को केन्द्र में रखकर उत्पादकता बढ़ाये जाने की आवश्यकता बताई। इंदौर कमिश्नर श्री सिंह ने बताया कि संभाग में बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। किसानों को समय से उर्वरक उपलब्ध कराने के कार्य को प्राथमिकता से करना होगा। बैठक में कलेक्टर इंदौर श्री राघवेन्द्र सिंह ने बताया कि जिले में बीज प्रतिस्थापन की दर 33 प्रतिशत है, इसे बढ़ाकर 36 प्रतिशत किया जायेगा।
बैठक में संचालक कृषि डॉ. डी.एन.शर्मा ने बताया कि रबी के तहत संभाग में दिये गये लक्ष्यों की शत-प्रतिशत पूर्ति की गई है। इंदौर संभाग में दलहन के क्षेत्र में विस्तार की संभावना है, साथ ही तिलहन और दलहन में उत्पादकता वृद्धि की जा सकती है। झाबुआ और अलिराजपुर जिले में 60 हजार हेक्टेयर में उड़द फसल का विशेष कार्यक्रम लिया जा रहा है। संचालक कृषि ने बताया कि आगामी 31 मई तक उर्वरक के अग्रिम उठाव पर ब्याज में छूट रहेगी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले में मई माह में कृषि विज्ञान मेले लगाये जायेंगे। हलधर योजना में इंदौर संभाग ने पूरे प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ कार्य किया है।
उद्यानिकी का क्षेत्र दो गुना करें
खरीफ की तैयारियों के लिये आयोजित बैठक में उद्यानिकी, पशुपालन, मछली पालन, कुक्कुट पालन, डेयरी के क्षेत्र में संभाग में किये जा रहे कार्यों की भी समीक्षा की गई। प्रमुख सचिव उद्यानिकी श्री अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि इंदौर संभाग के सभी जिलों में राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन का संचालन किया जा रहा है। संभाग में उद्यानिकी की स्थिति में पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले काफी सुधार आया है।
उन्होंने कहा कि उद्यानिकी के मामले में इंदौर और उज्जैन संभाग में काफी अच्छी संभावना है। प्रमुख सचिव उद्यानिकी श्री अनिल श्रीवास्तव ने सरकारी नर्सरियों की हालात सुधारने और उद्यानिकी का रकबा दो गुना करने के भी निर्देश दिये। प्रमुख सचिव श्री मनोज गोविल ने पशु पालन, मत्स्य पालन, कुक्कुट पालन, डेयरी विभाग की गतिविधियों की समीक्षा की। बैठक में संभाग के जिलों के कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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