किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री डॉ। रामकृष्ण कुसमरिया ने कृषि अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि प्रदेश में इस वर्ष रबी सीजन में निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बोनी हो सके यह व्यवस्था कृषि अधिकारी सुनिश्चित करें।
कृषि विकास मंत्री डॉ. कुसमरिया पिछले दिनों भोपाल में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से कृषि कार्यक्रमों की समीक्षा कर रहे थे। प्रदेश में इस वर्ष किसान कल्याण विभाग ने 84.45 लाख हेक्टेयर में बोनी का कार्यक्रम बनाया है। इसमें गेहूँ की बोनी 35 लाख हेक्टेयर में, दलहन की 37.75 लाख हेक्टेयर में एवं तिलहन की लगभग 10 लाख हेक्टेयर में बोनी की जायेगी।
कृषि विकास मंत्री डॉ. कुसमरिया ने बताया कि रबी वर्ष 2009-10 के दौरान किसानों को वितरित किये जाने वाले खाद एवं बीज की उपलब्धता की जानकारी देने के लिये प्रदेश के 313 विकासखण्डों में दो दिवसीय कृषि संगोष्ठियां आयोजित की जा रही हैं। यह संगोष्ठियां अक्टूबर माह तक आयोजित होंगी। इन संगोष्ठियों में किसानों को कृषि विशेषज्ञ रबी सीजन में आने वाली कठिनाईयों को दूर करने के उपायों, कृषि की आधुनिक तकनीकों की जानकारी एवं जैविक खेती के बारे में बतायेंगे।
कृषि अधिकारियों को कहा गया है कि वे इन संगोष्ठियों में जन-प्रतिनिधियों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करें। संगोष्ठी में रबी मौसम के दौरान जिन विशेष प्रौद्योगिकी का व्यापक प्रचार किया जायेगा उनमें शत-प्रतिशत बीज उपचार, बायो फर्टिलाइजर का उपयोग, समय पर गेहूँ की बोनी, दलहनी एवं तिलहनी फसलों की उन्नत जानकारी, नियंत्रित पानी का उपयोग, किसान कॉल सेन्टर, कृषि नेट सुविधा तथा किसानों के लिये आयोजित की जाने वाली कृषि पाठशाला आदि विषय रहेंगे।
कृषि संगोष्ठी में किसानों को पशुपालन, उद्यानिकी, डेयरी, मछली पालन एवं मुर्गी पालन आदि के संबंध में भी प्रदर्शनी के माध्यम से जानकारी दी जायेगी।
किसान कल्याण विभाग ने इस वर्ष खरीफ 2009 के पूर्व भी प्रदेश में समस्त जिला मुख्यालयों पर कृषि विज्ञान मेलों का आयोजन किया था। इन कृषि विज्ञान मेलों में किसानों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लेकर कृषि कार्यक्रमों की जानकारी प्राप्त की थी।
कृषि विकास मंत्री डॉ. कुसमरिया पिछले दिनों भोपाल में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से कृषि कार्यक्रमों की समीक्षा कर रहे थे। प्रदेश में इस वर्ष किसान कल्याण विभाग ने 84.45 लाख हेक्टेयर में बोनी का कार्यक्रम बनाया है। इसमें गेहूँ की बोनी 35 लाख हेक्टेयर में, दलहन की 37.75 लाख हेक्टेयर में एवं तिलहन की लगभग 10 लाख हेक्टेयर में बोनी की जायेगी।
कृषि विकास मंत्री डॉ. कुसमरिया ने बताया कि रबी वर्ष 2009-10 के दौरान किसानों को वितरित किये जाने वाले खाद एवं बीज की उपलब्धता की जानकारी देने के लिये प्रदेश के 313 विकासखण्डों में दो दिवसीय कृषि संगोष्ठियां आयोजित की जा रही हैं। यह संगोष्ठियां अक्टूबर माह तक आयोजित होंगी। इन संगोष्ठियों में किसानों को कृषि विशेषज्ञ रबी सीजन में आने वाली कठिनाईयों को दूर करने के उपायों, कृषि की आधुनिक तकनीकों की जानकारी एवं जैविक खेती के बारे में बतायेंगे।
कृषि अधिकारियों को कहा गया है कि वे इन संगोष्ठियों में जन-प्रतिनिधियों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करें। संगोष्ठी में रबी मौसम के दौरान जिन विशेष प्रौद्योगिकी का व्यापक प्रचार किया जायेगा उनमें शत-प्रतिशत बीज उपचार, बायो फर्टिलाइजर का उपयोग, समय पर गेहूँ की बोनी, दलहनी एवं तिलहनी फसलों की उन्नत जानकारी, नियंत्रित पानी का उपयोग, किसान कॉल सेन्टर, कृषि नेट सुविधा तथा किसानों के लिये आयोजित की जाने वाली कृषि पाठशाला आदि विषय रहेंगे।
कृषि संगोष्ठी में किसानों को पशुपालन, उद्यानिकी, डेयरी, मछली पालन एवं मुर्गी पालन आदि के संबंध में भी प्रदर्शनी के माध्यम से जानकारी दी जायेगी।
किसान कल्याण विभाग ने इस वर्ष खरीफ 2009 के पूर्व भी प्रदेश में समस्त जिला मुख्यालयों पर कृषि विज्ञान मेलों का आयोजन किया था। इन कृषि विज्ञान मेलों में किसानों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लेकर कृषि कार्यक्रमों की जानकारी प्राप्त की थी।
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