दस दिन में तेन्दूपत्ता संग्रहण का कार्य शुरू
राज्य शासन ने वनवासियों को तोहफा देते हुए तेन्दूपत्ता संग्रहण की दर में एक सौ रुपये प्रति मानक बोरा के मान से वृद्धि कर दी है। पिछले दो साल से यह दर 550 रुपये थी जो अब बढ़ाकर 650 रुपये कर दी गई है। वर्ष 2003 में यह दर 300 रुपये थी।
प्रदेश में अगले दस दिन में तेन्दूपत्ता संग्रहण का कार्य शुरू होना है। तेन्दूपत्ता संग्रहण में करीब 31 लाख लोग रोजगार पाते हैं। ये तेन्दूपत्ता संग्राहक 1066 समितियों के हैं।प्रदेश में संग्रहीत तेन्दूपत्ता से राज्य शासन द्वारा कोई रायल्टी नहीं ली जाती है। वर्ष 2008 में संग्रहीत तेन्दूपत्ते के लाभांश की करीब 39 करोड़ रुपये की राशि जल्दी ही संग्राहकों को वितरित की जायेगी।
संग्रहीत तेन्दूपत्ता के विक्रय से प्राप्त राशि में से खर्चे निकाल कर शेष प्राप्त लाभांश का 60 प्रतिशत हिस्सा नगद रूप में संग्राहकों को वितरित किया जाता है। शेष 20 प्रतिशत राशि ग्राम विकास और 20 प्रतिशत राशि वन विकास के कार्यों के लिये उपयोग की जाती है।
तेन्दूपत्ता संग्राहकों का 25 हजार रुपये तक की राशि का बीमा भी कराया जाता है। राज्य लघु वनोपज संघ ने प्रदेश के सभी तेन्दूपत्ता संग्राहकों से अपील की है कि ज्यादा से ज्यादा अच्छी गुणवत्ता वाले तेन्दूपत्ते का संग्रहण करें। संग्रहीत तेन्दूपत्ता प्राप्त करने के लिये सभी व्यवस्था की जा चुकी है।
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