प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री तथा कटनी जिले के प्रभारी मंत्री डा. रामकृष्ण कुसमरिया ने कहा है कि प्रदेश के उन ग्रामों को जैविक तीर्थ के रूप में विकसित किया जायेगा, जिन ग्रामों में जैविक खेती का कार्य बेहतर तरीके से किया जा रहा है।
इन ग्रामों में प्राथमिकता के साथ किसान कल्याण विभाग की योजनाओं का क्रियान्वयन किया जायेगा। कृषि विकास मंत्री डा. कुसमरिया पिछले दिनों कटनी जिले के नेगवॉ ग्राम में आयोजित किसान सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। डा. कुसमरिया ने इस गाँव में कृषक संगोष्ठी भवन बनाये जाने की भी घोषणा की।
डा. कुसमरिया ने कहा कि भारत में वर्षों पुरानी कृषि परम्परा रही है। भारतीय कृषि का आधार हमेशा से जैविक पद्धति का रहा है। कुछ वर्षों पहले भारतीय कृषि में रासायनिक उर्वरकों का अधिक उपयोग हुआ है। इस कारण कृषि भूमि की उर्वरा शक्ति का लगातार घटी है, यह एक चिन्ता का विषय है।
डा. कुसमरिया ने कहा कि भारत में वर्षों पुरानी कृषि परम्परा रही है। भारतीय कृषि का आधार हमेशा से जैविक पद्धति का रहा है। कुछ वर्षों पहले भारतीय कृषि में रासायनिक उर्वरकों का अधिक उपयोग हुआ है। इस कारण कृषि भूमि की उर्वरा शक्ति का लगातार घटी है, यह एक चिन्ता का विषय है।
इस बात को ध्यान में रखते हुये मध्यप्रदेश में शीघ्र ही जैविक नीति की घोषणा की जाने वाली है। इस नीति के क्रियान्वयन से प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। डा. कुसमरिया ने नेगवॉ ग्राम में किसानों के खेतों में पहुंचकर जैविक पद्धति से उत्पादित सब्जियों को देखा। कृषि मंत्री ने किसानों के खेतों में जैविक पद्धति से तैयार की जा रही है केंचुआ खाद को भी देखा। कृषि मंत्री ने नेगवॉ ग्राम के उन किसानों की प्रशंसा की जो जैविक पद्धति से खेती कर रहे हैं।
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